सागर में फसा इक माझी
लड़ता रहा तूफ़ानों से
दो हांथों से पतवार चलाता
डरता नहीं डराने से
लहरों की वो मार झेलता
अपनी कश्ती को पार लगाता #कविता
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Poonam Singh
कभी जो तुम्हारे बालों पर तारिफ लिख दूं, तो शायद अच्छा लगे तुम्हें ।
कभी जो तुम्हारे मन को शब्दों से घायल कर दूं, तो शायद वो भी अच्छा लगे तुम्हें ।
इस शायद में न जाने कितनी गुस्ताखी छिपी है
कभी जो मैं गुस्ताखी कर दूं, तो शायद मेरा गुस्ताख हो जाना अच्छा लगे तुम्हें। #कविता
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Poonam Singh
वृक्ष से गिरे पत्तियों का कोई ठिकाना नहीं होता
हवा जिस ओर ले जाए वहीं उसे बह जाना होता है।
_पूनम सिंह
#DryTree#विचार
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Poonam Singh
वो चाय ही क्या जिसमें अदरक का स्वाद न हो।
वो चाय ही क्या जिसमें तुम्हारी यादों का उबाल न हो।
_पूनम सिंह #शायरी
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Poonam Singh
मैं क्या देख रहा हूँ
मैं क्या सोच रहा हूँ
मैं देख रहा हूँ इस आसमां को
इसकी ऊंचाईयों को
अन्नत दूर तक फैली इसकी गहराईयों को
तो क्या ये मैं हूँ? #कविता
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Poonam Singh
आज कुछ बहकी - बहकी सी बातें लिख रही हूँ।
शायराना अंदाज में नज़्मों की शाम लिख रही हूँ।
तुम्हारे नाम शिकवे शिकायतें तमाम
लिख रही हूँ।
कुछ कच्चे-पक्के लम्हों की दास्तां सरेआम लिख रही हूँ। #कविता
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Poonam Singh
वो चुपचाप खड़ा था
मन को दबाए पडा़ था
भीतर के हर दर्द को छुपा रहा था
चुप रहकर भी कुछ बोल रहा था
तभी वो आंखों से निकल पड़ी
उसकी एक आंसू बोल पड़ी #कविता#KashmiriFiles