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abhisheksharma2591
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Abhishek Sharma

Bramhan Bhardwaj

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Abhishek Sharma

Gumnaam Shayar
Meri jindgi ki kya khani rhi
Khi pannon pe likhi khi muhjubani rhi
 Khi dard aansu banke chalka
Toh kbhi khul kr khin has ska bhi nhi
 Kin kin halato se hu gujra mein
 vakt ki  bhi kesi kesi Pabandiya rhi
 Khwaab Sare dil me khi dafn kiye
Tute dil se sirf ek aashaa hi nikalti rhi
 Roshni ki tlash mein khda hu vakt ke chorahe pr
Jindgi dekha kr ke bhi dur se nikalti rhi
  Kyu hua esa mere saath me 
Esi swal ke jwab ke khatir jindagi ki chalti
Khani rhi

©Abhishek Sharma
  this is true of my life

#Ocean

this is true of my life #Ocean

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Abhishek Sharma

Gumnaam Shayar
Meri jindgi ki kya khani rhi
Khi pannon pe likhi khi muhjubani rhi
 Khi dard aansu banke chalka
Toh kbhi khul kr khin has ska bhi nhi
 Kin kin halato se hu gujra mein
 vakt ki  bhi kesi kesi Pabandiya rhi
 Khwaab Sare dil me khi dafn kiye
Tute dil se sirf ek aashaa hi nikalti rhi
 Roshni ki tlash mein khda hu vakt ke chorahe pr
Jindgi dekha kr ke bhi dur se nikalti rhi
  Kyu hua esa mere saath me 
Esi swal ke jwab ke khatir jindagi ki chalti
Khani rhi

©Abhishek Sharma this is true of my life

#Ocean

this is true of my life #Ocean

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Abhishek Sharma

अब मुझे ये जिंदगी मेरे गलत होने का एहसास कराने लगी है
टूटा तो  कभी नहीं था लोगों ने मुझे तोड़ने कि कोशिश बहोत कि थी पर अब मेरे अपनों कि ये बेरुखी मुझे टूट कर रुलाने लगी है
जिन लोगों के खातिर थे लाखों गम उठाए 
आज उन्हीं लोगों ने मुझपे लाखों सवाल और इल्ज़ाम लगाए
काश कि मै भी खुदगर्ज हो जाता किसी कि परवाह नही करता तो कुछ बन जाता
अब मुझे ये समझ में आ गया कि इस दुनियां मे खुदगर्ज होना कुछ गलत नहीं है
यहां सिर्फ़ अपने लिए जिओ लोग जिये या मरे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता यहां सब सही है

©Abhishek Sharma i am alone

#seashore

i am alone #seashore

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Abhishek Sharma

मेरी पहचान  तेरा यूं बदलता अंदाज मुझे रास नहीं आया
तू इतना जल्द बदल सकता है ये तो दिल कभी समझ हि नहि पाया
हम तो समझते थे तुम सिर्फ़ मेरे हो लेकिन तुम गैर  कब और कैसे हुए ये मुझे समझ नहीं आया
तुम ही तो कहते  थे दिल ख़ुदा का घर होता है
दिलो से खेल खेला नहीं करते
फिर तूने कैसे खेला ये खेल मेरे दिल के साथ
तेरी अपनी कही जुबां से तेरा मुकर  जाना मुझे समझ नहीं आया
जिसकी वजह से जीने कि  ख्वाइश जगी  वही मुझे मरने कि सजा दे गया
खुदा से भी बढ कर जिसे अपना माना 
वही यार आज बेवफा हो गया

    सविनय निवेदन है
                बहुत ही मेहनत से लिखा है
      इस लेख पर अपना अधिकार नहीं जताए
             इस लेख को अपना लेख न बताएं
                            और
       कृपया कापी ना करे तो महान दया होगी
लेखक ०- अभिषेक शर्मा
मो०-7991551759
पता०-  प्रसिद्धपुर रनिया कानपुर देहात उत्तर प्रदेश

©Abhishek Sharma please like and comment and share

#PoetInYou

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Abhishek Sharma

उनसे दूर खुद से ही मिले उसे एक ज़माना बीत गया है
कभी इस सख्स कि वजह से कितने ही मायूस चेहरों पर रोनके ए मुस्कुराहट लौटी
आज उसी सख्स  के चेहरे से हंसी को गुजरे एक ज़माना बीत चुका है
जो अपनो से दूर एक पल ना रह पाया कभी 
वो उन्हीं के ख्वाबों को पूरे करने के वास्ते दूर जाना सीख चुका है
अपनों कि खुशियों कि खातिर अपने ख्वाबों को खुद ही दफनाया उसने
रहा कितना ही तड़पता अकेला मगर मैं खुश हूं यही जताया उसने
खुद ही सारे दुख उठाए उसने  कहीं उसकी वजह से किसी के ख्वाब अधूरे ना रह जाए
वो अपनो से झूठ बोलकर सारे गमों को छुपाना सीख गया है

सविनय निवेदन है
                बहुत ही मेहनत से लिखा है
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                            और
       कृपया कापी ना करे तो महान दया होगी

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Abhishek Sharma

हारना नहीं हिम्मत तो कब कि हार मान चुकी थी 
मंज़िल पर पहुंचने से पहले
कदम भी थक हार कर रुकने ही वाले थे
मंज़िल पर पहुंचने से पहले
शुक्रगुजार हूं मै तेरा ऐ दिल जिसने मेरा हौसला बढ़ाया
 हिम्मत मत हार   देख तेरी मंज़िल आ गई 
एक कदम और बस  एक कदम और 
 बस फिर क्या होना था
मेरी मंज़िल आ गई।

    सविनय निवेदन है
                बहुत ही मेहनत से लिखा है
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लेखक ०- अभिषेक शर्मा
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©Abhishek Sharma
  if you like my poetry so please like comment and share  

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Abhishek Sharma

आज शाम  


Ek kissa jo  kb ka adhura pda hai
Ek hissa jo tere bgear adhura pda hai
Tere  intjar me kai sham gujri
Aaja to aaj mukamal ho iss sham
Sari ki sari khwahise
Jinda ho jaye dil jism e jan
Jo tere bgear bejan  sa pda hai
 आज की शाम

Abhishek sharma

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Abhishek Sharma

pleas like and coment and share jarur kijiye 
likhne me bhi maja ayega

©Abhishek Sharma #PoetInYou
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Abhishek Sharma

उनकी याद  कि एक ज़माना बीत गया और एक ज़माना गूजरा
जा रहा है
ना जाने तुझसे क्या मिला मै कोडियों के भाव बिक गया
दिल उस इक ख्वाहिश कि जिद पूरी होने कि सजा पा रहा है
खुद से में कब मिला अब तो मुझे ये भी नहीं  याद
 तुझे पाने वालों की कतार  में एक नाम शामिल मेरा भी 
दिल इस ही एक तलाश मे खुद का वजूद भी खोता जा रहा है


सविनय निवेदन है
                बहुत ही मेहनत से लिखा है
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       कृपया कापी ना करे तो महान दया होगी
लेखक ०- अभिषेक शर्मा
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पता०-  प्रसिद्धपुर रनिया कानपुर देहात उत्तर प्रदेश

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Abhishek Sharma

उनकी याद  कि एक ज़माना बीत गया और एक ज़माना गूजरा
जा रहा है
ना जाने तुझसे क्या मिला मै कोडियों के भाव बिक गया
दिल उस इक ख्वाहिश कि जिद पूरी होने कि सजा पा रहा है
खुद से में कब मिला अब तो मुझे ये भी नहीं  याद
 तुझे पाने वालों की कतार  में एक नाम शामिल मेरा भी 
दिल इस ही एक तलाश मे खुद का वजूद भी खोता जा रहा है


सविनय निवेदन है
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