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aruljoshi3237
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Arul Joshi

शब्दकार हूं शब्दों की कला को परोसना जनता हूं । मन को मोहने की कला जनता हूं। Lyricist, Voice artist

https://www.youtube.com/@shabdkararul8868

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Arul Joshi

#yemausam
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Arul Joshi

Mere hath me tera hath ho 
or manjil Kedarnath ho.

©Arul Joshi #sparsh
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Arul Joshi

पृथ्वी का सीना गर्व से हुआ बड़ा 
चांद की धरती पे एक यान जा हुआ खड़ा
दिन गौरवमय रात दिवाली 
चंद्रयान की बात निराली 
भारत का मान बढ़ा ले तिरंगा चांद पे जा गड़ा।

©Arul Joshi
  #chandrayaan3
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Arul Joshi

कुछ खोकर कुछ पाकर, ये जिंदगी की राह पर 
चल रही है दौड़ संघर्ष भरी यूं ठोकरों को खाकर।
कहीं गिरकर संभलकर 
कहीं रुक कर कभी चलकर 
बस बढ़ रहीं है सांसे अपने ही सफर पर।

कुछ खोकर कुछ पाकर, ये जिंदगी की राह पर 
चल रही है दौड़ संघर्ष भरी यूं ठोकरों को खाकर।

कुछ सच्चे तो कभी झूठे,कुछ सपने कई अपने 
उन सबको भुलाकर 
बस बढ़ रही है सांसे अपने ही सफर पर।

©Arul Joshi
  #yaadein
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Arul Joshi

जिंदगी के हिसाब में
कुछ ठोकरे लिखी है शायद
रास्ता बदलने की कोशिश भी की तो 
संभल ही पाया हूं

©Arul Joshi
  #uskaintezaar
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Arul Joshi

कुछ खोकर कुछ पाकर, 
ये जिंदगी की राह पर
 चल रही है दौड़ संघर्ष भरी
 यूं ठोकरों को खाकर।
कहीं गिरकर संभलकर 
कहीं रुक कर कभी चलकर 
बस बढ़ रहीं है सांसे अपने ही सफर पर।

कुछ खोकर कुछ पाकर, 
ये जिंदगी की राह पर 
चल रही है दौड़ संघर्ष भरी
 यूं ठोकरों को खाकर।

कुछ सच्चे तो कभी झूठे,
कुछ सपने कई अपने 
उन सबको भुलाकर 
बस बढ़ रही है सांसे अपने ही सफर पर।

©Arul Joshi
  #Sukha

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Arul Joshi

#yemausam
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Arul Joshi

kuch khokar

kuch khokar #Poetry

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Arul Joshi

मैं लहू कहूं या रक्त कहूं
दोनो में अंतर शब्दो का।
शब्द बाण गति अति तीव्र
पल में बिखरा दे मर्म रिश्तों का।
ये शब्द ही है जो दे प्रेम भाव।
भाव भावना मानव के मन से ,
कटु सरल शब्द है जीवन के,
ज्ञान अधूरा बिन शब्दों के।
अर्थ निरर्थक है बन जाता
शब्द परिभाषा है भाषा की
 जो भाष्य शैली को है झलकता।

©Arul Joshi
  #kitaab
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Arul Joshi

नवयुवक को साथ जोड़कर नव चेतना चेतन कर दी, 
नव युग के इस  नभ सागर में नवाचार की कलियां भर दी।
 कलियां यह एक दिन खिल करके महका देंगे इस धरती को।
 हर युवा साकार करेगा धरा धर्म के स्वर्ण युग को।
 पाया हमने प्रधान पंथ का एक ऐसा भी ,
साकार किया उसने हर सपना कठिन सरल हो या कैसा भी।
 मनोबल उसका कभी गिरा नहीं 
ना गिरने देता भागीदार हर जन हो देश का है वह ऐसा वचन  प्रणेता ।
सौगंध लिए वह इस रज धरा की करें सराहना नव खेल कला की
 पुनः सुसज्जित धरा कर दी राम लला की।
 विश्व में परचम विश्वगुरु का लहराया ,सुबह तिरंगा आजादी का फहराया।
चंद्र भूमि पर यान  भेज कर शंभू नाथ का नाम कराया।
नवयुवक को साथ जोड़कर नव चेतना चेतन कर दी,
 नव युग के इस  नभ सागर में नवाचार की कलियां भर दी।

©Arul Joshi #Aasmaan *...Shree radhey....* 
https://youtube.com/shorts/BhhfY4BrdI8?si=AkbLByeO1nVOiQcJ

#Aasmaan *...Shree radhey....* https://youtube.com/shorts/BhhfY4BrdI8?si=AkbLByeO1nVOiQcJ

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