Nojoto: Largest Storytelling Platform
beenarai3244
  • 269Stories
  • 13.9KFollowers
  • 9.5KLove
    2.8LacViews

Beena

सबके अना का बहुत ख़याल रखती हूं अपने ज़ख़्मी अना के हिसाब रखती हूं ये जिंदगी अज़ाबों मे भी उज़ली ही रही ज़हन से दूर तीरगी के किताब रखती हूं

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

White दरिया-ए-ग़म की घाट पर 

रूह को इस कदर पखारा है 

नहीं लगता कोई बेगाना 

और ना ही कोई हमारा है 

एक पल भी लगे मुश्किल 

तुम्हारे बिन जिसको आज भी 

बताओ बिन तुम्हारे ही 

उस दिल का कैसे गुजारा है

कोशिश का कतरा कतरा  

काम आता रहा हर बार 

सब्र की ठंडी छांव ने 

थकी उम्मीदों को संवारा है ।


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #sad_shayari
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

White 

*हर मूरीद मुझसे रूसवा है*




मुझको शायद सिर्फ तुम्हारी आंखों ने ही चाहा था 

मगर तुमपर मिरी जीस्त का हर मंज़र था फिदा हुआ 

अब ये जिंदगी भाती नहीं क़जा भी तो आती नहीं 

लगता है  *बीना* पर जहां का ज़र्रा ज़र्रा  हंसता है 

आजकल जाने क्यों मेरा हर मुरीद मुझसे रूसवा है ।


(स्वलिखित कविता से)


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #Sad_Status
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

White ज़रा ज़रा सा एहसान सबके याद रखती हूं 

खताएं माफ़ कर सबकी खुद को आबाद रखती हूं 


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #GoodMorning
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

White दरिया-ए-ग़म की घाट पर 

रूह को इस कदर पखारा है 

नहीं लगता है कोई बेगाना 

और ना ही कोई हमारा है 

एक पल भी लगे मुश्किल 

तुम्हारे बिन जिसको आज भी 

बताओ बिन तुम्हारे ही 

उस दिल का कैसे गुजारा है

कोशिश का कतरा कतरा  

काम आता रहा हर बार 

सब्र की ठंडी छांव ने 

थकी उम्मीदों को संवारा है ।


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #sad_qoute
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

White सब्र का वो मेरे इंतहा ले रहा है 

रह के खामोश वो मेरी जां ले रहा है 

सह सके जो न खुद पीर मन की मेरे 

वही दर्दे जुदाई खामखां दे रहा है।


स्वरचित मुक्तक 

बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #sad_shayari  शायरी

#sad_shayari शायरी

2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

White दामने-दुआ ओढ़ कर हम बैठें हैं इस इंतजार में 

बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


मेहरबां हो ही जाएगा रब एक दिन मिरी इबादत से 

नूर ही नूर से भर जाएगी मेरी किस्मत ऐसी बयार में 


बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


संग छोड़ देते हैं सब जरा गमगीन देखकर बीना 

एक उम्मीद ही तो है जो हरदम है तिरे इख्तियार में 


बेज़मीरों की ख़लिश भी बदलेगी एक दिन प्यार में 


(स्वरचित कविता से)


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #love_shayari
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

White  दरिया-ए-ग़म की घाट पर 

रूह को इस कदर पखारा है 

नहीं लगता है कोई बेगाना 

और ना ही कोई हमारा है 

एक पल भी लगे मुश्किल 

तुम्हारे बिन जिसको आज भी 

बताओ बिन तुम्हारे ही 

उस दिल का कैसे गुजारा है

कोशिश का कतरा कतरा  

काम आता रहा हर बार 

सब्र की ठंडी छांव ने 

थकी उम्मीदों को संवारा है ।


बीना राय 

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #sad_shayari
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

कुछ बात करो



आओ बैठो पास मिरे कुछ बात करो

साझा मुझसे अपने तुम जज़्बात करो


हो जाए बदनाम हमारी दोस्ती 

तुम पैदा ऐसे ना कोई हालात करो।


रख दिया खोलकर मन जब आप के सामने 

अब मन के घावों पर नहीं आघात करो


तुम कहते हो मैं हूं सूखा फलहीन शजर 

तो अलाव में उपयोग डार और पात करो


 कह दूं अलविदा मैं आप की महफ़िल को 

 मगर बार आखिरी हंसकर तो मुलाकात करो।


स्वरचित 

बीना राय

गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

©Beena #दोस्त
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

चले जा रही हूं

ना अपना रही हूं ना ठुकरा रही हूं
मैं तो अंजानी ज़ख्मों से दिल बचा रही हूं।

बहुत प्यारे इंसान हो तुम मगर
बदल जाओगे मैं ये समझा रही हूं ।

मुझको मंजूर अश्कों में जीना नहीं अब
मैं जो तन्हाइयों में भी मुस्कुरा रही हूं।

इस दुनिया में ग़म ने बख़्शा है किसको
बस यही सोच कर अब जिये जा रही हूं।

इन हवाओं,दरख़्तों और सागर की लहरों को
मैं आजकल हमसफ़र बना रही हूं।

ना रुकना मुझे अब है पल भर गंवारा
मैं मुसलसल सफ़र में चले जा रही हूं।

स्वरचित

बीना राय
गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

©Beena #kinaara
2118bc82a728eec685cebe2d4b889911

Beena

पकड़ कर उंगली
विश्वास की सफर
को जारी रखना
गिरना, उठना, संभलना
फिर बेतहाशा बस तुम
आगे की तरफ बढ़ना
पर वक्त बर्बाद न करना
करने में कभी भी
किसी से जंग जवाबी

ना छोड़ना कभी भी
आंखों में ख्वाब सजाना
तुम कर्म की आंच पर 
मीठे उम्मीद को पकाना
और देना दावत उनको भी
जिन्होंने छीनी थी कभी तुमसे
तुम्हारी खुशियों की चाबी

©Beena 
  #adventure
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile