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divyapatel2062
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Divya Dolesh Patel

student, housewife and Writer also

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Divya Dolesh Patel

आज वो ऐसे मिल रहे हैं उनसे, 
जैसे मिला करते थे कभी हमसे,
कहते थे कि तुम साड़ी में बहुत प्यारी लगती हो,
आज किसी और को साड़ी में देखकर मुस्कुरा रहे हैं,
रोज मेरे हाथों को चूमा करते थे,
आज किसी और के हाथों की तारीफ हो रही है,
जो नाम प्यार से हमे मिला था,
आज वो नाम भी किसी और का हो गया,
अब कैसे और क्या-क्या बयां करें हम,
जितना हक़ हमारा था उनपे,
आज वो किसी और का हो गया।

©Divya Dolesh Patel #Love
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Divya Dolesh Patel

जब भी बारिश होती है,
सबसे पहली तेरी याद आती है,
खुले आसमान के नीचे,
हाथों में हाथ लिए,
बारिश की हर एक बूंद को महसूस करना,
वो बारिश के साथ वाली ठंडी हवा,
और वो मिट्टी की सौंधी खुशबू,
अब भी चुपके से कुछ कह जाती है,
बादल की गड़गड़ाहट से डर कर
तेरे आगोश में खो जाना,
अब सब एक सपना सा लगता है,
तेरे साथ बिताया हर पल अपना सा लगता है।

©Divya Dolesh Patel #raining
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Divya Dolesh Patel

बेटी की पुकार

माँ मुझे भी दुनिया देखनी है, मुझे जन्म लेने दो ना,
नही मरना है तुम्हारी कोख में, सीने से लगने का मौका दो ना,
मैं भी तुम्हारे कुल का नाम रौशन करूँगी,
खूब तरक्की कर देश का नाम ऊंचा करूँगी,
बस तुम मुझे उन दरिंदों से बचा लेना,
जो बेटियों से खुल कर जीने का हक़ छीन लेते है,
नही बनना मुझे किसी की वहस का शिकार,
और नही जलना मुझे तेज़ाब में,
तकलीफ तो बहुत होगी ना,
और उससे भी ज्यादा तकलीफ तब होगी,
जब सब कुछ जानते हुए भी मुझे इंसाफ नही मिलेगा,
बस इतना ख़्याल रखना मेरा,
कि जब मैं ससुराल जाऊं, 
तो दहेज की लालच में कोई मुझे ज़िंदा न जला दे,
मेरी पुकार बस इतनी है,
तुम और पापा मुझे परियों की तरह संभाल कर रखना,
हमेशा वहसी दरिंदो और लालची ससुराल वालों से  बचा के रखना,
साथ ही इतना हौसला देना की मैं सबसे लड़ सकूँ,
और अपने हक़ के लिए आवाज़ उठा सकूँ।

©Divya Dolesh Patel #AWritersStory
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Divya Dolesh Patel

माँ रूठना कभी ना मुझसे, मैं मना नही पाऊंगी,
तुम हमेशा मेरे दिल की बात समझ जाती हो, अब मैं भी तुम्हें, समझने लगी हूँ,
माँ मैं घर के कामों में हमेशा हाथ बटाती रहूंगी, शिकायत का मौका नही दूंगी,
बस तू हमेशा मुझे प्यार-दुलार करती रहना।

©Divya Dolesh Patel #माँ
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Divya Dolesh Patel

माँ तुम क्यों नाराज़ हो मुझसे,
कुछ तो कहो, यूं चुप न रहो,
किस गलती की सजा है ये,
जरा सा बात तो करो।

©Divya Dolesh Patel #MothersDay
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Divya Dolesh Patel

कहाँ गया तेरा वादा,
अब जा रहे हो तुम, अपने वादे तोड़कर,
जाने से पहले एक बार, मेरी आँखों मे देख लो,
पता चलेगा.. सिर्फ वादे ही नहीं, जा रहे हो तुम मेरा भरोसा तोड़कर।

©Divya Dolesh Patel #standAlone
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Divya Dolesh Patel

कैसे बताएं हम अपने मोहब्बत की अधूरी दास्तां,
इश्क़ तो बहुत था, पर न जाने क्यों मुकम्मल न हुआ,
हर दुआ में हमने उसे ही मांगा था,
फिर भी खुदा ने हम दोनों को जुदा कर दिया,
जुदाई का माहौल ही कुछ ऐसा बना दिया,
मज़हब की वजह से जुदा कर दिया,
रह गयी हमारी दास्तां अधूरी,
एक तरफ परिवार, तो एक तरफ इश्क़,
और आज एक बार फिर परिवार के आगे इश्क़ हार गया,
हर एक कोशिश, हर एक मंदिर-मस्ज़िद में,
कहीं मन्नत तो कहीं दुआ मांगी थी मैनें,
फिर भी ये बेइंतहां इश्क़ अधूरी दास्तां बन के रह गयी।

©Divya Dolesh Patel #Smile
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Divya Dolesh Patel

तुम बस अपने हाथों में मेरे नाम की मेहंदी लगा लेना,
मैं तुम्हारे मांग में सिंदूर भरकर,  तुम्हारा दामन खुशियों से सजा दूंगा।

©Divya Dolesh Patel #Flower
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Divya Dolesh Patel

*इंसानियत*

तुम इंसान हो तो इंसानियत दिखाओ,
अपने अंदर के जानवर को मत जगाओ,
क्यों करते हो किसी लड़की का बलात्कार,
जिससे हो जाती इंसानियत शर्मशार,
मंदिरों में दान कर आते हो हजारों,
भिखारी को एक सिक्का देने से कतराते हो,
इधर मोमबत्ती जलाते हो चर्च में,
उधर गरीब सो जाता है अंधकार में,
तुम चढ़ाते हो मस्ज़िद में चादर,
फुटपात में सो जाता है बालक,
बड़े-बड़े होटलों में,
शादी-ब्याह में,
बर्बाद करते हो भोजन,
तो कोई तरसता है एक निवाले को,
दिखावे के लिए गरीब रिश्तेदारों का साथ छोड़ते हो,
तब कहा जाती है तुम सब की इंसानियत,
महंगे कपड़े पहनते हो,
और किसी जरूरत मंद को,
कपड़े दान करने की कतराते हो,
ऐसी है हमारी इंसानियत,
इंसानियत तो हम में खत्म हो चुकी है,
जो बाकी है, वो है बस दिखावट।

©Divya Dolesh Patel #Smile
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Divya Dolesh Patel

आंखों में आस
और पानी की प्यास में, 
पेट की भूख
और ये तपती धूप,
फटे पुराने कपड़े पहन,
मेहनत करता दिन रात,
वो गरीब है साहब,
नहीं मानता है हार,
कड़ी मेहनत कर परिवार चलाता,
अपनों के लिए दिन-रात कमाता,
गरीबी है ही ऐसी,
जिससे हर कोई शर्माता,
इतनी गरीबी में भी,
हरदम मुस्कुराता,
दिनभर थकान और तकलीफ़े सहकर भी,
सुबह होते ही फिर मेहनत करता,
और कुछ लोग,
जो इंसान के रूप में इंसान नहीं
गरीबों से रिश्ते तोड़ता
और अमीरों से रिश्ते जोड़ता
बन गयी है लोगों की फितरत,
जो राजा को भी रंक बना दे,
ऐसी है ये कुदरत,
ऐ दोस्त...
मत कर घमंड अपनी दौलत का,
एक दिन सब मिट्टी में मिल जाएगा,
जहां दफन होते हैं गरीब,
अमीरों को भी वही दफनाया जाएगा।

©Divya Dolesh Patel #Hopeless
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