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pratimayadav6839
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प्रतिमा कुमार यादव

मैं नीर भरी दुख की बदली

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प्रतिमा कुमार यादव

No one can see your inteligence
because it is inside the brain
No one can see your heart
because it is behind the Mascles 
Every one  can see you charm 
because it is on your face

©प्रतिमा कुमार यादव
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प्रतिमा कुमार यादव

White चल चलते है हम दोनो भी उस डगर
जहां न शक संदेह हो , ना प्रश्न हो
ना हमारे बीच रहे कोई अगर मगर।

चल पार करते है इस सीमा को
जहां न इश्क हो न नफरत हो 
न कोई दुश्मन हो न कोई गैर

न इच्छा हो न वासना हो
न अंत हो न आरंभ हो 
बस हम रहे हर जगह
 इधर और उधर
ये जगह मुक्ति है,
या भक्ति है,
यही शक्ति है

©प्रतिमा कुमार यादव #Thinking
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प्रतिमा कुमार यादव

White इस संसार में वो सबसे अधिक भाग्यशाली है,
जिससे कोई बहुत प्रेम करता है,
जिसपर किसी को बहुत ज्यादा विश्वास है।
वो स्त्री पूजनीय है ,
जिसके लिए कोई पुरुष पूर्णरूप से समर्पित है,
वो पुरुष आदरणीय है ,
जिसके प्रति कोई  स्त्री समर्पित है।
प्रेम वो भाव है कि
जिसके मन प्रेम हो वो आदरणीय 
और जिसके प्रति उत्पन्न हो
वो अनुकरणीय है।

©प्रतिमा कुमार यादव #love_shayari
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प्रतिमा कुमार यादव

Unsplash सर  :-  भूखे प्यासे 5-6 घंटा क्यों लगे रहते हो??




मैं  :-    सर जी भूखे प्यासे हैं तभी तो 5 - 6 घंटा 
लगे है अगर पेट भरा ही होता
 तो इतनी मेहनत 
क्यों करते???????

©प्रतिमा कुमार यादव #library
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प्रतिमा कुमार यादव

जनाब कहते है मुझे कि
"तुम्हें पद, प्रतिष्ठा, पैसों की कीमत है
इंसानों का नही"
तो श्रीमान थोड़ा गौर फरमाएं

इश्क मोहब्बत दिल से होती है
पर पेट को भूख लगती है
दिल को दीवानगी और दिलग्गी चाहिए 
पर पेट तो भोजन खाता है
और मेरा बात मानिए कि
जब पेट भरा होता है 
तब ही हमें इश्क होता है

©प्रतिमा कुमार यादव
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प्रतिमा कुमार यादव

हवाओं में बहेंगे घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी मैं तेरा बादल पिया
जो तेरे ना हुवे तो किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी मैं तेरा पागल पिया
हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी
मिली है इक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना क्यों चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया

©प्रतिमा कुमार यादव
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प्रतिमा कुमार यादव

Unsplash ऊंघता हुआ 
यूंही किताबों के बीच 
कुछ खयाल आ गए
क्या  -   क्या पाए है
क्या कुछ छोड़ आए
पीछे देखूं मुड़कर
या आगे बढूं जरा
फिर यूंही
 किताबो में ही लौट आए

©प्रतिमा कुमार यादव #library
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प्रतिमा कुमार यादव

Unsplash जिंदगी उस मोड़ पर है कि
दो ही बातें समझ आ राही है
या तो पन्ना पलटकर आगे बढ़ू
या किताब बंद कर
 सब कुछ खत्म कर दूं

©प्रतिमा कुमार यादव #Book
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प्रतिमा कुमार यादव

ना वो रूढ़ा था 
ना हम खफा हुए थे
वफा की इस कहानी में
ना जाने कैसे हम जुदा हुए थे
जन्मों के साथ इसी जन्म में हम बिछड़े थे 
वादें मुझे याद थी  और वो भी न भूले थे

©प्रतिमा कुमार यादव
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प्रतिमा कुमार यादव

White शायद ये खामोशियां है चेहरे की
बातें तो होती है पर अपने मन की
प्रश्न भी अपने मन की
और जवाब भी खुद की
ना किसी से शिकवा
ना शिकायत है औरों की
समस्या खुद के जीवन की और
समाधान भी अपने मन की

ओ मैडम जी !
Singal है तो यही होगा न 
इश्क करो 
किसी से फिर न खामोश होंगे
 न खुद में रहेंगे

©प्रतिमा कुमार यादव #Sad_Status
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