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sameersamkhan7412
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SamEeR “Sam" KhAn

The destination is never easy We have to make those floors easy with our hard work… SameeR_KhaN Follow Me👇 Insta Id: "_sameer_sam_khan I know every language ... !! English French Indonesian Italian Russian Portuguese

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SamEeR “Sam" KhAn

तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो 
मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो 

तुम्हारे बा'द भला क्या हैं वअदा-ओ-पैमाँ 
बस अपना वक़्त गँवा लूँ अगर इजाज़त हो 

तुम्हारे हिज्र की शब-हा-ए-कार में जानाँ 
कोई चराग़ जला लूँ अगर इजाज़त हो 

जुनूँ वही है वही मैं मगर है शहर नया 
यहाँ भी शोर मचा लूँ अगर इजाज़त हो 
किसे है ख़्वाहिश-ए-मरहम-गरी मगर फिर भी 
मैं अपने ज़ख़्म दिखा लूँ अगर इजाज़त हो 

तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी 
कुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो

©SamEeR “Sam" KhAn #दिल
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SamEeR “Sam" KhAn

मेरे ये "उजाले"...!



पास तेरे "छुपा'ले"...!!
हमको तू , हमसे ही आज "चुरा'ले"...!
दिल की तेरी तल़ब को... 'विचित्र'
मेरे हलक़ में उतरकर आज "बुझा 'ले"...!!

©SamEeR “Sam" KhAn #आंखें
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SamEeR “Sam" KhAn

बस अपना ही गम देखा है
तूने कितना कम देखा है।

उसको भी गर रोते देखा
पत्थर को शबनम देखा है।

उन शाखों पर फल भी होंगे
जिनको तूने खम देखा है।

खुद को ही पहचान न पाया
जब अपना अल्बम देखा है।

हर मौसम बेमौसम जैसे
जाने क्या मौसम देखा है।

©SamEeR “Sam" KhAn #मौसम
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SamEeR “Sam" KhAn

मेरा ये ख़्वाब कि तुम मेरे क़रीब आई हो

अपने साए से झिझकती हुई घबराती हुई
अपने एहसास की तहरीक पे शरमाती हुई
अपने क़दमों की भी आवाज़ से कतराती हुई
अपनी साँसों के महकते हुए अंदाज़ लिए
अपनी ख़ामोशी में गहनाए हुए राज़ लिए
अपने होंटों पे इक अंजाम का आग़ाज़ लिए
दिल की धड़कन को बहुत रोकती समझाती हुई
अपनी पायल की ग़ज़ल-ख़्वानी पे झल्लाती हुई
नर्म शानों पे जवानी का नया बार लिए
शोख़ आँखों में हिजाबात से इंकार लिए
तेज़ नब्ज़ों में मुलाक़ात के आसार लिए
काले बालों से बिखरती हुई चम्पा की महक
सुर्ख़ आरिज़ पे दमकते हुए शालों की चमक
नीची नज़रों में समाई हुई ख़ुद्दार झिजक
नुक़रई जिस्म पे वो चाँद की किरनों की फुवार
चाँदनी रात में बुझता हुआ पलकों का सितार
फ़र्त-ए-जज़्बात से महकी हुई साँसों की क़तार
दूर माज़ी की बद-अंजाम रिवायात लिए
नीची नज़रें वही एहसास-ए-मुलाक़ात लिए
वही माहौल वही तारों भरी रात लिए
आज तुम आई हो दोहराती हुई माज़ी को
मेरा ये ख़्वाब कि तुम मेरे क़रीब आई हो
काश इक ख़्वाब रहे तल्ख़ हक़ीक़त न बने
ये मुलाक़ात भी दीवाने की जन्नत न बने

©SamEeR “Sam" KhAn #जन्नत
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SamEeR “Sam" KhAn

निश्छलता भरी है तेरे हर रूप में,तू अल्लाह को पड़ी किसी अजान की तरह है।

बादलों से घिरे काले घनघोर घटाओं में, भरे तारों से टिमटिमाते आसमान की तरह है।
सबसे अनमोल है तू मां इस जहां में,तू तो खाली हाथ को मिली किसी सौगात की तरह है।।

निरंकार ज्योती है तेरे अमोध प्रेम में,तू भवानी की ललाट से निकली किसी तेज की तरह है।
सांसें भर दे दम तोड़ती उम्मीदों में, तू अग्र पथ को प्रकाशित करती किसी मशाल की तरह है।
सबसे जुदा है तू मां इस जहां में, तू तो खंडर दिल में जागी किसी अनोखे अरमान की तरह है।।

नष्ट कर दे इतनी क्षमता नहीं विषदंत में,तू मृत शरीर में बहते प्राण की तरह है।
कोई मिलावट नहीं तेरी शुद्धता में,तू बहती गंगा के कंचन धार की तरह है ।
सबसे अमूल्य है तू मां इस जहां में, तू तो खामोश होटों को मिली किसी मुस्कान की तरह है।।

©SamEeR “Sam" KhAn #maa

15 Love

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SamEeR “Sam" KhAn

शाम में बिखरी हुई है यादें,

तुझसे मिलना बिछड़ना सब कुछ।

उसकी नकल आदतें रखना,
बाप से झगड़ना अकड़ना सब कुछ।

माँ की सौगंध माँ किये इन्तजार,
अपना रूठना मनाना सब कुछ।

पिय खातिर सबसे दूरी,
निराश होना फिर मन मनाना सब कुछ।

आसमान में चांद थक हार गया,
फिर उनका आना सब कुछ।

तुम भी भूले गाँव का गगन,
शहर का जंगल सुकून का जाना सब कुछ।

©SamEeR “Sam" KhAn #मां
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SamEeR “Sam" KhAn

आज की बात नई बात नहीं है ऐसी 
जब कभी दिल से कोई गुज़रा है याद आई है 
सिर्फ़ दिल ही ने नहीं गोद में ख़ामोशी की 
प्यार की बात तो हर लम्हे ने दोहराई है 

चुपके चुपके ही चटकने दो इशारों के गुलाब 
धीमे धीमे ही सुलगने दो तक़ाज़ों के अलाव! 
रफ़्ता रफ़्ता ही छलकने दो अदाओं की शराब 
धीरे धीरे ही निगाहों के ख़ज़ाने बिखराओ 

बात अच्छी हो तो सब याद किया करते हैं 
काम सुलझा हो तो रह रह के ख़याल आता है 
दर्द मीठा हो तो रुक रुक के कसक होती है 
याद गहरी हो तो थम थम के क़रार आता है

©SamEeR “Sam" KhAn #याद
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SamEeR “Sam" KhAn

शैतान तू कितना शैतान हो गया


तू अपने जैसों पे मेहरबान हो गया
मैंने सदा ख़ुद को पारसा समझा
मैं ख़ुद में तुझे देख हैरान हो गया
तू भाग गया हिसाब किताब के वक़्त
मैं हिसाब देते देते परेशान हो गया
मैं तो गुमनाम जी रहा था मगर
तेरे साथ रहके मैं बदनाम हो गया
ख़ुशफ़हमी थी कि मैं ख़ुश हूँ बहुत
मेरे ख़ुशियों का क़त्ल खुले आम हो गया
शरीफों के लिबास में वो रहता था मगर
वो शैतान है शहर में ऐलान हो गया
रईस को सही मंज़िल मिली ही नहीं
भटकते भटकते दिन तमाम हो गया..

©SamEeR “Sam" KhAn #शैतान
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SamEeR “Sam" KhAn

तो क्या हुआ,


जो साथ न रह सके तो,
क्या पता तक़दीर में,
जीना नहीं मरना साथ हो....

©SamEeR “Sam" KhAn #साथ

10 Love

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SamEeR “Sam" KhAn

मुसाफ़िर के रस्ते बदलते रहे 
मुक़द्दर में चलना था चलते रहे 

मेरे रास्तों में उजाला रहा 
दिए उस की आँखों में जलते रहे 

कोई फूल सा हाथ काँधे पे था 
मिरे पाँव शो'लों पे जलते रहे 

सुना है उन्हें भी हवा लग गई 
हवाओं के जो रुख़ बदलते रहे 
वो क्या था जिसे हम ने ठुकरा दिया 
मगर उम्र भर हाथ मलते रहे 

मोहब्बत अदावत वफ़ा बे-रुख़ी 
किराए के घर थे बदलते रहे 

लिपट कर चराग़ों से वो सो गए 
जो फूलों पे करवट बदलते रहे

©SamEeR “Sam" KhAn #मुसाफिर
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