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ujjwalkumar3827
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Ujjwal Kumar

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Ujjwal Kumar

हो दोपहर की नींद जैसी
ज़िन्दगी तो बात क्या
हो चाय जैसी शाम तो
उबासियों का काम क्या

हो धूप में जो नर्मियाँ
तो रूत नई बहार क्या
हो नींद का नशा बहुत
तो मैख़ाने का काम क्या

हो होठों पे पैगाम अगर
तो धड़कनों का नाम क्या
हो दिन की मस्त चांदनी
तो रात का है काम क्या

हो आम सा वो दिन बड़ा
तो ख़ास का अभिमान क्या
हो वक़्त से फुर्सत कभी
तो सोचें जिंदिगी का काम क्या

हो सादगी में बात कुछ
तो फूहड़ता का मोल क्या
हो फ़तेह की जो लालसा
तो शिकश्त का है काम क्या

हो बारिश की जो बूंद चंद
तो सैलाब का है काम क्या
हो मंद सी मुस्कान
तो ठहाको का काम क्या

                           - उज्जवल #dopeharkineend #Zindagi #kaam #thought #poetry
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Ujjwal Kumar

#Motivation आगाज़ तुम करो सिखर
आवाज तुम करो निडर
जो कश्ती थी वो तर गई 
उठा के शीश सी लहर

तुम मोतियों सा मोल दो
तुम नीर अग्नि घोल दो
मिला ज़मीं आसमान से
तुम आ गए हो बोल दो

तूफान का तू यार बन
तू तेरा मददगार बन
यकीं खुद पे रख ज़रा
तू गीता का सार बन

फ़कीर की झोली है तू
अल्लाह की बोली है तू
इल्म नहीं तुझे अभी
अंगारों की टोली है तू

                                               - उज्जवल #Motivation #thought #Inspiration #Poetry
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Ujjwal Kumar

कोई श्राप था जो टल गया
मैं मोम सा पिघल गया
नसों में मेरे राख़ थी
मैं आग सा जो जल गया
है रूह था, निकल गया
उसकी ठोकरों, फ़िसल गया
जो ज़िन्दगी आबाद थी
वो जिंदा क़ब्र कर गया
मोहब्बत पूरी कर गया
मैं ख्वाब था बिखर गया
तुझे यूँ क़र्ज़दार कर के
उधार मैं इश्क़ कर गया
है नफरत मुझे मिल गया
रद्दी में मेरा दिल गया
कोई बताये उसे
वो खुश रहे जन्न्त में
मुझे दोज़ख मेरा मिल गया

                                                      -उज्जवल #moonbeauty
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Ujjwal Kumar

आज अभी अब निकल गया
कल खोज के खुद को लाऊंगा
जो टूट गया तो अंत सही
गर जी पाया तर जाऊंगा
आज अभी अब निकल गया
कल खोज के खुद को लाऊंगा

सुबह का सूरज रात को निकले
इतना काबिल बन जाऊंगा
जुगनू बन कर अंधी रातों को 
दीपक मैं दिखलाऊंगा
जो टूट गया तो अंत सही
गर जी पाया तर जाऊंगा
आज अभी अब निकल गया
कल खोज के खुद को लाऊंगा

संग मेरे जब कोई ना होगा
खुदी को मैं साथी बताऊंगा
ज़मीन मेरी कभी थी ही कहाँ
आकाश को अपना बताऊंगा
जो टूट गया तो अंत सही
गर जी पाया तर जाऊंगा
आज अभी अब निकल गया
कल खोज के खुद को लाऊंगा

                                                    - उज्जवल थोड़ा सा काम और उसका नाम

थोड़ा सा काम और उसका नाम #कविता

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Ujjwal Kumar

एक अर्धसत्य दोहराता हुँ
जो आग थी वो जल चुकी
मशाल ले के आता हुँ
अब करें क्या गजब नया
बस राख़ को पिघलाता हुँ
एक अर्धसत्य दोहराता हुँ..

है जीत की ललक मुझे
थोड़ा ऐतबार ले के आता हुँ
अंधेरा जो क़ाबिज़ हो चुका
जुगनुओं के चराग़ ले के आता हुँ
एक अर्धसत्य दोहराता हुँ..

धूप की लकीर में
दीया जला के आता हुँ
प्यास है अजीब सी
बादलों से पानी भर के आता हुँ
एक अर्धसत्य दोहराता हुँ..

ना राह का पता मुझे
कोई मशवरा ले के आता हुँ
अर्जुन से मन में
मैं कृष्ण ले के आता हुँ
एक अर्धसत्य दोहराता हुँ..

                                       -उज्जवल #Motivation
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Ujjwal Kumar

ये रोशनी तो कल भी थी
आज भीड़ क्यों खासी है
चहरे बदलते गए कुछ रोज़ ही
पर चाँद वही बासी है

अधूरा सा कुछ लग रहा
उजाले में उदासी है
तारे कल दो टूटे थे 
सुना है इश्क़ वहाँ भी फांसी है

ईमारत कब की बन गई
कुछ कमी बस ज़रा सी है
ख्वाब कब के टूटे थे
बस नींद में उबासी है

                                             - उज्जवल #Moon #Feeling #story #Love #hate
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Ujjwal Kumar

ये रोशनी तो कल भी थी
आज भीड़ क्यों खासी है
चहरे बदलते गए कुछ रोज़ ही
पर चाँद वही बासी है

                                           - उज्जवल #moonlight #moon #love #sacrifice #innocence
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Ujjwal Kumar

उस शाम को ग़ुरूर है
जो चाँद साथ है खड़ा
उस रात को सुरूर है
जो नींद में है वो पड़ा
आकाश शीत की लहर
फुहार छोड़ वो चला
मेघ के लिबास में
व्याकुल सा मन है बड़ा
जो बूँद माथ चूमती
अंबुद में है वो पला
विशाल शक्ति जीत से
ज़मीन में है वो गड़ा.
  
                                            - उज्जवल #Feeling #Time #rain #baarish #baadal #Poetry
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Ujjwal Kumar

सोचा आज कुछ लिख दूँ
तुम्हारे बारे में.. 
पर क्या-क्या लिखूं
तुम्हारे बारे में.. 

ऐसा नहीं है की भूल चुका हुँ, 
तुम्हें,  हर रोज़ भुलाने में
साली शराब ख़त्म हो गई है
कब से मेहखाने में..

याद क्या होती है.
यक़ीन नहीं अब बस बताने में, 
फर्क बस इतना ही है
तरसने और तरसाने में..

इल्म होता तो मौलवी न होते
क्या मज़ा है यूँ
ज़ाहिल बन जाने में..
अक्ल गिरा दी थी कहीं मैंने
चुपके से बस दिल को 
किसी तरह बचाने में..

बहुत बार कहना चाहा 
तुमसे, 
बस तुम्हारे बारे में...

                                                 -  उज्जवल #Memories #Feeling #Mood #Betterment #Happiness
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Ujjwal Kumar

तेरी याद नहीं आती मुझे
बस मेरी नींद मुझे सताती है
खुशियों के मोहल्ले में
जाने मातम क्यूँ मनाती है
रुख़सत हो गई मेरी ज़िन्दगी से तू कब का, 
जाने क्यों.. 
तेरी खुशबू मुझसे आज भी आती है

                                                                -उज्जवल #Stars&Me 
#Love 
#Feeling 
#essence 
#Memories
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