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rudranshushukla5773
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Rudranshu shukla

कि इश्क शाख पे बैठा वो उल्लू हूं, जो देर रात तक कभी जागा करता है।। रूद्र*

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Rudranshu shukla

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Rudranshu shukla

#No_caption #Nozoto
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Rudranshu shukla

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Rudranshu shukla

मुझपे तू अपनी बाते जाया न कर, 
शिकवा है! गिला है! बताया न कर । 
लोग तो हाथो मे खंजर लिए फिरते है , 
बे वजह किसी को गले लगाया न कर।। 

ख्वाब  देखाकर आईने मे बैठकर , 
बे वजह पत्थर चलाया न कर। 

लिए जा रहा हूँ मै अपनी मौत का पैगाम फिर भी , 
तू मेरे मरने की आस लगाया न कर। 

मै कब से बैठा हु तम्मनाओ के शहर मे, 
मुझे चलता फिरता बुत बनाया न कर।। 
रुद्र

©Rudranshu shukla #rain
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Rudranshu shukla

तुमसे अच्छे भी चेहरे है
पर दिल में वो नहीं ठहरे है
तुमसे अच्छी भी आंखे है
पर दिल में नहीं समाते है

तुमसे अच्छे भी हाथ किसी के
जीवन में है बात किसी के
उलझ गया हूं उस माया में
जो चलती थी एक छाया में

सुंदर सपने देखे थे
नयनों के एक झरोखे से
पल भर में वो बह गया
बस कोरा कागज रह गया

उसपे भी काले धब्बे है
वो स्पर्श याद किया था फिर
आंखो से आंसू आए थे
मेरे जाने पर तुम फिर कैसे मुसकाये थे

अब रोते हो क्यू मुझे बता देना
मेरी याद आए तो आंखो में आग लगा लेना
_adhuree kalam se, #height #Love
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Rudranshu shukla

मद्धम से लाइट की रोशनी जल रही थी
पास में उसका मकान था पर जाने की हिम्मत ना रही
उसकी बालकनी की तरफ देखता यूं मुंह मोड़ मोड़ कर
काश को दिख जाए बस दिल में यही कसक रही
अंत में हताश हो कर चल दिया मैं वहां से,
शायद वह मुझे चुपके से देख रही थी बालकनी से
मन तो किया पीछे मुड़ जाऊं, पर अपनी व्यथा मैं किसे सुनाऊं
उसकी इतनी याद ही आ रही थी की
 मैं निकल पड़ा सड़क पर जहां मद्धम रोशनी थी
                          @adhuree_kalam 💓⭐🥀...DishashirwaD...🥀⭐💓

💓⭐🥀...DishashirwaD...🥀⭐💓 #Shayari

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Rudranshu shukla

गम के आँशुओ में क्या मयखाना खोजोगे...
हम तो मिलेंगे चाय की टफ़री पे कितनो से हमारा ठीकाना पुछुगो....*रुद्र* #shayrokamaykhana#chay#tealiver
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Rudranshu shukla

झुमका तुम्हारा झुमका इतना बड़ा तो नही वह छोटा था 
पर मैंने उसे बड़े गौर से देखा था
जिस दिन तुम आई थी तुम मुझसे मिलने 
उस दिन में चुपके से देखा था
तुह्मारी तिरछी नजरो में कुछ राज था 
शायद तुमने मुझे झुमका देखते देखा था *रुद्र* #झुमका
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Rudranshu shukla

कोरा बचपन एक मुस्कान होटो पे आंखों में ख़्वाब सजाये
बालो को चिपकाकर यू मस्ती में चला जाये
मानो सम्राट हो, हम मिट्टी के साज हो 
हमको देखकर ये मिट्टी भी चहक जाए
बोलती आ गया मेरा बेटा जो मुझसे लिपटा रहता
लोग इसे धूल कहते फिर भी ये इसी में रहता
कोरा बचपन बीत गया फिर आई मदमस्त जवानी
सब भूल गए सब बात गई, मिट्टी की वो रात गई
अब तो परदेस  से ना फुरसत है,
मिट्टी की याद कहा रही ।*रुद्र* #कोराबचपन #मिट्टी#माँ
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Rudranshu shukla

It was my dream Dreams are like a rising sun 
if you don't burn your potential in the mid of the day
The sunset won't wait for you #truth #inspiration  #confidence
#believe
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