सिर्फ अब चेहरे सावरे जा रहे हैं,
ज़िंदगी में किस कदर बिखरे हुए हैं?
आज कल के लोग।
कर्ज़ में डूबे हुए हैं, एक अदद गाड़ी की खातिर
ख़ुद की ख़्वाहिशों से कुचले गए हैं,
आज कल के लोग।
खुश तो रहना चाहते हैं और खुश नहीं रहते,
पैसे कमाने के लिए, चाँद तक जाते हैं, #शायरी