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richadhar9640
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Richa Dhar

I enjoy writing, reading listening to poetry.

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Richa Dhar

White हृदय में जो कुछ भी है वो कह नहीं पाती
अधरों तक अब कोई बात नहीं आती

भौतिक जगत में मिलना तो आम बात है
लेकिन दबे मन की व्यथा कही नहीं जाती

तुम तक नहीं पहुँच पाते अविचल मन के पंछी
तुम्हारे हृदय की डाली टूट-टूट जाती

सारे ब्रम्हांड का भार सा है इस पीड़ित मन में
हल्का करने को इस विकल मन में अश्रुओं की लड़ी लग जाती

प्रकृति का नियम है,जब भार बढ़ेगा तो हल्का भी होगा
मन की इस बाढ़ में काश!तुम्हारी संवेदना नाव तैरती मिल जाती।

©Richa Dhar #love_shayari अंतिम इक्षा

#love_shayari अंतिम इक्षा #कविता

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Richa Dhar

White आज मेरा किरदार सस्ता हो गया है
आज मेरा मोल कम हो गया है।

अब किससे मुँह मोडूँ तो किससे शिकायत करूँ
यहाँ सब कुछ तो बेगाना हो गया है।

किसे छोड़ूँ तो किसे अपना कहूँ
यहाँ हर रिश्ता झूठ की बुनियाद पर रखा गया है।

लोग मुँह पर मीठा और पीठ पीछे बुराई करते हैं
मैंने जो नहीं भी कहा वो भी औरों से बताया गया है।

©Richa Dhar #good_night मेरा किरदार

#good_night मेरा किरदार #शायरी

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Richa Dhar

White कुछ लोग अपनी औक़ात दिखा रहे हैं
आस्तीन में साँप पाल लिए थे जो डस रहे हैं

हंसना है तो बेशक़ हंस लें वो अपनी मामूली सी जीत पर
खामोशी से हम भी उनकी धूर्तता देख रहे हैं

अपने स्वार्थ के चक्कर मे सब बर्बाद करने पर तुले हैं
हम भी चुप्पी साधे उनकी मूर्खता देख रहे हैं

इतना मत उछलो तुम अपनी जीत पर
हम तुम्हारी पुश्तों को गुलामी की जंजीरों में जकड़े देख रहे हैं

©Richa Dhar #sad_quotes गुलामी

#sad_quotes गुलामी #शायरी

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Richa Dhar

White मैंने आज  हवाओं से कहा,जा उसका स्पर्श कर के आ
मैंने उसको याद किया है ये एहसास दिला के आ।

जो न माने वो, के संदेश मैंने भेजा है
उसके सीने से लिपट के उसकी साँसों को महका के आ।

उसके कदमों की आहट सीधे दिल पर दस्तक देती है
वो न समझे तो उसके कदमों को चूम उसे एहसास दिला के आ।

मेरे दिन,दोपहर,शाम रात हर पहर पर उसकी यादों का पहरा है
जा उसे मेरे दिल की धड़कन का शोर सुना के आ।

©Richa Dhar #love_shayari हवा
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Richa Dhar

White प्रेम और पीड़ा✍️✍️✍️

आज शब्दों से शृंगार करने बैठ गयी 
मैं अपनी कविताओं को सजाने बैठ गयी
सहसा रुक गयी कलम, ठिठक गए कदम
कहती अनन्य प्रेम की गाथा तुम लिख देती हो
क्या तुमसे मेरी पीड़ा नहीं देखी गयी???
तुमने कविताओं में सिर्फ प्रेम को स्थान दिया
क्यों मेरी पीड़ा तुम्हारी कविताओं से विलुप्त होती गयी
ये तो तुम्हारे मन के ही अंतर्द्वद्ध हैं
फिर इस द्वंद में मेरी पीड़ा क्यों पराजित हो गयी।

©Richa Dhar #love_shayari प्रेम और पीड़ा

#love_shayari प्रेम और पीड़ा #शायरी

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Richa Dhar

यूं रोते रहने से तक़दीर नहीं बदलने वाली
ज़िंदगी ज़रुर बदलती है मौत नहीं बदलने वाली

मेरी हर शाम दुखों का बवंडर लाती है
लगता है ज़िंदगी मेरी खुशियों से नहीं बदलने वाली

उनके दिए तोहफ़े ग़म बनकर रुलाते हैं
मेरी तन्हाईयाँ अब महफ़िलों से नहीं बदलने वाली

मेरी ख़ुशी का बगीचा दुखों का पतझड़ ने उजाड़ दिया
लगता है इसमें अब कोई भी ऋतु नहीं आने वाली

©Richa Dhar #Tulipsतक़दीर
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Richa Dhar

White अब दुआएं बेअसर होने लगी हैं
अब तो बद्दुआएं असरदार होने लगीं हैं
इतनी भी जलन ठीक नहीं किसी से
देखो लोगों  की ज़िंदगी उजड़ने लगी है
ठोकरें मिलती हैं और लोग फिर आगे बढ़ जाते हैं
लेकिन लोगों की ज़िन्दगनियाँ तहस नहस करने लगी हैं
अगर जलन तो उससे अच्छा बनके दिखाना तुम
खामखाँ क्यों जूझते हो,लोगों अंदर से अब खुदाई जाने लगी है

©Richa Dhar #SAD खुदाई

#SAD खुदाई #शायरी

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Richa Dhar

मैंने रात भर दूसरों के घर के उजाले देखे हैं
पर अपने घर उजालों में भी अंधेरा पाया

खुशबू तेरी दूर तलक फैली थी लेकिन
अपने करीब तेरी खुशबू नहीं रख पाया

ज़िंदगी तेरे साथ जीने के मुताबिक़ बहुत कम थी
मैं ढूंढता रहा अपनी मंज़िल और कभी पहुँच नहीं पाया

©Richa Dhar मंजिल

मंजिल #शायरी

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Richa Dhar

White जब वक़्त बुरा हो दोस्त भी साथ छोड़ देते है
अकेलेपन से निपटने का एक नायाब तोहफ़ा देते हैं

वक़्त मजबूत बना देता है हमारी फ़ितरत को
वरना चट्टानों से टकराने ही हिम्मत दोस्त कहाँ देते हैं

©Richa Dhar #Emotional दोस्त
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Richa Dhar

White खुले आकाश के नीचे फूलों के झुरमुट के बीच मैं बैठी थी
और मुझे ताकता हुआ गुमसुम सा चांद कुछ कहना चाहता था

मेरे अल्फ़ाज़ों में इतनी हिम्मत कहाँ के मैं अपना दर्द कह सकूं
पर वो चांद मेरा अकेलापन दूर करने चला आता था

मुझे सुनने,मुझे समझने,पर मैं चुप ही रहती थी
मेरा दोस्त मेरा हमराज़ ये चांद,मुझे समझने चला आता था

मैं कुछ न भी कहूँ पर वो सब समझता था
और मैं भी कुछ नहीं कहती पर वो मेरी खामोशी पढ़ने चला आता था।

©Richa Dhar #Moon चांद✍️✍️✍️

#Moon चांद✍️✍️✍️ #शायरी

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