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richadhar9640
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Richa Dhar

I enjoy writing, reading listening to poetry.

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Richa Dhar

मोहब्बत में कहां कौंन कितना खरा उतरता है
यहाँ ज़रूरत के हिसाब से लिबास बदल लिए जाते हैं

मुकर जाते हैं हर रोज़ लोग अपनी ही बात से
सच का आईना दिखा कर झूठ का पर्दा फ़ाश कर जाते हैं

सच की झलक झूठ से भी झलक जाती है
सच आसमान में कहकशां से बिखर जाते हैं

मोहब्बत सिर्फ़ जिस्म को पाना नहीं है दोस्तों
रूह को जो छू ले ,अब ऐसे हमसफर कहाँ मिल पाते हैं

मन के दरख़्तों पर लिख जाते हैं पहले नाम अपना
फ़िर बाद में ख़रोंच कर सब मिटा दिए जाते हैं

मोहब्बत एक चाहत है,तड़पन है,बेशकीमती तोहफ़ा है
बाद में यही सब के सब फना हो जाते हैं

©Richa Dhar #lonely मोहब्बत

#lonely मोहब्बत #कविता

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Richa Dhar

White  चाहो किसी को कितना भी मगर ये एहसास मत कराना
के तुम जी नहीं सकते उसके बिना,ऐसा मत जताना

कमज़ोर पड़ जाओगे तुम,और कमजोरी होगा वो शख्स
वो ज़िंदगी है तुम्हारी,ये किसी हाल में मत बताना

हर बात दिल की बता दोगे,तो वो कमज़ोरी समझ जाएगा
बेशक़ उसे भी तुमसे मोहब्बत हो,मगर अपनी कमजोरी मत बताना

इश्क़ समुंदर है,प्यार सिर्फ़ बूंद बन कर रह जायेगा तुम्हारा
डूब जाओगे तुम,इश्क़ में मर जाओगे,ये राज़ कभी उसे मत जताना

©Richa Dhar #GoodMorning  शायरी दर्द

#GoodMorning शायरी दर्द

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Richa Dhar

White  किसी ने मुझसे कहा था.....✍🏼✍🏼✍🏼

रिश्ते की बुनियाद मजबूत होनी चाहिए
रिश्ते_सच्चाई की नींव पर खड़ी होनी चाहिये।

नहीं पता था कि रिश्ते झूठ से चलते हैं
सच्चाई सिर्फ़ दिखावा होना चाहिए

झूठ की गठरी बांधे कंधे पर लिये घूम रही है दुनियां
नहीं पता था कि सच्चाई को झूठ के वस्त्र पहनाने चाहिए

दिखावा झूठ का सर्वोत्तम गुण है आजकल
ये अभिनय अब सबको सीख जाना चाहिए

दुःख कितना भी मिले जीवन में,आँसूं भर आये आँखों में
पीकर एक एक कतरा,सिर्फ़ मुस्कुराना चाहिए

©Richa Dhar #love_shayari किसी ने मुझसे कहा था

#love_shayari किसी ने मुझसे कहा था #शायरी

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Richa Dhar

White तिरस्कृत जीवन✍🏻✍🏻✍🏻
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तिरस्कार मिला इतना के प्रेम पर भी संदेह होने लगा
अपनापन देख के आडंबर सा लगने लगा

बोल दे कोई प्रेम से तो उसमें स्वार्थ दिखने लगा
और न बोले कोई तो वही सही लगने लगा

लज्जित हो जाती हूँ मैं किसी के प्रेम भरे बोल से
सुख के भेष में दुःख मुखौटा लगाए लगने लगा

अभिलाषा समाप्त हो गयी जीवन भी अभिशप्त लगने लगा
जीवन से मरण तक का खेल अब ये हृदय समझने लगा

©Richa Dhar #sad_shayari तिरस्कृत जीवन

#sad_shayari तिरस्कृत जीवन #कविता

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Richa Dhar

White *मेरे सर पर ये इल्ज़ाम है कि मेरे पास उनके लिए वक़्त नही*

*दूर जाने के बहाने खुद उनके हैं और वक़्त खुद उनके पास नही*,

*थाम के चलना हाथ जिन्हें आखिरी सांसों तक दोस्ती का*

*कभी हम दोस्त हुए फिर प्यार,और अब हम गैरों में भी शामिल नहीं*

©Richa Dhar #love_shayari दोस्त

#love_shayari दोस्त #लव

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Richa Dhar

White मेरी असहाय डायरी✍🏼✍🏼✍🏼
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भोर होगा संध्या होगी इस सृष्टि में सब कुछ होगा
न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं
एक एक पन्ने पर उतरे हुए मेरे हृदय के उदगार
सब कुछ रहेगा कविता के रूप में,न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं 
शब्द शब्द असहाय होगें औंधे मुंह पड़े होंगे
डायरियों में दुपके पुकारेंगे, सब कुछ मिलेगा,पर न मिलूंगी तो वो हूँ मैं
मेरी असहाय डायरियां असहज महसूस करेंगी
किसी और के स्पर्श से,सबका प्रेम मिलेगा गर कुछ न मिलेगा तो वो हूँ मैं
मेरी मृत्यपरांत अकेली हो जाएंगी मेरी डायरियां ये सोच के सिहर जाती हूँ
जला दी जाएंगी या रद्दी में तोल दी जाएंगी,कुछ न कर सकूंगी तो वो हूँ  मैं

ऋचा धर★

©Richa Dhar #Sad_Status असहाय डायरी

#Sad_Status असहाय डायरी #कविता

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Richa Dhar

White  मुझे आगाह किया था तुमने प्रभु
तुम हमेशा मुझे प्रिय थे प्रभु
सांसारिकता में मुझे नहीं फंसना था
मुझे किसी से प्रेम नहीं करना था
परिस्थितियां भी ऐसी पैदा की के न जाऊं उस तरफ़
लेकिन पता ही न चला कि कैसे मुड़ गयी उस तरफ
मैं फंसती चली गई मोह जाल में,और न जाने क्या कर बैठी
आपके होते हुए मैं किसी और से प्रेम कर बैठी
कैसे मैं किसी के मोह पाश में बंध गयी
कैसे मैं किसी और की हो गयी
मैं थी उस समय अज्ञान प्रभु
अब हर तरफ़ है मेरे सांसार का ज्ञान प्रभु
नही बचा मुझमें अब कोई भी अभिमान
सांसारिकता में फंस के अब हुआ संसार का ज्ञान
सब अभिमान अब खत्म हुआ
अब वैराग्य का जन्म हुआ...

©Richa Dhar #good_night वैराग्य

#good_night वैराग्य #कविता

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Richa Dhar

White  हृदय की पगडंडियां✍🏻✍🏻✍🏻
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हृदय की पगडंडियों से होकर अब कोई गुजरता ही नहीं
तुम्हारी स्मृतियों से रास्ते अवरुद्ध है, इसमें कोई आता ही नहीं

एक हटाऊँ तो दूसरी सामने खड़ी रहती है 
हिम के पर्वतों सी डटी पड़ी रहती है

कभी नरम,कभी गरम कभी शीतलता प्रदान करती है
तुम्हें ही सोचूं,तुम्हें ही चाहूं बस यही आज्ञा प्रदान करती है

इस हृदय में अब और किसी के लिए वो स्थान ही नहीं
कोई और अब आये हृदय में,अब कोई और अन्य प्रवेश द्वार भी नहीं

©Richa Dhar #love_shayari ह्रदय की पगडंडियां  कविताएं

#love_shayari ह्रदय की पगडंडियां कविताएं

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Richa Dhar

White अखंडदीप*******✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
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अंदर के विकारों से ग्रसित ये काया
दीप प्रज्वलित करना चाहती है

मोह,माया में फस गयी ये देह
इस दिवाली में सफाई कराना चाहती है

न रहे किसी से बैर,न किसी से आशा
बस अनुराग देना और पाना चाहती है

अंदर के तिमिर से घुटन सी होती है
खोल दूँ हृदय के द्वार अब चाँदनी भीतर आना चाहती है

एक अखंडदीप प्रेम का हृदय में जला कर रख लूं
ये काया अब जीवन पर्यंत यही बाती जलाना चाहती है

©Richa Dhar #love_shayari अखंडदीप

#love_shayari अखंडदीप #कविता

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Richa Dhar

White जैसे जैसे दीवाली करीब आ रही थी,वैसे वैसे समय पंख लिए पीछे की ओर भाग रहा था।अतीत का गुज़रा हुआ पल चलचित्र की भांति आँखों के आगे घूम रहा था।मैं हर वर्ष अपने पूरे परिवार के साथ खरीदारी करने जाती थी।बाज़ार की भीड़ भाड़ और रौनकों के बीच में भी मेरी नज़रे उन लोगों को ढूढ़ लेती थी,जो हालात के मारे छोटे छोटे बच्चे दिए में रुई लगाने वाली बत्तियां बेचते थे।या दीए बेचते उन महिला पुरुषों पर होती थी जो सड़क में एक तरफ बच्चे को लिटाये सामान बेच रहे होते थे।मुझे नहीं पता पर मैं सब कुछ छोड़कर उन्ही के पास जाती और उनसे ही सामान लेती।सोचती थी कि ये लोग वक़्त के मारे वक़्त काट रहे हैं या वक़्त उन्हें काट रहा है।उनसे सामान लेने के बाद उनकी चेहरे की खुशी मुझे आत्मिक सुख देती थी।अब वक्त तेजी से भाग रहा है।मेरा शहर,दोस्त वो माहौल सब कुछ छूट गया।लेकिन याद आता है वो गुज़रा वक़्त जो वर्तमान में अतीत बन के रह रहा है स्मृतियों में ...........

©Richa Dhar #GoodMorning दीवाली

#GoodMorning दीवाली #विचार

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