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bhagwatilalgehlo3914
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Bhagwati Lal Gehlot

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Bhagwati Lal Gehlot

मेहनत बिकी,नींदे बिकी,बिक गया व्यापम महान,  
समय रहते जाग जाओ भाई, कहीं बिक न जाए यह सुंदर जहान! 
नींदे त्यागी, रोटी त्यागी, त्याग दिया हमने जहान! 
चंद पैसों में तूने खुशियां बेच दी,वाह रे मेरे व्यापम महान! 
घंटों की मेहनत ,पल में बेच दी ! सीट हमारी,शर्मा को सौंप दी! 
यह कैसी कीमत तुमने लगाई, मेहनत करने वालों की!
माइकोप्लाजमा - बैक्टीरिया हो गया,जय हो तुम दलालों की! 
घर को छोड़ा,गांव भी छोड़ा,एक समय का खाना  छोड़ा ! 
पैसों के लालच में तुमने, हमारे सुंदर सपनों को तोड़ा! 
शिक्षा का व्यापार करके, तुमने पैसा कमाया है! 
शर्मा जी को पेपर देकर, मौत को अपनी बुलाया है! 
कड़ी धूप में मेहनत करता हम उसकी औलादे हैं!
 न्याय लेकर ही दम लेंगे,रगों में हमारे फौलादे है! 
अब ना हमारी आवाज रुकेगी,आंधी या तूफानों से!
घोटालों की सरकार गिरेगी,बातों या बवालों से! 
लड़ते रहेंगे संघर्ष करेंगे,अपनी अंतिम सांसों तक!
जब तक ना भ्रष्टाचारी पकड़े जाएं,संसद के गलियारों तक! 
अब कोई अत्याचार ना होगा, शिक्षा का व्यापार ना होगा!
सहते रहे हैं अब ना सहेंगे, तुम ना रहो या हम ना रहेंगे!
 भगवती लाल गेहलोत

©Bhagwati Lal Gehlot व्यापम घोटाला
#mppebscam

#WalkingInWoods

व्यापम घोटाला #mppebscam #WalkingInWoods #poem

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Bhagwati Lal Gehlot

हर्षोल्लास से दिल भर आया,
नए साल पर आपका जन्मदिन आया ! 
 लाखों बधाईयाँ, ढेरों शुभकामनाएं !  
नया साल आपके जीवन में नई खुशियां लाए! 
IDFC की शान ,नैतिकता में महान!
हमारे  बॉस - सभी गुणों मे महान! 
कृषि कालेज की आन ,बेटी निवा मे है जान!
दिल से निर्मल, स्वभाव है कोमल ! 
संगीत है शोक, Leadership मे अशोक!
दिखने में स्मार्ट, स्मार्ट है इनके thought !
ऐसे आदरणीय सर को मेरा सादर प्रणाम!

©Bhagwati Lal Gehlot #BirthDay
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Bhagwati Lal Gehlot

धधक -धधक कर गूंज रही है,आवाजे वो हलधर की! 
नहीं माने तो हिल उठेगी,सियासत तुम्हारी अविचल सी! 
तन को काटे,अन्न उगाये,सीना है उनका पर्वत सा! 
हक के लिए पैर जमाए,बैठे है वह अंगद सा! 
तुम्हारे लिए वह अन्न उगाए और तुम गिराओ उन पर ठंडा पानी! 
उसकी हालत तुम ना देखो,तुमको तो है- सरकार बनानी! 
शीतलहर में सिंचाई करता,भरी धूप में बखर बखानी! 
व्यथा उसकी अब किसको सुनाएं,सुनने वाले बहरे बानी! 
मिट्टी से वो प्यार है करता,फसलों के संग में झूमता! 
गोबर में- मानो खेलता,शहरों में दूध है भेजता ! 
फसलों का जब दाम ना मिलता,फांसी पर तब हंसके झूलता! 
उंगलियां फूटी,पांव में छाले,तन पे टंका,सर है नंगा! 
फिर भी ट्रैक्टर लेकर घर से निकला,लेने को मोदी से पंगा! 
चल पड़े हैं,अब ना रुकेंगे,आने वाला हर संकट सहेंगे! 
अर्थव्यवस्था हम पर टिकी है,कूटनीति तुमने सीखी है! 
कैसे कानून तुमने है बनाएं,कृपया उत्पादन,आश्वासन और संशोधन समझाएं! 
MSP पर तुम कुछ ना बोलो,मन चाहे जब वोट है ले लो! 
मेहनत के उस पसीने से- धरती सिंचित हो जाती है!
तुम तो हमारा लहू पी रहे,फिर भी प्यास तुम्हारी रह जाती है!
हम तो अपना फर्ज निभाएंगे,तुम ना मानो तो -भी अन्न उगाएंगे!
देश में कोई भूखा ना रहे,इसलिए देश के लिए मेहनत करते जाएंगे! 
कल भी किसान थे,आज भी किसान है!और गर्व से किसान कहलाएंगे!
भगवती लाल गेहलोत

©Bhagwati Lal Gehlot #farmersprotest
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Bhagwati Lal Gehlot

आज फिर एक बेटी लुट गई, भारत देश महान की! 
दरिंदों के हाथों सूली चढ़ गई , बेटी वो दलित इंसान की! 
हड्डी तोड़ी,जिह्वा काटी, बुद्धि भ्रष्ट हो गई इंसान की!
आज फिर एक बेटी लुट गई, भारत देश महान की! 
मीडिया को कंगना की चिंता, सरकार को मतदान की! 
कौन उसको न्याय दिलाएं - बेटी है वो किसान की! 
अंतिम सांस तक वो है तड़पी, बोल ना पाई नादान सी लड़की! 
कैसी बेदर्दी देश में देखो, आवाज उठाओ अब हाथ ना रोको!
कब तक सहन करते रहोगे इन अत्याचारों को, 
खुलेआम गोली मार दो ऐसे पापी हत्यारों को! 
दिल्ली में दरिंदगी हुई ,सजा में बस मंदी हुई! 
रांची में गैंगरेप हुआ, निर्भया का केस हुआ! 
मंदसौर में बच्ची मर गई, डॉक्टर बेचारी जिंदी जल गई! 
अब कटती हुई जिह्वा से तुम्हें - क्या सीख चाहिए,
 मनीषा के हत्यारों को बस फांसी होना चाहिए!
पाल पोस कर बड़ा वो करती, लंबी उम्र की दुआ वो करती! 
भूखी रहकर तुम्हें खिलाती , खुद ना सो कर तुम्हें सुलाती! 
ऐसी माता बहनों के लिए सम्मान होना चाहिए! 
मनीषा वाल्मीकि के प्रति इंसाफ होना चाहिए- इंसाफ होना चाहिए!
भगवती लाल गेहलोत

©Bhagwati Lal Gehlot #

#Stoprape #justiceformanisha
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Bhagwati Lal Gehlot

क्रिकेट की पहचान है वो, इंडिया की जान है वो ! 
हाँ रांची का अभिमान है वो ,भारत देश की शान है वो! 
नौकरी छोड़ी, क्रिकेट अपनाया, डर के आगे जीत को पाया! 
भारत को जिसने World Cup  दिलाया,चैंपियन ट्रॉफी भी जीत लाया! 
वो भारत का कप्तान "महेंद्र सिंह धोनी" कहलाया!
खेल में करता वो कप्तानी, पद्म भूषण से सम्मानित! 
क्रिकेट को उसने भगवान बनाया,जल्द ही पद्मश्री का सम्मान पाया! 
रगों में जिसके खेल उमड़ता,चीते की चाल वो दौड़ता! 
जब वो मेच को Finish है करता,बस धोनी धोनी नाम ही  गूंजता! 
जो स्टेम के पिछे से मेच पलट दे, जब चाहे हेलीकॉप्टर शॉट भी जड़ दे! 
देशवासियों का जो प्रेमी है, 
हां वो महेंद्र सिंह धोनी है, हां वो महेंद्र सिंह धोनी है!
क्या लिखूं मैं उसके बारे में, जो खुद किताब है जिसके बारे में! 
देश का हर नौजवान याद करेगा, हर विकेट पर, अभी धोनी है कहेगा! 
उस देश सेवक को सलाम करता हूँ, 
आज में माही को प्रणाम करता हूं!
भगवती लाल गेहलोत #MSDhoni
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Bhagwati Lal Gehlot

#azaadi #IndependenceDay #
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Bhagwati Lal Gehlot

आपको रक्षाबंधन की बधाई देता हूं,दिल की गहराई से दुहाई देता हूं! 
अटूट रहे भाई बहनों का प्यार,आओ मिलकर मनाए त्यौहार!
कैसा रक्षाबंधन का त्योहार, देश की बेटियां दरिंदों की शिकार! 
यह है एक दिन का प्यार, राखी टुटी खत्म त्यौहार! 
कड़वे वचन से इंसानियत को ललकारता हूं! 
हां में न्याय के लिए आपको पुकारता हूँ! 
हजारों रुपये उड़ जाते हैं, नेताओं के 1 दिन के खाने में!  
गरीब बेचारा महीना निकाल देता है, मुट्ठी भर चावल में! 
रुपयों में राखी बिकती है ,विधायक बिकते है करोड़ों में! 
किसान अपनी फसल बेच देता है, दो कौड़ी के भावों में! 
देश की इज्जत लूट रही,सियासत अपनी आंखें मूंद रही! 
ना राजा ना राजा का सिफाई, बन कर बैठे है सब शकुनी के भाई! 
समय रहते जाग जाओ भाई, बिक ना जाए कहीं भारत माई! 
निभा सके जो रेशम के धागे का प्यार, वही है एक सच्चे भाई का दुलार! 
आओ रक्षाबंधन पर संकल्प करे, जिन्दगी भर यह धागे का प्रेम रहे! 
जिवन बीत जाये चाहे संघर्षों से, 
पर देश की बेटी सुरक्षित रहे, भेड़ीयों और दरिंदों से!
भगवती लाल गेहलोत #Dosti
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Bhagwati Lal Gehlot

यह भूख है साहब,जो घर छुड़वाती है!
कभी अपनो से दुर, तो कभी अपनों को दूर ले जाती हैं ! 
हमको भी घर की बहुत याद आती हैं,
पर यह भूख है ना साहब,जो घर से दुर नोकरी करवाती है!
हमको भी मम्मी की याद आती है,दादा-दादी की कहानीयाँ सताती है! 
पर यह भूख है ना साहब, जो पापा की परछाई से दुर ले जाती हैं!
 कभी भाई बहन की याद रुलाती है, 
तो कभी बच्चों की किलकारी कानों में गुंज जाती है! 
पर यह भूख है ना साहब जो दूर शहर पढ़ने भिजवाती है!
कभी हाथों से खाना बनवाती है, कभी किराये के कमरे में केद करवाती है! 
यह भूख ही तो नोकरी के सपने दिखाती है! 
पर नोकरी के सपने पर बेरोजगारी बाजी मार जाती है! 
इन बेरोजगारों की आंखें सरकार पर टिक जाती है, 
ओर जनादेश की सरकार चंद पैसों में बिक जाती हैं! 
सपनों से सजी यह महफिल जिन्दगी कहलाती है! 
यह भूख ही तो है साहब जो सुन्दर सपने दिखाती है! 
भगवती लाल गेहलोत #bhukh
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Bhagwati Lal Gehlot

लोगों को जिना सिखाने वाला,खुद अपनी जिन्दगी से जंग हार गया!
फिल्मी दुनिया का चमकता सितारा,परम धाम को सिधार गया!
कहते रहेंगे लोग,लोगों का काम है कहना! 
तुम दिल में कुछ ना रखना, दिल की बात दोस्तों से कहना!
जिन्दगी है ये तो, जीने में तकलीफ तो होगी ! 
आज बुरी है तो क्या हुआ, कल अच्छी भी होगी! 
चलता रहेगा पथ पर, तो कुछ तारीफ भी होगी! 
ओर बूरे वक्त में अपनों की पहचान भी होगी! 
किरदार तेरा अच्छा होगा, तो पसीने से खूशबू आएगी! 
ओर मेहनत तेरी अच्छी होगी, तो सफलता शोर मचायेगी! 
आज वक्त बूरा है तो क्या हुआ , कभी अच्छा भी होगा! 
जमाना झूठा है तो क्या हुआ, कभी सच्चा भी होगा! 
कोई बात बुरी लगे तो, भले ही बुरा मान जाना! 
पर भुलकर भी कभी, एेसा कदम ना उठाना!
पापा की मेहनत, ओर माँ के आंसुओं पर नज़र घुमाना!
दो घुट पानी पिना, ओर सब कुछ भुल जाना!
🙏RIP🙏
भगवती लाल गेहलोत #SushantSinghRajput
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Bhagwati Lal Gehlot

करके भरोसा इंसान का वो,अन्नानास तुम्हारा खा गयी! 
रोती बिलखती नि:शब्द माता,जिन्दगी से जंग हार गयी! 
दुःख नहीं था उसको मरने का, उसको ममता ने तड़पाया है! 
भूखी वो नहीं, उसकी बच्ची थी, जिसको निर्दयों ने मार डाला है! 
बिना बोले प्रकृति का, जो सौन्दर्य बढ़ाते हैं! 
ओर इन आवारा कुत्तो के हाथों, सूली पर चढ़ जाते हैं! 
रुह कांपती होगी ईश्वर की, मैने क्याें इंसान बनाया है!  
कोरोना से केद रखा, फिर भी इनको समझ ना आया है! 
जिसको ममता का सम्मान नहीं,वो माता का दुःख क्या समझेगा! 
अहसास तुझे तब होगा, जब तू बेजुबान होकर तड़पेगा! 
तूने बेजुबान को ना बक्शा,खुदा तुझे क्या बक्शेगा! 
एक दिन ऐसा आएगा, जब तू प्राण छोड़ने को तड़पेगा!
भगवती लाल गेहलोत #elephant
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