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premsagarpandey5547
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कवि प्रेमसागर

कवि प्रेमसागर

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कवि प्रेमसागर

मरना तो हमे भी हैं,एक दिन मर जायेंगे।।
इतने आसानी से थोड़े न जायेंगे।।
मौत आयेगी तो करेंगे,दो-दो हाथ,
जीत गये तो जीत गये,नही तो हार जायेंगे।।
            -@ कवि प्रेमसागर
               7488630714

#pyaarimaa

मरना तो हमे भी हैं,एक दिन मर जायेंगे।। इतने आसानी से थोड़े न जायेंगे।। मौत आयेगी तो करेंगे,दो-दो हाथ, जीत गये तो जीत गये,नही तो हार जायेंगे।। -@ कवि प्रेमसागर 7488630714 #pyaarimaa #शायरी

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कवि प्रेमसागर

#FourlinePoetry अब कितना खोयेंगे, इस जिमेवारी के लिए।।
आँख जल रही हैं, ज़िंदगी जलाने के लिए।।
खो चुके हैं, दोस्तो की महफ़िल और अपनों का प्यार
काश कोई कासा मिलता,जिंदगी बचाने के लिए।।
         -@कवि प्रेमसागर
           7488630714

©कवि प्रेमसागर अब कितना खोयेंगे, इस जिमेवारी के लिए।।
आँख जल रही हैं, ज़िंदगी जलाने के लिए।।
खो चुके हैं, दोस्तो की महफ़िल और अपनों का प्यार
काश कोई कासा मिलता,जिंदगी बचाने के लिए।।
         -@कवि प्रेमसागर
           7488630714
#fourlinepoetry

अब कितना खोयेंगे, इस जिमेवारी के लिए।। आँख जल रही हैं, ज़िंदगी जलाने के लिए।। खो चुके हैं, दोस्तो की महफ़िल और अपनों का प्यार काश कोई कासा मिलता,जिंदगी बचाने के लिए।। -@कवि प्रेमसागर 7488630714 #fourlinepoetry #कविता

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कवि प्रेमसागर

#inspirational 
बेवजह क्यों लड़ जाते है हम।।
रिश्तों की अहमियत भूल जाते है हम।।
तक्सीरे होती है आपसी रंजिसो की
समझ आये तक्सीरे,तब तक बदल जाते है हम।।
           -@कवि प्रेमसागर
follow us:-
#kavipremsagar

#inspirational बेवजह क्यों लड़ जाते है हम।। रिश्तों की अहमियत भूल जाते है हम।। तक्सीरे होती है आपसी रंजिसो की समझ आये तक्सीरे,तब तक बदल जाते है हम।। -@कवि प्रेमसागर follow us:- #kavipremsagar

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कवि प्रेमसागर

कुछ सपनो के सौदा कर आये है।।
शाख ना मिली,तभी जमी पर आये है।।
जिस रास्ते पर चले जा रहे हो तुम
उन रास्तो पर ,कदमो के निशा छोड़ आये है।।
 
2)कदमो की चुभन चलने नही देती।।
जख्मों से पाई निजात,रोने नही देती।।
उम्र में छोटे थे,बड़ी थी जिम्मेवारियां

कुछ सपनो के सौदा कर आये है।। शाख ना मिली,तभी जमी पर आये है।। जिस रास्ते पर चले जा रहे हो तुम उन रास्तो पर ,कदमो के निशा छोड़ आये है।। 2)कदमो की चुभन चलने नही देती।। जख्मों से पाई निजात,रोने नही देती।। उम्र में छोटे थे,बड़ी थी जिम्मेवारियां

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कवि प्रेमसागर

कदमो की चुभन चलने नही देती।।
जख्मों से पाई निजात,रोने नही देती।।
उम्र में छोटे थे,बड़ी थी जिम्मेवारियां
कँधों पर आई जिम्मेवारी,अब सोने नही देती।।
              -@कवि प्रेमसागर कदमो की चुभन चलने नही देती।।
जख्मों से पाई निजात,रोने नही देती।।
उम्र में छोटे थे,बड़ी थी जिम्मेवारियां
कँधों पर आई जिम्मेवारी,अब सोने नही देती।।
              -@कवि प्रेमसागर

कदमो की चुभन चलने नही देती।। जख्मों से पाई निजात,रोने नही देती।। उम्र में छोटे थे,बड़ी थी जिम्मेवारियां कँधों पर आई जिम्मेवारी,अब सोने नही देती।। -@कवि प्रेमसागर

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कवि प्रेमसागर

बिचलित मन है,टूटे ख्वाब है।
लोगो मे नही दिखती अब आब है।।

आँखों के पानी सूखे पड़े है।
फिर कैसे चट्टानों से खड़े है।।

मजबूरी है घर आने की।
नही दर्द पैरो के छाले की।।

बिचलित मन है,टूटे ख्वाब है। लोगो मे नही दिखती अब आब है।। आँखों के पानी सूखे पड़े है। फिर कैसे चट्टानों से खड़े है।। मजबूरी है घर आने की। नही दर्द पैरो के छाले की।।

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कवि प्रेमसागर

मानव,मानव होने का हक खो दिया।।
दुःख, पीड़ा और संघर्ष से आत्मा भी रो दिया।।
झुलस चुकी है आशाएं अब,याद रहे
मानवता की आड़ में,ये कैसा जहर बो दिया।।
             -@कवि प्रेमसागर मानव,मानव होने का हक खो दिया।।
दुःख, पीड़ा और संघर्ष से आत्मा भी रो दिया।।
झुलस चुकी है आशाएं अब,याद रहे
मानवता की आड़ में,ये कैसा जहर बो दिया।।
             -@कवि प्रेमसागर

मानव,मानव होने का हक खो दिया।। दुःख, पीड़ा और संघर्ष से आत्मा भी रो दिया।। झुलस चुकी है आशाएं अब,याद रहे मानवता की आड़ में,ये कैसा जहर बो दिया।। -@कवि प्रेमसागर

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कवि प्रेमसागर

कोरोना से सम्बंधित कविता का आंनद ले।।सुनकर अपना मत ज़रूर दे।।

कोरोना से सम्बंधित कविता का आंनद ले।।सुनकर अपना मत ज़रूर दे।। #Life_experience

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कवि प्रेमसागर

आपलोगो के लिए विशेष मुक्तक।।सुने सुनकर अपना, प्यार,दुलार साथ एवं सहयोग ज़रूर दे।।

आपलोगो के लिए विशेष मुक्तक।।सुने सुनकर अपना, प्यार,दुलार साथ एवं सहयोग ज़रूर दे।।

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कवि प्रेमसागर

शब्द-शब्द को खुद में पिरोना चाहिए।।
मरने के बाद ,थोड़ा जिंदा रहना चाहिए।।
ये बादल है इनके आबरू ओढ़ना मत
खुद में सूरज की चमक से चमकते रहना चाहिए।।
               _@कवि प्रेमसागर स्वयं की पहचान,कुछ इस अंदाज में

स्वयं की पहचान,कुछ इस अंदाज में

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