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राकेश मनावत"राज"

विश्वास सबसे बड़ा धोखा है।यदि विश्वास न हो तो विश्वास करके देख लो। कवि राकेश मनावत fb insta,tiktok, you tube,rakeshmanawatscr@gmail.com

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राकेश मनावत"राज"

 दुख का दरिया शर्म का समंदर होता है।
सबसे ख़ौफ़नाक भूख का मंजर होता है।।

दुख का दरिया शर्म का समंदर होता है। सबसे ख़ौफ़नाक भूख का मंजर होता है।।

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राकेश मनावत"राज"

 निःशब्द शून्य ।
बस शून्य
शून्य।।
ओर आँखे निस्तेज।
शायद खोये सपने तलाश रही है।

निःशब्द शून्य । बस शून्य शून्य।। ओर आँखे निस्तेज। शायद खोये सपने तलाश रही है।

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राकेश मनावत"राज"

 गर होती उम्र लायक तो कुछ कर भी देती।
पर इस अंगुल भर लाडो को आखिर साड़ी पहनाये तो कैसे।

गर होती उम्र लायक तो कुछ कर भी देती। पर इस अंगुल भर लाडो को आखिर साड़ी पहनाये तो कैसे।

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राकेश मनावत"राज"

 कभी मिल जाये मौका तो घुस जायूँगा उस मासूम की झोपड़ी में।
आखिर ये अपने गम किस कोने में छिपा कर दबा देते है।

कभी मिल जाये मौका तो घुस जायूँगा उस मासूम की झोपड़ी में। आखिर ये अपने गम किस कोने में छिपा कर दबा देते है।

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राकेश मनावत"राज"

 गांवों का जीवन भी अजीब है।
पेट खाली है पर होठो पर हंसी है।

गांवों का जीवन भी अजीब है। पेट खाली है पर होठो पर हंसी है।

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राकेश मनावत"राज"

 जब बचपन था तब भी ओर आज भी
माँ मेरे हिस्से की चार रोटिया ज्यादा ही बनाती है।
बचपन मे मेरे हिस्से की रोटी जबरदस्ती खिला देती।
ओर आज मेरे हिस्सें की रोटी अलमारी में सजा लेती है।

जब बचपन था तब भी ओर आज भी माँ मेरे हिस्से की चार रोटिया ज्यादा ही बनाती है। बचपन मे मेरे हिस्से की रोटी जबरदस्ती खिला देती। ओर आज मेरे हिस्सें की रोटी अलमारी में सजा लेती है।

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राकेश मनावत"राज"

 रंजिशें सब छोड़ दी सबसे लड़ाई छोड़ दी
         ऐब था सच बोलना,मैने बुराई छोड़ दी...

रंजिशें सब छोड़ दी सबसे लड़ाई छोड़ दी ऐब था सच बोलना,मैने बुराई छोड़ दी... #nojotophoto

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राकेश मनावत"राज"

 रंजिशें सब छोड़ दी सबसे लड़ाई छोड़ दी
         ऐब था सच बोलना,मैने बुराई छोड़ दी...

रंजिशें सब छोड़ दी सबसे लड़ाई छोड़ दी ऐब था सच बोलना,मैने बुराई छोड़ दी... #nojotophoto

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राकेश मनावत"राज"

मुट्ठी भर बीज बिखेर दो दिलों की ज़मीन पर।
बारिश का मौसम है शायद अपनापन पनप जाए।

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राकेश मनावत"राज"

 कभी थमती है यूहीं,
कभी बस रुकती ही नहीं 
ये जिंदगी है मेरी...
या क़ोई सस्ती सी घड़ी...

🕛🕐🕑🕒🕓🕔🕕🕖🕗🕘🕙🕚

कभी थमती है यूहीं, कभी बस रुकती ही नहीं ये जिंदगी है मेरी... या क़ोई सस्ती सी घड़ी... 🕛🕐🕑🕒🕓🕔🕕🕖🕗🕘🕙🕚

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