Nojoto: Largest Storytelling Platform
shailendrarajpoo4440
  • 46Stories
  • 65Followers
  • 413Love
    290Views

Shailendra Rajpoot

  • Popular
  • Latest
  • Video
38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

#harghartirnga
भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ की अनुपम वेला पर आज़ादी के अमृत महोत्सव की आप समस्त स्वजनों को अंतस्तल से असीम बधाइयाँ!!
जय हिंद!! जय भारत!!
वंदे मातरम..!!
🙏🙏🙏🙏🙏

प्रस्तुत है मेरी कविता..
आप सबके प्यार व आशीष की आकांक्षी..

#harghartirnga भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ की अनुपम वेला पर आज़ादी के अमृत महोत्सव की आप समस्त स्वजनों को अंतस्तल से असीम बधाइयाँ!! जय हिंद!! जय भारत!! वंदे मातरम..!! 🙏🙏🙏🙏🙏 प्रस्तुत है मेरी कविता.. आप सबके प्यार व आशीष की आकांक्षी.. #शायरी #हरघरतिरंगा

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

ज़िन्दगी जब तलक ग़ुलाब थी,
काँटों का पता ही न चला।
ज़िन्दगी तो काँटों से ही थी,
ग़ुलाब सूखे तो पता चला।। ज़िन्दगी जब तलक ग़ुलाब थी,
काँटों का पता ही न चला।
ज़िन्दगी तो काँटों से ही थी,
ग़ुलाब सूखे तो पता चला।।

#HappyRose

ज़िन्दगी जब तलक ग़ुलाब थी, काँटों का पता ही न चला। ज़िन्दगी तो काँटों से ही थी, ग़ुलाब सूखे तो पता चला।। #HappyRose #शायरी

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

#lovebeat
38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

उदासी बढ़ने का सबब कौन जानता है ?
अश्क़ बहने का सबब कौन जानता है ?
दिल बेचैन है क्यों, ये कौन जानता है।
जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है।

उदासी बढ़ने का सबब कौन जानता है ? अश्क़ बहने का सबब कौन जानता है ? दिल बेचैन है क्यों, ये कौन जानता है। जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है। #शायरी

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

"स्वतंत्रता का मोल"

मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा,
तू सबसे अनमोल है।
सच्चे भारतवासी के लिए,
यही स्वतंत्रता का मोल है।

लाखों वीरों के लहू से सिंचित,
भारत माँ अनमोल है।
क्या बताऊँ तुमको साथी,
यही स्वतंत्रता का मोल है।

युगों-युगों से भारत माँ का,
स्वर्णिम इतिहास-भूगोल है।
मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा,
तू सबसे अनमोल है।
सच्चे भारतवासी के लिए,
यही स्वतंत्रता का मोल है।
             ©शैलेन्द्र राजपूत
                 15.08.2020 "यही स्वतंत्रता का मोल है"

मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा,
तू सबसे अनमोल है।
सच्चे भारतवासी के लिए,
यही स्वतंत्रता का मोल है।

लाखों वीरों के लहू से सिंचित,

"यही स्वतंत्रता का मोल है" मोल लगाऊँ क्या माँ तेरा, तू सबसे अनमोल है। सच्चे भारतवासी के लिए, यही स्वतंत्रता का मोल है। लाखों वीरों के लहू से सिंचित, #flag #कविता

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

"यह स्वतंत्रता पायी है"

प्राणों की आहुति दे देकर,
स्वतंत्रता की लौ जलाई है।
भारत माँ की आज़ादी हित,
प्राणों की बाज़ी लगाई है,
लहू से अपने सींच-सींच कर,
अमर बेल उपजाई है।

"यह स्वतंत्रता पायी है" प्राणों की आहुति दे देकर, स्वतंत्रता की लौ जलाई है। भारत माँ की आज़ादी हित, प्राणों की बाज़ी लगाई है, लहू से अपने सींच-सींच कर, अमर बेल उपजाई है। #कविता #nojotovideo

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

"यह स्वतंत्रता पायी है"

प्राणों की आहुति दे देकर,
स्वतंत्रता की लौ जलाई है।
भारत माँ की आज़ादी हित,
प्राणों की बाज़ी लगाई है,
लहू से अपने सींच-सींच कर,
अमर बेल उपजाई है।
तब जाकर अतुलित अतिपावन,
यह स्वतंत्रता पायी है।

अपनी झाँसी नहीं मैं दूँगी,
यह हुंकार लगाई थी।
अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते,
वीरगति को पायी थी।
मर्दों जैसी लड़ने वाली,
यह रानी लक्ष्मीबाई है।
तब जाकर अतुलित अतिपावन,
यह स्वतंत्रता पायी है।

तोड़ ग़ुलामी की जंजीरें,
हुआ देश आज़ाद जब अपना।
पन्द्रह अगस्त के अनुपम दिन,
पूर्ण हुआ जन-जन का सपना।
इस अनुपम सपने की ख़ातिर,
कितनों ने जान गवाईं है।
तब जाकर अतुलित अतिपावन,
यह स्वतंत्रता पायी है।"
         ©शैलेन्द्र राजपूत
            15.08.2020

समस्त देशवासियों को
74वें स्वतंत्रता दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएं!!😊 "यह स्वतंत्रता पायी है"

प्राणों की आहुति दे देकर,
स्वतंत्रता की लौ जलाई है।
भारत माँ की आज़ादी हित,
प्राणों की बाज़ी लगाई है,
लहू से अपने सींच-सींच कर,
अमर बेल उपजाई है।

"यह स्वतंत्रता पायी है" प्राणों की आहुति दे देकर, स्वतंत्रता की लौ जलाई है। भारत माँ की आज़ादी हित, प्राणों की बाज़ी लगाई है, लहू से अपने सींच-सींच कर, अमर बेल उपजाई है। #कविता #independenceday2020

38b43b5bd0afa1cf6703ffba02ea885f

Shailendra Rajpoot

"मेरा मौन जानता है"

उदासी बढ़ने का सबब कौन जानता है ?
अश्क़ बहने का सबब कौन जानता है ?
दिल बेचैन है क्यों, ये कौन जानता है?
जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है।

पत्थर था दिल मेरा, पिघल गया ज़ज़्बात से,
अपना लगने लगा वो, पहली मुलाकात से,
शीशे-सा बिखरा क्यों, ये कौन जानता है?
जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है।

अँधेरी गलियों में उजाले की ख़ातिर,
भटकता रहा मैं, अपनों की ख़ातिर,
भोंक गया ख़ंजर क्यों, ये कौन जानता है?
जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है।

आरजू की तलब पहले थी ज़िन्दगी से,
अब अकुलाहट होती है ज़िन्दगी से,
श्वांस कब साथ छोड़ दे, ये कौन जानता है?
जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है।
              ©शैलेन्द्र राजपूत
                  14.082020 "मेरा मौन जानता है"

उदासी बढ़ने का सबब कौन जानता है ?
अश्क़ बहने का सबब कौन जानता है ?
दिल बेचैन है क्यों, ये कौन जानता है?
जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है।

पत्थर था दिल मेरा, पिघल गया ज़ज़्बात से,

"मेरा मौन जानता है" उदासी बढ़ने का सबब कौन जानता है ? अश्क़ बहने का सबब कौन जानता है ? दिल बेचैन है क्यों, ये कौन जानता है? जो भी जानता है, मेरा मौन जानता है। पत्थर था दिल मेरा, पिघल गया ज़ज़्बात से, #कविता

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile