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shankardas6759
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shankar Das

poetry, Bhojpuri writer

https://youtube.com/@shankardasapnirachna

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shankar Das

कविता

राम कथा कह दास बनाबे,रावण बनके राज चलाबे
रावण उ बनजायेला, हम राम नहीं बन पाईले 
राम कथा कह दास बनाबे रावण बनके  राज चलावे।

महाभारत के जीक्र उ कके पांडव पाठ पढ़ावेला
खुद ही दुशासन बनके: उ जनता के  चीर हरण कर जायेला।

राजाहरिश्चंद्र,सरवन कुमार,आ विदुर नीति सिखावेला
बनके दुर्योधन जनता के ऊ, पल-पल आंसू रोआवेला।

बात करे उ अईसन जईसे भीष्म पिता कर जाएला
धर्म पर हार भले हो जाए,अधर्म पर विजय बनावेला।

भोली-भाली जनता के उ जब  बाल-लीला सुनावेला
अपने पिता के ही कारागृह में बंद कईके राज चलावेला

दईके लालच अमृत के, विषपान कराबेला
विषमोहिनि के रुप उ धईके जनता के भ्रमाबेला।

अपना-अपना कहिके नेता,जब जनता के वेवफुक बनाबेला
तब शंकर के कलम न रूके मामा शकुनि बस याद आवेला।।
        
लेखक - शंकर दास

©shankar Das राम कथा कह दास बनाबे रावण बनके राज चलाबे
 रावण उ बनजायेला हम राम नहीं बन पाईला।

राम कथा कह दास बनाबे रावण बनके राज चलाबे रावण उ बनजायेला हम राम नहीं बन पाईला। #कविता

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shankar Das

बालि से पुछो तुम अपनी बिन्दिया से पुछो तुम अपनी
ढुंढ रहि है किसे निगाहें नजरो से पुछो तुम अपनी।

बालि से पुछो तुम अपनी बिन्दिया से पुछो तुम अपनी ढुंढ रहि है किसे निगाहें नजरो से पुछो तुम अपनी। #शायरी

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shankar Das

shankar das

©shankar Das
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shankar Das

#फूलों_की_चाहत
शंकर दास की कविता

#फूलों_की_चाहत शंकर दास की कविता

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shankar Das

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shankar Das

जल : मेरी पुकार सुनो।
शंकर दास की कविता

जल : मेरी पुकार सुनो। शंकर दास की कविता

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shankar Das

f.b/paje- shankardas1997

©shankar Diwana
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shankar Das

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shankar Das

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shankar Das

दर्द की दास्तां

©shankar Diwana तन्हा में रहोगी तो तुम दिल की बात किससे कहोगी
कब तलक तुम मुझे यूं ही तड़पाती रहोगी,
चेहरा पलट लेती है न जाने क्यों हमें देखकर
दूसरे को खरी-खोटी सुनाते वो बातें मुझ पर फेंक कर।
                                 लेखक - शंकर दास

तन्हा में रहोगी तो तुम दिल की बात किससे कहोगी कब तलक तुम मुझे यूं ही तड़पाती रहोगी, चेहरा पलट लेती है न जाने क्यों हमें देखकर दूसरे को खरी-खोटी सुनाते वो बातें मुझ पर फेंक कर। लेखक - शंकर दास

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