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pinukumawat9214
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Pini KUMAWAT

medico

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Pini KUMAWAT


एक दिन तुम्हारे सहर में आऊंगी
पर तुमसे मिलने की मिन्नते मै करूंगी नही
एक दिन मंदिर में तुम्हे पाने की मन्नते मैं करूंगी नही
एक दिन तुम्हारी लिखी बाते पढ़के रोऊंगी नही
एक दिन तुम्हे खो देने के डर से डरूंगी नही 
एक दिन उन्ही रास्तों पे चलूंगी अकेले
पर तुम्हे साथ चलने को कहूंगी नही
एक दिन तुम्हे सोचते हुए खुद ही के संग बहूंगी नही
एक दिन सबके साथ होके भी अकेले रहूंगी नही
एक दिन सोने के बाद डर के घबराहट में उठूंगी नही
एक दिन सबसे छुपाके आंसुओ में भीगूंगी नही 
और शायद इन्ही आंसुओ के बह जाने के डर से छुपूंगी नही 
एक दिन फिर से डरूंगी में उन्ही लम्हों में जीने से 
पर उस दिन फिर से मुस्कुराने से रुकूंगी नही

©Pini KUMAWAT
  #hillroad एच
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Pini KUMAWAT

किसी को संवारते हुए खुद ही को उजाड़ दूंगी
लगा नही था कभी
किसी के सपने को जीते हुए खुद ही को हार जाऊंगी
लगा नही था कभी
हर सख्ती से लड़ते हुए
हर तख्ती से कहते हुए
हर दुआ में  बस उसी को मांगते  हुए
हर मंजर को सजाते हुए 
खिलते फूलो की बगिया लगाते हुए 
खुद ही मुरझा जाऊंगी ak दिन 
लगा नही था कभी
हर रूखे अंदाजा में सजे तेरे लफ्जो की शायरियो से भरे कागजों को हर बार मिटाते हुए
खुद ही यूं मिट जाऊंगी
लगा नही था कभी
हर चोट को सहलाते हुए हर जख्म को दवाते हुए
बिना मनाए खुद को मनाते हुए
सब संभाल लूंगी हर मंजर को कहते  हुए 
खुद से खुद को कहानी सुनाते हुए
खुद ही कहानी बन जाउंगी
लगा नही था कभी

©Pini KUMAWAT
  #kinaara छ
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Pini KUMAWAT

मासूमियत का गला घोंट कर अक्लमंद बना रहा हु तुम्हे कह कर
बिना गलतियों के सजाए दे कर 
ये कहा उसने की आखिर कमी ही क्या रह गई 
एक अटल आत्मविश्वास को अपने पैरो में रौंद कर 
हर ख्वाइश को बचपने का नाम दे कर 
उसने ये कहा कि आखिर कमी ही क्या रह गई 
गुमनाम से मेरे नाम को बेनाम कह कर
मेरे अश्कों को  नौटंकी सरेआम कह कर
मेरे साफ सुथरे रिस्तो को बदनाम कह कर
और मेरे सीने की धड़कन को हराम कह कर 
उसने ये कहा कि आखिर कमी ही क्या रह गई
मेरे आत्मसम्मान को आंधी को तरह झकझोर कर 
और पैरो में कुछ खुली सी बेडिया मरोड़ कर
उसने ये कहा कि आख़िर कमी ही क्या रह गई 
हर ज़ख्म को अपने  शब्दों के खंजर से खुरेद कर 
एक दिन इश्क जता कर 
चार दिन अगले फिर से रुलाकर 
फिर अगले दिन मोहोबत का पैगाम दिखा कर 
फिर से उसने यही कहा कि आखिर कमी ही कहा रह गई

©Pini KUMAWAT #Qala
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Pini KUMAWAT

mera ak sapna tha 
kisi ko sidhaat se chahne ka
bs kisi ka hone ka or hoke sada usi ka rah jane ka
mera ak spna tha.
uchhi udane bharne ka ,khulke jine or 
muskurane ka 
sbse muh modke usper sb lutane ka
mera ak sapna tha,
kabhi ladke na sone ka
kabhi na roke bahne ka 
pahado ki tarha thahrne ka 
nadiyo ki trh lahrane ka 
ha mera ak spna tha ,

©Pini KUMAWAT #DREAMING_GIRL
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Pini KUMAWAT

shuri hui h to ,khatm bhi ho jayegi ak din
kahani hi to h 
zindagi bhar thode hi chalegi 

ha pr badal jayenge kuchh mayne tb   rahne ke bhi or sahne ke bhi
ab toota h itni bar tukdo me 
fir toote huye tukdo se 
 vahi tasvir thode hi banegi

©Pini KUMAWAT #History
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Pini KUMAWAT

over attachments, overloads,overthinking
and overexpectations can
kill you from inside everymoment......l

©Pini KUMAWAT #think
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Pini KUMAWAT

तु पास नहीं पर खाश मेरे 
तु सुकून नहीं पर रास मेरे
ये फासला एक सरहद सा ह पर ये सरहद नही बर्दास्त मेरे 
कुछ लम्हों की लहरे सी है
कुछ नसीबो के पहरे सी है
कुछ ख़्वाब है टूटे से पर 
इन ख्वाबों में लिपटे ज़हरे सी है
ये ख्वाबों के पन्ने नहीं 
नादानी सी आस मेरे
मिल जाए तो किस्मत समझूं
पर मिलने की न कोई हास मेरे

©Pini KUMAWAT भी 
#Thoughts

भी Thoughts

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Pini KUMAWAT

kitna kuchh chhupa h is dil me 
wo sb khul kr kahane do na 
q lge ho smjhdar krne ko
mujhe nasamjh hi rahne do na 
ak nav h samndhar me 
bin patvar si bahti hui 
q lahro ki mar se darate ho mujhe 
bekhof sa hi mujhe bahne do na 
samjhti nahi hu kisi ke doglepan ko 
sah jati hu sabke ruanepan ko
q har bar tod kr  kah jate ho judne ko
bin juda hi ab mujhe rahne do na 
jo uth raha h tufaan ander 
bs hava ki lahro ke sang hi ab use bahne do na 
q lge ho  samjhdar krne ko
mujhe nasamjh hi rahne do na ❤️

©Pini KUMAWAT nasamjh hi rahne do na 

#Light

nasamjh hi rahne do na #Light

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Pini KUMAWAT

kisi ki duniya bachane ko use chhod dena 
galt hi h ager to ..iska sahi bta de koi 
apni khusi ke liye kisi ke pichhe bhagna 
galt hi h ager .to iska sahi bta de koi 
kisi ki bevjha chahat  me  hr batamizi sah lena 
galt hi h ager ..to iska sahi bta de koi 
kisi ki har kosis pr baradh jana 
kisi ki chahat ka mulzib bn jana 
kisi ke hotho ki muskon ko bhi ..
siskiyo ke samdar bna dena 
ager ye sabhi sahi h ..to 
us vanvashi ke atbar ko 
galt kah ke .sluse bhi ..sahi bna de koi use bhi sahi bna de koi 
#Rose

use bhi sahi bna de koi #Rose

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Pini KUMAWAT

me gum ho jaungi ..in vadiyo me kahi
pr dhund lena ager ho ske
me bah jaungi in lahro me kahi
pr sambhal lena ager ho ske
me rah jaungi toot ke adhuri kahani si kahi
pr kr dena puri ager ho ske
me doob jaungi anshuo ke samdar me kahi
pr nikhar lena ager ho ske
me ruk jaungi jake tumse duur kahi
pr rok ke hmesha 
 rakh lena apne pas kahi 
ager ho ske 🖤

#OneSeason
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