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nishasingh4551
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Nisha Singh

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Nisha Singh

रंग ऐसा चढ़ा है,
 तेरे प्यार का उतरता ही नहीं....!! 
जिधर भी देखूं,
नज़र तेरे सिवा कोई और आता ही नहीं,,

©Nisha Singh
  #रंग ऐसा चढ़ा

#रंग ऐसा चढ़ा #शायरी

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Nisha Singh

शब्द भी,
क्या कमाल करते हैं,,
प्रेम से बोलो,
दिल में फूल हज़ार खिलते हैं,,
नफ़रत से कहे,
शब्द घायल हर बार करते हैं ,,
बड़े बेजोड़ है ये शब्द, 
अनजान से भी नाता जोड़ देते है,,
तो कभी अपनो से भी,
रिश्ता तोड़ के ज़हर घोल देते है,,
दो धारी तलवार है ये,
पहले तोलना सोच कर फिर बोलना,,
शब्द भी,
क्या कमाल करते हैं,,
*निशा सिंह*

©Nisha Singh
  #truecolors
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Nisha Singh

,,ख्वाइशे,, 
कुछ आधी अधूरी सी,
         जो पूरी ना हो सकी....!
कभी में कम पड़ गई,
       कभी तुम पड़ गए कम....!
सपने देखें जो हसीं इन,
आंखों ने कुछ तेरे कुछ मेरे थे....!
माना मुकमल जहां,
         मिलता नहीं किसी को....!
पर तेरे मेरे हिस्से तो,
     छोटा सा टुकड़ा भी न आया...!
भागता रहा मन बन के 
        परिंदा ख्वाइशों के पीछे.…!
पर तेरे मेरे हिस्से,
 ख्वाइशों की खालिश ही आई....!
*निशा सिंह*

©Nisha Singh
  #

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Nisha Singh

कितना दिलचस्प ,
होता जा रहा है तेरा मेरा रिश्ता,,
मेरे सवालों पर,
तेरा खामोश हो जाना,,
तेरा नजरे चुरा कर यूं,
मुझे देखना धीरे से मुस्कराना,,
तेरा कुछ कहना ,
दिन भर बस मेरा इंतजार करना,,
मेरा होना ही,
बस तेरी सारी दुनिया हो जाना,,
मेरे कुछ कहने से पहले,
मेरी बातों को समझ जाना,,
तेरा मुझ में,
इस तरह से घुल कर मिल जाना,,
कितना दिलचस्प ,
होता जा रहा है तेरा मेरा रिश्ता,,
*निशा सिंह*

©Nisha Singh
  #sugarcandy
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Nisha Singh

दिल की क़िताब में,
         तेरी ही आयतें हैं...!!
कुछ खट्टी सी,
         कुछ मिट्ठी सी....!!
कुछ धुंधली सी,
         कुछ साफ़ सी....!! 
इश्क अधूरा सा,
       शिकायतें पूरी सी...!!
जब तू पास नहीं था,
      तब भी मुझ में था....!!
अब तू पास है,
      पर मेरे साथ नहीं....!!
 मेरी ख्वाईशें बारिश की,
      उस बूंद की तरह हैं...!!
हथेली तो भिग जाती हैं,
   हाथ खाली ही रह जाता है ....!!
भीड़ कहने को होती है,
    दिल तन्हा रह जाता है....!!
दिल की क़िताब में,
              तेरी ही आयतें हैं....!! 
*निशा सिंह*

©Nisha Singh
  #तेरी आयतें #

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Nisha Singh

बेला है अवसान वर्ष का,
आगमन है नव वर्ष का...!
नव वर्ष का नए हर्ष का,
पुनः नए  रंग भरे उर में उमंग भरे...!
हो नव ये वर्ष सुहाना,
अधरों पर सबके हो मुस्कान...!
ऊंच नीच का भेद ना हो,
हों हम सब एक समान...!
हिल मिल नाचें गाए,
संग मनाएं सब त्यौहार...!
बातें बीते दिनों की,
हों जायेगी कुछ दिन में
इतिहास...!
कुछ बातों से,
आखें गम हीन हुई...!
कुछ बातों से,
दिल में हर्ष हुआ...!
छोड़ों बीती बातें,
नया कोई इतिहास रचे...!
नव वर्ष के आगमन पर,
खुशियों का सब आगाज़ करें...!

*निशा सिंह*

©Nisha Singh
  #
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Nisha Singh

#vakt#
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Nisha Singh

भारत ने रच डाला,
फिर इक नया इतिहास...!!
चंद्रयान – 3 ,
इसरो ने चाँद पर उतरा है.…!! 
धारती से गगन तक,
हमने कदम अपना बढ़ाया है...!!
खत्म हुआ ,
बरसों से था जिसका इंतजार...!!
भारत ने परचम, 
अपना दक्षिणी ध्रुव पर लहराया है....!!
विश्व पटल पर,
इसरो के वैज्ञानिकों ने छोड़ी गहरी छाया है....!!
*निशा सिंह*

©Nisha Singh
  #chandrayaan3
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Nisha Singh

तुम बिन,
कभी सोचा ही नहीं ,,
तुम बिन,
कुछ और देखा नहीं,,
जब से पाया साथ तेरा,  
तुम बने हमराज मेरे,, 
यकी नहीं तुम्हें,
मेरी मोहब्बत पर ना कर,,
ऐतबार खुद की,
मोहब्बत पर इक बार तो कर,, 
तेरे है सनम,
मरते दम तक तेरे ही रहेंगे,,
छू ना सकेगा,
तन मन तेरे सिवा दूजा कोई,,
इस जहां में ना सही,
किसी और जहां में ही सही,,
रूह से रुह का होगा,
कभी ना बिछड़ने वाला मिलन,,
कौन अपना है,
वक्त रहते हुए समझ जा,,
वक्त हाथ से,
फिसला उसे पकड़ ना पायेगा,, दिल ही दिल में,
रोएगा पछताएगा,, 
गुजरा जो जमाना,
लौट के फिर ना आयेगा....!!

©Nisha Singh
  #tum_bin #shayri
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Nisha Singh

ये रिमझिम,
बारिश की फुहार,,
लागे उमड़ा है,
मेघ का धरा के लिए प्यार,,
इक दूजे बिन, 
दोनों जैसे हों निराधार,,
तपती धारा को,
मिल गया जिसके लिए तरसी वो प्यार,,
पा नन्हीं बूंदों का, 
स्पर्श पुलकित हो जाता अंतर मन,,
प्रकट करती,
खुशी अपनी बिखेर हरियाली चहुं ओर,,
नव पल्लव,
विपट हो जाते अनेक,,
झूम उठे मन,
खुशी के गाएं मिलकर गीत ...!!

©Nisha Singh
  #कविता #रिमझिम फुहार

कविता रिमझिम फुहार

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