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niteshdubey4273
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

love is the essence of life...🌹

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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

White तुम्हारे जन्मदिन पर क्या दूँ  उपहार तुम्हे,
जो सबसे निराला हो,अनुपम हो,अनूठा हो,बिल्कुल तुम्हारी तरह 
लो अपने हिस्से के कुछ शब्द देता हूँ,सहेज लो इन्हे अपने जीवन की किताब में,जिसे जब तुम पढो और याद रखो उम्र भर के लिए यह शब्द उपहार के लिए.💐💐💐

 रंग बिरंगे फूलों की खुशहाली से जीवन भर जाएं 
     चंद्रमा की शीतलता से जीवन में मुस्कान आएं 
सूरज की रश्मियों सी शौर्यता जीवन बन जाएं 
  तारों सा झिलमिलाता जीवन मे नयी उर्जा आएं
    इंद्रधनुष के सातों रंग जीवन में खुशहाली लाएं 
    हरे भरे लहलहाते वृक्ष जीवन मे समृद्धि लाएं ।।
    जीवन मे सुख समृद्धि और खुशियों का भंडार हो  
            जन्मदिवस पर यही कामना भगवान का आशीर्वाद हो..... 

"साक्षी'' यह जन्मदिवस नही प्रत्येक जन्मदिवस हर साल
 नई उंचाईयों के साथ मंगलमय हो..💐💐💐

©N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

#Ussdin
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

उनके हस्त मिलन  से ही 
ह्रदय उद्वेग भर उठता था।
नयन मे अपार  राग भरे 
अध: कम्पित हो उठता था।
चपल दामिनी की उजियारा
तम का पूर्ण अवसान था।
प्रेम पथिक के नये मिलन का 
बह यही शुरुआत था 
         बस यही शुरुआत था।।

©Niteshnarayan B.H.U.
  #mohabbat
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

#MessageOfTheDay जन्मदिवस पर अनेकानेक शुभकामनाएं 💐🙏
हमारे परिवार के एक हिस्से के रूप आपका होना हमारे 
लिए एक सम्मान की बात है।
 भगवान आपको हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद प्रदान करें। 
मैं इस बात से हमेशा बहुत खुश होता हूं 
कि मेरी बहन की शादी आप जैसे शानदार व्यक्ति से हुई है। 
इसके लिए भी आपका अभिनन्दन वंदन 🙏 
भगवान विश्वनाथ मां अन्नपूर्णा 
आपके जीवन में सुख शांति आयु आरोग्य बल पुष्टि यश 
कीर्ति धन वैभव पद प्रतिष्ठा को प्रतिष्ठित करें 🎂
जीवन के प्रत्येक पहलू में आप  खुश रहें 💐
आपके जन्मदिन पर, मैं कामना करता हूं कि 
आप मेरी बहन के पागलपन को सहन करने के लिए
 और अधिक धैर्यवान हों, हम जानते हैं 
कि मेरी बहन कितनी पागल है आपके प्रति💞
 मजाक कर रहा हूं -लव यू सिस्टर 🥰🎈💐
आपसे वो लडेगी और आपके लिए भी वो लडेगी यही उसका प्रेम है...
इससे भी अच्छी तरह आपके जन्मदिवस को हम सभी 
मिलजुल कर मनाएं और आपके लिए भगवान से प्रार्थना करें...
जन्मदिवस की अनेकशः प्रेम भरी शुभकामनाएं व प्रणाम  💐🎂🎁

©Niteshnarayan B.H.U.
  #Messageoftheday
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

चैतन्यं शाश्वतं शांतं व्योमातीतं निरंजनम्।
नादविन्दुकलातीतं तस्मै श्री गुरवे नम:॥
सच्चिदानन्दरुपाय व्यापिने परमात्मने।
नम: श्री गुरुदेवाय प्रकाशाननमूर्तये॥


गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं 💐🙏

©Niteshnarayan B.H.U. #Gurupurnima
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

प्राचीन काल में गुरु ही शिष्य को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों तरह का ज्ञान देते थे लेकिन आज वक्त बदल गया है। आजकल विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा देने वाले शिक्षक को और आध्यात्मिक ज्ञान देने वाले को गुरु कहा जाता है। शिक्षक कई हो सकते है लेकिन गुरु एक ही होते है।  विद्यार्थी को विद्या और अविद्या अर्थात आत्मज्ञान और सांसारिक ज्ञान का बोध कराने वालें गुरु हुआ करतें थें।लेकिन बाद में आत्मज्ञान के लिए गुरु और सांसारिक ज्ञान के लिए शिक्षक हो गए। 
आज हमारे विद्यालयों में ज्ञान का नहीं बल्कि सूचनाओं का हस्तांतरण हो रहा है। विद्यार्थियों का ज्ञान से अब कोई वास्ता नहीं रहा इसलिए आज हमारे पास डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, न्यायाधीश, वैज्ञानिक और वास्तुकारों की तो एक बड़ी भीड़ जमा है लेकिन ज्ञान के अभाव में चरित्र और चरित्र के बिना सुंदर समाज की कल्पना दिवास्वप्न बन कर रह गई है।
शिक्षा का संबंध यदि चरित्र के साथ न रहा तो उसका परिणाम यही होगा। परंतु इस मूल प्रश्न की ओर कौन ध्यान दे?
 सत्ताधारी लोग अपने पद को बनाये रखने के लिए शिक्षा का संबंध चरित्र की बजाय रोजगार से जोड़ना चाहते हैं।
यही कारण है कि देश में आज जिस तरह का माहौल बनता जा रहा है, अनैतिकता और अराजकता फैलती जा रही है,नग्नता ,हिंसा और आतंक बढ़ता जा रहा है, भ्रष्टाचार और अपराध जीवनशैली बन गयी है। इसका मूल कारण गुरु को नकारकर, चरित्र को नकारकर हमने केवल भौतिकता को जीवन का आधार बना लिया है जो विनाशकारी है।

©Niteshnarayan B.H.U. #Gurupurnima
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

प्राचीन काल में विद्यार्थियों से शुल्क नहीं वसूला जाता था अतः वे साल में एक दिन गुरु की पूजा करके अपने सामर्थ्य के अनुसार पूजन वंदन कर दक्षिणा देते थे। महाभारत काल के पहले से यह प्रथा प्रचलित थी। कहा गया है कि अगर आप गुरु की ओर एक कदम बढ़ाते हैं तो गुरु आपकी ओर सौ कदम बढ़ाते हैं। कदम आपको ही बढ़ाना होगा, क्योंकि यह कदम आपके जीवन को पूर्णता प्रदान करता है। 
भारतीय संस्कृति में गुरु का बहुत ऊंचा और आदर का स्थान है। माता-पिता के समान गुरु का भी बहुत आदर रहा है और वे शुरू से ही पूज्य रहें हैं। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के समान समझ कर पूजन करने की पद्धति पुरातन है। 
‘आचार्य देवोभवः’ का स्पष्ट अनुदेश भारत की पुनीत परंपरा है,    और वेद आदि ग्रंथों का अनुपम आदेश है।
परमात्मा की ओर संकेत करने वाले गुरु ही होते हैं। गुरु एक तरह के बांध है जो परमात्मा और संसार के बीच और शिष्य और भगवान के बीच सेतु का काम करते हैं। इन गुरुओं की छत्रछाया में से निकलने वाले महर्षि वेदव्यास,कपिल, कणाद, गौतम, पाणिनी आदि अपने विद्या वैभव के लिए आज भी संसार में प्रसिद्ध है। 
गुरुओं के शांत पवित्र आश्रम में बैठकर अध्ययन करने वाले शिष्यों की बुद्धि भी तद्नुकूल उज्ज्वल और उदात्त हुआ करती थी। सादा जीवन, उच्च विचार गुरुजनों का मूल मंत्र था। तप और त्याग ही उनका पवित्र ध्येय था। लोकहित के लिए अपने जीवन का बलिदान कर देना और शिक्षा ही उनके जीवन का आदर्श हुआ करता था।
ब्रह्मस्वरूप गुरु चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏

©Niteshnarayan B.H.U. #Gurupurnima
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

भारतीय संस्कृति में "गुरु"  पद को सर्वोपरि माना गया है । गुरु की सन्निधि,प्रवचन,आशीर्वाद,अनुग्रह जिसे भी सौभाग्य से मिल जाए उसका तो जीवन कृतार्थता से भर उठता है। क्योंकि गुरु बिना न आत्मदर्शन होता है न परमात्म दर्शन।     
गुरु भव सागर से पार लगाने में नाविक का दायित्व निभाते हैं ।
वे हमारे हितचिंतक, सुमार्गदर्शक,विकास प्रेरक व विघ्न-विनाशक होते हैं।उनका जीवन शिष्यों को समर्पित और वे शिष्यों के आदर्श बनते हैं। उनकी सीख से जीवन का उद्देश्य सुदृढ़ होता है।
अनुभवी आचार्यो ने गुरु की महता को प्रतिपादित करते हुए लिखा है-गुरु यानी वह अर्हता जो अंधकार में दीप,सागर में द्विप, मरुस्थल में वृक्ष और हिमखण्डो में अग्नि की उपमा को सार्थकता कर सकें। यह त्यौहार गुरु शिष्य के प्रेम और आत्मीयता का प्रतीक है।
"गुरु पूर्णिमा" आत्म-बोध की प्रेरणा का शुभ त्योहार है। 
यह त्योहार गुरु-शिष्य के आत्मीय संबंधों का सचेतन व्याख्या देता है। काव्यात्मक भाषा में कहा गया है- गुरु पूर्णिमा के चांद जैसा और शिष्य आषाढ़ी बादल जैसा। गुरु के पास चांद की तरह जीए गये अनुभवों का अक्षय कोष होता है। इसीलिये इस दिन गुरु की पूजा की जाती है इसलिए इसे ‘गुरु पूजन दिवस’ (गुरु पूर्णिमा)भी कहा जाता है।

©Niteshnarayan B.H.U. #yogaday
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सिद्धगन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

देवी सिद्धिदात्री, जिन्हें सिद्ध गंधर्व, यक्ष, देवता, दानव आदि  पूजते   है, जिनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और कमल हैं, सभी शक्तियों के दाता है(अर्थात भगवान विष्णु) और उनके ऊपर विजय पाने वाली माँ सिद्धिदात्री मुझे शुभता अर्थात् कल्याण प्रदान करें।

नवरात्र की पूर्णता पर भगवती सबके मनोरथ को पूर्ण करें 🙏

©Niteshnarayan B.H.U. #navratri
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N.N.D.,,,,,, BHU,,,,,,

नववर्ष और नवरात्रि की
 हार्दिक शुभकामनाएं।।

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

©Niteshnarayan B.H.U.
  #Light नवरात्रि

#Light नवरात्रि #समाज

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