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vipulmishra8820
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Vipul Mishra

jai shree ram

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Vipul Mishra

हे मां तेरी इस दुनिया में लोगों ने , सच्चे को झूठा मान लिया।
और एक झूठे के कहने पर ,तालाब लोग ने छान दिया।।
मेरा हक खाने वालों की,यह नई कौन सी साजिश थी।
तुम ही जानो शेरावाली मैंने तो,  सर्वस्व आपको मान लिया।।
घर छोड़ दिया है उसने भी,मेरी इन हालातो पर।
धनहीन हो गए हो तुम सब ,ऐसा भी उसने ज्ञान दिया।।
पर मां तो मां ही होती है,उसको क्या यह षड्यंत्र पता।
जब मां ने रोकना चाहा तो,वह मां पर भी इल्जाम दिया।।
जय हो शेरावाली माता,जय आदिशक्ति जय जगदंबा। 
जो चाहोगी वही होगा,ऐसा अब हमने मान लिया।।

©Vipul Mishra #navratri महाष्टमी..

#navratri महाष्टमी.. #Poetry

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Vipul Mishra

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©Vipul Mishra
  #Shajar
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Vipul Mishra

स्वरचित पंक्तियां

स्वरचित पंक्तियां #शायरी

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Vipul Mishra

स्वरचित मुक्तक

स्वरचित मुक्तक #कविता

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Vipul Mishra

राम के  नाम में आनंद  हमको आ गया ऐसे।

कि बढ़ता बेल  डाली का सहारा  पा गया जैसे।।

मैं ये जब नाम लेता हूं तो मुझको ऐसा लगता है।

कोई भटका पथिक मंजिल का रस्ता  पा गया जैसे।।

 विपुल मिश्रा..

©Vipul Mishra #NojotoRamleela
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Vipul Mishra

स्वरचित पंक्तियां

स्वरचित पंक्तियां #विचार

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Vipul Mishra

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Vipul Mishra

हमें वक्त के हिसाब से ढलना चाहिए।

चिराग हौसलों कातो जलना ही चाहिए।।

मंजिल मिले या ना मिले किस्मत की बात है।

रास्ता अगर सही है तो चलना ही चाहिए।।

©Vipul Mishra

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Vipul Mishra

जिनका शरीर है कुंद पुष्प और चंद्रमा समान।
जो पार्वती के प्रियतम और है दया के धाम।।
जिनके शीश पे है गंगा जी ललाट पर है चांद।
ऐसे सुभ्रवर्ण शिव जी को सदा मेरा प्रणाम।।

©Vipul Mishra
  jai bholenath🙏🙏

jai bholenath🙏🙏 #Poetry

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Vipul Mishra

जिस सुख का हम बचपन से सदा ही कल्पना करते। 
अवधपुर वासी उस सुख में निरन्तर मग्न है रहते।। 
जिसने रामजी को यार सपने में भी देखा हो।
वे उनके हो ही जाते है उन्हीं का नाम भी जपते।।

©Vipul Mishra
  jai shree ram

jai shree ram #Poetry

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