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Deepa Ruwali

writer u Tuber

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Deepa Ruwali

आज आसमां फिर से एक बार जी भर के रोया है,
कौन जाने उसने अपनी आंखों से बहती
 हुई इन बूंदों से अपने दिल के किस दर्द को धोया है।
🌧️🌧️

©Deepa Ruwali rain #rain #sawan #Poetry #Shayar #shayari #shayri
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Deepa Ruwali

आने वाले कल में प्रवेश करने के लिए हम कितनी भी तैयारियां क्यों ना कर लें, 
गुजरे हुए उस कल और उस कल की कुछ मीठी और कुछ कड़वी स्मृतियों को पीछे नहीं छोड़ सकते।

©Deepa Ruwali #sunrisesunset #thought #Life #thought_of_the_day #Life_experience #Life
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Deepa Ruwali

बेफिक्री के साथ जिंदगी के रास्ते में चलते रहे,
  दिन भी बेबसी और लाचारी में ही ढलते रहे।
सपनों की उड़ान के लिए ख़ुद में पंख लगा न पाए,
वक्त जब हाथ से निकल गया तो हाथ मलते रहे।

©Deepa Ruwali #stilllife #Shayar #shayaari #poeatry #Poetry #शायरी #writer #Life

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Deepa Ruwali

मेरे सिर पर  हमेशा गमों का साया रहा,
कितने खुशियों के उजाले न जाने तेरे पास आए।
मेरे हिस्से में तो सदा ही ये काली रात आई,
और तेरे हिस्से में न जाने कितने चांद आए।

©Deepa Ruwali #Glazing #sad #poeatry #Shayar #Shayari #shayri #शायरी #thought #write #treanding

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Deepa Ruwali

दर्द के बादल दिल में गरज रहे हैं
और बरसात आंखों से हो रही है
हमें तो अब जीना भी गवारा नहीं,
ये गुस्ताखी तो सांसों से हो रही है।

©Deepa Ruwali #treanding #Poetry #Shayar #shayri #shayari #thought #writer #sad_feeling #Life
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Deepa Ruwali

White  बुलंदियों को छूने की चाह लिए बैठे हैं,
   जो राह ठीक नहीं वही राह लिए बैठे हैं।
कहते हैं आसमां और हमारे बीच फासले बहुत हैं अभी,
    कैसे पहुचेंगे वहां जब दामन जमीं का थाम लिए बैठे हैं।

©Deepa Ruwali #sad_shayari #shayaari #poeatry #शायरी #thought #Shayar #sad #Life

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Deepa Ruwali

अब लोग कहां किसी से कोई गुफ़्तगु किया करते हैं,
   बेजान हैं तभी तो शायद मुर्दों की तरह जिया करते हैं।
   मैं अपने ज़ख्मों को बयां करूं भी तो किसके दरपेश करूं?
   अब कहां इस जहां में कोई हमदर्द हुआ करते हैं ।

©D.R. divya (Deepa) #Shadow #sad #poeatry #shyari #Shayari #thought #
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Deepa Ruwali

White 
रईसी का गुमान

आज अपनी इस रईसी पर गुमान किया करते हो,
     और हमें सदा अपमान ही दिया करते हो।
लगता है तुम्हें तुम रहोगे अपने ही हाल में सदा,
और हमारी दरिद्रता भी कभी साथ न छोड़ेगी।
   इक दिन ज़रूर ये सब नहीं रहेगा,
     तुम  भले ही रहो अपने इसी हाल में 
लेकिन हमारा जरूर वक्त बदलेगा।
उस रोज़ तुम्हारा हृदय अवश्य आराम पाएगा,
   फिर कभी तुम्हारे भीतर ये रईसी का गुमान न आयेगा।
  
हमसे कोई भी नाता न रखने की चाहत है तुम्हारी,
    तुम्हारे इस अंदाज़ से हृदय ही नहीं,
      देह भी आहत है हमारी,
  तुम हर दफ़ा दूरियां ही खोजते हो हमसे,
  शायद सोचते हो कि कोई गंदी बू आती है हमारे तन से।
तुम्हारा बनाया ये फासला सदा के लिए न रह पाएगा,
  फिर कभी तुम्हारे भीतर ये रईसी का गुमान न आएगा।

  दिखावे के लिए तुम जरूर इक साथी भी बन जाओगे,
    भीतर से कभी कोई अपनेपन का भाव न बुन पाओगे।
तुम्हारा ये रईसाना इस झूठे नाते को भी न रहने देगा,
  हर मोड़ पर कैसे हमारा ये मन तुम्हारे इस दंभ के कांटे को सहने देगा?
    इक रोज़ अवश्य तुम्हारे इस दर्प की शमा बुझ जायेगी,
    उसी दिन से तुम्हारे मन की मदमस्तता भी शायद रुक जाएगी ।
      अमीरों की सूची में हमारा भी इक नाम आएगा,
      फिर कभी तुम्हारे भीतर ये रईसी का गुमान न आएगा।

©D.R. divya (Deepa) #Moon #kvita #poeatry #Shayar #write #writing #thought
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Deepa Ruwali

तुम आओगे इक रोज़ ...
   
ऋतुराज बसंत के फूलों के बीच से लेकर,
 सावन की हर बरसती बूंद में तुम्हें खोजा है,
   तुम आओगे इक रोज़ बेसुधों की तरह दौड़ते हुए,
     यही सोच कर इस व्याकुल हृदय को रोका है।
    तुम्हारी कमी ऐसे मालूम पड़ती है जैसे
 पर्वतों की तलहटी को सूरज की रोशनी का अभाव है,
  कोई चोट नहीं है इस हृदय में, 
  फिर भी न जाने ये कैसा घाव है।
तुम नहीं हो कहीं मेरी इन कल्पनाओं से बाहर, या इक रोज़ आओगे?
    आते ही मिलन को आतुर इन नीर भरे नेत्रों में खो जाओगे।
    मैंने इस हृदय में उपजती हुई हर निराशा को रौंदा है,
    तुम आओगे इक  रोज बेसुधों की तरह दौड़ते हुए,
    यही सोचकर इस व्याकुल हृदय को रोका है।

©D.R. divya (Deepa) #GateLight #kvita #poeatry #life #Love #treanding
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Deepa Ruwali

बस जिंदगी चलनी चाहिए..

उम्र हर कदम पर ढलती है, ढलनी चाहिए,
       किसी भी मोड़ पर रहें, बस जिंदगी चलनी चाहिए।
 कभी गम मिले, तो कभी मिले खुशियां,
     बस हर हाल में ये रीत चलनी चाहिए।
 संघर्षों की कितनी ही अंधियारी रातें हों,
     हर दफ़ा साहस और धैर्य की लौ जलनी चाहिए।
किसी भी मोड़ पर रहें,बस जिंदगी चलनी चाहिए।
 
रोते–बिलखते, हंसते–कूदते हरदम ये हसीं कायम रहे,
   इन रातों से अंधियारे की धूल मिटे न मिटे,
 इक ज्योत प्रकाश की जलनी चाहिए। 
 कभी खुशियों ने मुंह मोड़ भी लिया तो ये आंखें नम नहीं होनी चाहिए,
  किसी भी मोड़ पर रहें, बस जिंदगी चलनी चाहिए।

निर्बलता–सबलता,अमीरी–गरीबी इक दस्तूर हैं इस जहां में,
   इनकी ये तरतीब इसी भांति चलनी चाहिए।
   कभी निराशा के गर्त में न समा जाए,
   ये इंसानों की बस्ती फूलों की तरह खिलनी चाहिए ।
किसी भी मोड़ पर रहें बस जिंदगी चलनी चाहिए।

©D.R. divya (Deepa) #traintrack #life #poem #poeatry #kavita #kavya #jindagi
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