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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

White गजल

यूँ वक्त भी हमें क्यो देता भी सिसकियाँ हैं।
गम मे कहाँ दिखेंगी फूलों पे शोखियाँ हैं। 

बच्चो को साथ रखना,गुलशन है आजकल के।
वो घर भरा खुशी से जिसमे कहानियाँ हैं।

कहते सभी हमे भी रखना ख्याल सबका।
आ सीख हम भी ले ले करना न गलतियाँ हैं।

क्यो चाँद आज हमको आँखें बड़ी दिखाये।
आ जाये जब जमीं पे करता वो मस्तियाँ हैं।

फूलों पे अब दिखी हैं कलियाँ भी अब खिली सी।
लायी हैं हौसला भी हरहाल बेटियाँ हैं।

मरते हैं भूख से सब,फैली बे-रोजगारी।
बस भूख से तड़फती बेहाल बस्तियाँ हैं।गिरह

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा
  #mango गजल..रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से

#mango गजल..रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से #शायरी

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

यूँ वक्त भी हमें क्यो देता भी सिसकियाँ हैं।
गम मे कहाँ दिखेंगी फूलों पे शोखियाँ हैं। 

बच्चो को साथ रखना,गुलशन है आजकल के।
वो घर भरा खुशी से जिसमे कहानियाँ हैं।

कहते सभी हमे भी रखना ख्याल सबका।
आ सीख हम भी ले ले करना न गलतियाँ हैं।

क्यो चाँद आज हमको आँखें बड़ी दिखाये।
आ जाये जब जमीं पे करता वो मस्तियाँ हैं।

फूलों पे अब दिखी हैं कलियाँ भी अब खिली सी।
लायी हैं हौसला भी हरहाल बेटियाँ हैं।

मरते हैं भूख से सब,फैली बे-रोजगारी।
बस भूख से तड़फती बेहाल बस्तियाँ हैं।गिरह

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा
  #mango गजल पेशखिदमत है रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से।

#mango गजल पेशखिदमत है रीतागुलाटी की चंडीगढ़ से। #शायरी

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

#मेरी प्रस्तुति

#मेरी प्रस्तुति #शायरी

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

White दिनांक..9-5-24
विषय..अक्षय तृतीया पर
विधा.. मुक्तक(2)
22---22---22---22
खुदा का हाथ सर होता है।
फिर अब किसका डर होता है।
अक्षय सुहाग मिला जब मुझको-
सब कुछ फिर बहतर होता है।

खुशियों का वो दर होता है।
भर  झोली दिलबर होता है।
पूजो मालिक को तुम हरदम
दुआओ का असर होता है।

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा #loअक्षय तृतीया परnely_quotes

#loअक्षय तृतीया परnely_quotes #शायरी

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

White दिनांक..9-5-24
विषय..अक्षय तृतीया पर
विधा.. मुक्तक(2)
22---22---22---22
खुदा का हाथ सर होता है।
फिर अब किसका डर होता है।
अक्षय सुहाग मिला जब मुझको-
सब कुछ फिर बहतर होता है।

खुशियों का वो दर होता है।
भर  झोली दिलबर होता है।
पूजो मालिक को तुम हरदम
दुआओ का असर होता है।

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा
  #ak#अक्षय तृतीया पर मुक्तकshaya_tritiya_2024

#ak#अक्षय तृतीया पर मुक्तकshaya_tritiya_2024 #शायरी

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

White गजल..
क्या मजा आपस मे लड़वाने मे है।
प्रेम से जीना तो समझाने मे है।

छोड़कर हमको गये परदेस वो।
रात कटती आज वीराने मे है।

चैन से बिस्तर पे लेटा सोचता।
देखता सपने वो अन्जाने मे है।

खोजते हैं आज बच्चे स्वाद को।
माँ के हाथों की महक खाने मे हैं।गिरह

यार बहका हूँ उसे लेने के लिये
वो मिले मदिरा भी मैखाने मे है।

माँ के जैसा कब मिला संसार* ऋतु
माँ का प्यारा हाथ सहलाने मे है।

झेलते है दर्द को बिन बात के।
पा रहे हम सब खुशी गाने मे है।

स्वरचित..✍️
रीतागुलाटी ऋतंभरा

©ऋतु गुलाटी ऋतंभरा
  #l#एक गजल पेशखिदमत 9-5-24onely_quotes

#L#एक गजल पेशखिदमत 9-5-24onely_quotes #शायरी

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

पेशेखिदमत है एक गजल सागर मे भी दिखता..गजल

पेशेखिदमत है एक गजल सागर मे भी दिखता..गजल

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

#पेशेखिदमत एक गजल
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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

रोज डे पर कुछ दोहे पेशेखिदमत

रोज डे पर कुछ दोहे पेशेखिदमत #शायरी

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

#एक छोटी सी गजल पेशेखिदमत है।

#एक छोटी सी गजल पेशेखिदमत है। #शायरी

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