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priyachaturvedi6342
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Priya Chaturvedi

state representative and publishing consultant kaavyam publications UP. poetess✍ Drawing Lover creator work at UP chield line 1098

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Priya Chaturvedi

#poetryunplugged
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Priya Chaturvedi

#poetryunplugged
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Priya Chaturvedi

White  

सुनो तुम्हारे साथ कुछ वक्त है बिताना
सुनो ना वापस जल्दी लौट कर आना

ये महंगे कपड़े महंगे गिफ्ट महंगा खाना
मुझे किसी की आस नहीं
तुम साथ हो मेरे
तो फिर मुझे जरूरत किसी के साथ की नहीं 

तुम्हारे साथ लंबे सफर पे जाना है 
फिर उसी रेस्टोरेंट में पास्ता खाना है 
जहां सिर्फ तुम्हारी और हमारी बात हो 
मंद रौशनी में गाने की धुन पर ढलती रात हो
तुम बस मुझे प्यार से तौर तरीके सिखाते रहना
और मैं उस पल की खुशी को आंखों में भर लूंगी 
सुनो मैं उस लम्हे को हमेशा के लिए कैद कर लूंगी 

सुनो ना मेरी तमन्ना है कि फिर से हमारी मुलाकात हो
चलती गाड़ी में रेडियो की धुन और रिमझिम बरसात हो
नहीं चाहिए मुझे तुमसे झुमके, दुपट्टे और चूड़ियां 
तुम बस अपने हाथ की एक कप चाय पिलाना मुझे
हां मगर दिवाली पर एक सूट जरूर दिलाना मुझे 
मैं उसे पहन कर दस बार आईना निहारूंगी 
माथे पे काली बिंदी, दुपट्टा सिर पे रखकर खुद को संवारूंगी 

कभी मैं गलत जाऊं तो गलतियां बताते रहना 
देखो मेरा कोई नहीं है,
तुम मुझे अपनेपन का एहसास दिलाते रहना

तुम्हारी कुछ चीजें संभाल रखी हैं मैंने 
इस बहाने ही धीमे-धीमे लौटाऊंगी मैं 
सुनो तुमसे मिलने जरूर आऊंगी मैं

अधूरे सपनों को पूरा करके ही मानूंगी,
फल की चिंता नहीं बस कर्म किए जाऊंगी
इस बार रेस्टोरेंट का बिल चुकाऊंगी मैं 
सुनो तुमसे मिलने जरूर आऊंगी मैं

©Priya Chaturvedi #GoodMorning
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Priya Chaturvedi

White  दिल्ली की सड़कों पर जिसको कभी घसीटा था 

लोकतंत्र की खाकी ने ही लोकतंत्र को पीटा था

अच्छे अच्छों को पटक दिखाया किया साहसी कम 

 फोगाट तुम्हारे जज्बे को करता देश सलाम है

©Priya Chaturvedi #Paris_Olympics_2024
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Priya Chaturvedi

#Andolan
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Priya Chaturvedi

अत्याचार, अन्याय के विरुद्ध भरता
 नित नई हुंकार हूं।
 हां मैं एक पत्रकार हूं।।

लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ हूं
अन्याय के विरुद्ध सच के संग हूं
झुकता नहीं, डरता नहीं 
कलम की तेज धार हूं।
सूचनाओं से भरा अखबार हूं ।

हां मैं एक पत्रकार हूं।।

शोषित पीड़ितों की मैं आवाज बोलूं 
सियासी महकमों के कई राज खोलूं 
सच के लिए हरदम लडूं
निर्भीक हूं, नहीं लाचार हूं।
झूठ के लिए मैं उसकी हार हूं।

हां मैं एक पत्रकार हूं।।

©Priya Chaturvedi
  #journalism
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Priya Chaturvedi

अत्याचार, अन्याय के विरुद्ध भरता
 नित नई हुंकार हूं।
 हां मैं एक पत्रकार हूं।।

लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ हूं
अन्याय के विरुद्ध सच के संग हूं
झुकता नहीं, डरता नहीं 
कलम की तेज धार हूं।
सूचनाओं से भरा अखबार हूं ।

हां मैं एक पत्रकार हूं।।

शोषित पीड़ितों की मैं आवाज बोलूं 
सियासी महकमों के कई राज खोलूं 
सच के लिए हरदम लडूं
निर्भीक हूं, नहीं लाचार हूं।
झूठ के लिए मैं उसकी हार हूं।

हां मैं एक पत्रकार हूं।।

©Priya Chaturvedi #journalism
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Priya Chaturvedi

पंछी आया कुछ दिन ठहरा किया घोंसला एक दिन खाली

हुआ बगीचा फिर से सूना सूनी हर एक फूल की डाली

परदेसी तो देश को जाये, पर मन को कैसे समझाए

उजड़ी बगिया किसे दिखाये, फूट फूट कर रोता जाय 

उस कोने में बैठा माली.....................

पंछी आया कुछ दिन ठहरा किया घोंसला एक दिन खाली

©Priya Chaturvedi #Trees
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Priya Chaturvedi

White "मां" तेरी वजह से इस दुनिया में आई हूं 
सच कहते हैं लोग तेरी परछाई हूं 
नहीं मिले मुझको भगवान बहुत ढूंढा 
मां तेरे रूप में ही ईश्वर को पाई हूं

©Priya Chaturvedi
  #mothers_day
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Priya Chaturvedi

नियति और प्रकृति ना जाने कैसी होती है
 जिन चीजों से आप दूर जाना चाहते हो,
उनके और ज्यादा करीब आते जाते हो

©Priya Chaturvedi
  #Tulips #syari
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