दोहा
भारत-भू का लाडला, सच्चा पहरेदार ।
मेवाड़ी सरदार को, नमन करोङों बार ॥
अरावली पाषाण पर, सुन चेतक की टाप।
खड़ा खड़ा दुश्मन गिरे, भू पर अपने आप ।।
#कविता
मेरी माँ भारती मुझको नवल चित चेतना देना,
लिखूँ मैं भाव करुणा के मुझे संवेदना देना।
अधर खामोश हों मैं सुन सकूँ जन जन की पीड़ा को,
सँवर कर गीत बन जाये वही शुचि वेदना देना।।
अंजली श्रीवास्तव
हिंदू नव वर्ष एवं चैत नव रात्रि की सभी बंधुओ को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं #कविता