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chiteshkumarmish8168
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Chitesh kumar mishra

शिक्षा का घर घर अलख जगाना मेरा परम कर्तव्य है और गरीब घर की बेटियों को शैक्षिक रूप से सशक्त करना मेरा ध्येय है 🙏

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Chitesh kumar mishra

हर घर तिरंगा

हर घर तिरंगा #जानकारी

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Chitesh kumar mishra

नमन 🙏

नमन 🙏 #प्रेरक

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Chitesh kumar mishra

वो मिलन ही क्या जहाँ अंत हो जाए
जिस्मों का मिलना भी आखरी पड़ाव दे जाता है
मुहब्बत वह भी अधूरी जिसको आशिक तरसते हैं
मिलन की कशक को एहसासों के साथ पढ़िए 
ये तडपना भी चंद लम्हों का शुकुन-ऐ-सांस दे जाता है 
✍चितेश कुमार मिश्रा

©Chitesh kumar mishra #lotus
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Chitesh kumar mishra

#5LinePoetry हर सुबह उम्मीद की रश्मि लेकर आती है 
हर ढलती शाम कुछ तजुर्बा दे जाती है 
इस आने जाने की रस्मों से न डर ऐ मानव तन 
जिंदगी के हर मोड़ पर एक इंसान की परख करा जाती है

©Chitesh kumar mishra #5LinePoetry
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Chitesh kumar mishra

यूँ दफ़न न कर खुद को ऐसे
की तुझमें हिम्मत नहीं
तूफ़ान से भी टकराने के हौसले रख जरा,
की इतनी शराफत भी बेकार है 
✍✍चितेश कुमार मिश्रा

©Chitesh kumar mishra #Nodiscrimination
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Chitesh kumar mishra

अनजाने शहर में कुछ एक दिन रहने तो दो
 कोई आए तो बता देना की काली रात की एक मुलाकात अभी बाकी है

©Chitesh kumar mishra #JumuatulWidaa
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Chitesh kumar mishra

तुम हो अनजानी सी 
            """""""""''''''''"""""""""""
         ✍✍चितेश कुमार मिश्रा 
तुम हो अलबेली अनजानी सी
मूरत कुसुम गुलाब चमेली सी 
गुलाब पंखुड़ी हैं तेरे अधर पल्लव 
गुलाबी अष्टदल कमल की कलियाँ सी 
काजल की दिखती तिरछी रेखा विषुवत सी  
तुम्हारी नैनों के आलिंगन में डूब गए एक मोती सी
हर वक्त चाहा निकलूं तेरी नैनो की तपिश से बाहर
रोक लिया वो इक इशारा जो सीप भरी थी मोती सी
सुन्दर कपोल दृग जैसे नीले  नभमंडल में 
काली घटा बीच श्वेत वर्ण तुम्हारी आंखों में
तुझे देख हर वक्त बजे झंकार हमारी हृदयों में
गंगा यमुना सरस्वती की संगम हो हरदम
वसंत की हर श्रृंगार तुम्हारी आँखों में
अमावश की घोर निशा में
छत की वो दहलीज तुम्हारी आँखों में
वसंत की महक ,मंजर की वो खुशबु
चांदनी की चाँद तुम्हारी आँखों में
कितनी बार बचाओगी 
डूबा हर बार तुम्हारी आँखों में 
                ✍✍चितेश कुमार मिश्रा

©Chitesh kumar mishra #Drops
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Chitesh kumar mishra

क्यों मैं इतना प्यार करने लगा हूँ तुमसे 
क्यों हर रोज बदहवास हो जा रहा हूँ तुमसे 
मुद्दतों बाद भी मिलन होगी या नहीं मालूम नहीं
पर हाँ एक दिल का रिश्ता जोड़ लिया हूँ तुमसे

©Chitesh kumar mishra #covidindia
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Chitesh kumar mishra

क्यों तुम्हारी होठों की मुस्कराहट से हमें प्यार है
क्यों तेरी दीवानगी से हमें प्यार है
रोज रोज की ये ख़ामोशी को हटा दो दूर कहीं
आ जाओ एक अरसे बाद की एक मुलाक़ात बाकी है

©Chitesh kumar mishra
  #Health
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Chitesh kumar mishra

क्यों तुम्हारी होठों की मुस्कराहट से हमें प्यार है
क्यों तेरी दीवानगी से हमें प्यार है
रोज रोज की ये ख़ामोशी को हटा दो दूर कहीं
आ जाओ एक अरसे बाद की एक मुलाक़ात बाकी है

©Chitesh kumar mishra #Health
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