Nojoto: Largest Storytelling Platform
jeetendrasharma8748
  • 30Stories
  • 336Followers
  • 307Love
    920Views

Jeetendra Sharma

works at civil court as judicial assistant

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

#mothernature
55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

162 Views

55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

#SadStorytelling
55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

27 Views

55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

36 Views

55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

ना हो तुम तूफां कोई,और आंधी भी ना बन पाए।
सावरकर कैसे बन पाओगे,जब गांधी ही न बन पाए।
हो सकता है तुम राजनीति के ज्वाल रहे ,
लेकिन अपने पुरखे कौन रहे सदा ही ये खयाल रहे।
तुम गैरों की प्रेरणा कैसे हो सकते हो जब,
खुद ही कोई क्रांति ना बन पाए।

सावरकर कैसे बन पाओगे,जब गांधी ही न बन पाए।
–जितेंद्र शर्मा

©Jeetendra Sharma #lonely

14 Love

55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

वो ख़ुश हैं मौजूदगी से अपनी,महफ़िल को गुलज़ार करके।
मेरी यादों के साये को भुलाकर,और दरकिनार करके।
जिंदा रखा खाबों में जिनको फ़लक तक,
वो मुस्कुरा रहे हैं बेहयाई से मुझको मार करके।

क्या कोई खता की थी?हमने उन पर ऐतबार करके।
सुना था इश्क़ में जंग जीती जाती हैं,जंग हार करके।
हुई होगीं ज़न्नत अता तेरे रहनुमाओं को
हमें तो पलकें भिगोने का भी मौका ना मिला,
तुमसे प्यार करके।
और वो मुस्कुरा रहे हैं बेहयाई से, मुझको मारकरके।
          -जीतेन्द्र शर्मा

©Jeetendra Sharma #allalone
55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

आज फिर उनसे थोड़ी सी बात हो गई।
लगा जैसे बिन मौसम बरसात हो गई।।
पिछले कुछ दिनों से लग रहा था मानो वर्षों से तन्हा हूँ,
और अचानक आज खुद से खुद की इक मुकम्बल मुलाकात हो गई।।
####???????
-जीतेंद्र शर्मा #DawnSun

DawnSun

5 Love

55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

जो दरबारों में झुकते हों,
मैं ऐसे शीश नहीं लिखता।
जो सदां स्वपन में दर्शित हों,
वो मन के मीत नही लिखता।
लिखता हूँ मैं भगत सिंह की फाँसी को,
महावर बिंदिया पायल वाले गीत नहीं लिखता।
सदां लिखूंगा वर्दी की कुर्बानी को 
जो जीवन को भी हार गई,
मग़र हुई हो जो धोके से ऐसी जीत नही लिखता।
सदां रही जो वर्दी की वो परिपाठी लिख सकता हूँ।
महक रही बलिदानों से वो माटी भी लिख सकता हूँ।
स्वाभिमान को बेचा जिसने नही लिखूंगा उन जय चंदों को, 
जहां दफन है स्वाभिमान राणा का, वो हल्दीघाटी भी लिख सकता हूँ।
मग़र देश द्रोह की जो चलाई कभी भिविषण ने मैं वैसी रीत नही लिखता। 
जो दरबारों में झुकते हों मैं ऐसे शीष नही लिखता।
जीतेंद्र शर्मा #NightPath

14 Love

55d6017214556556afa691c334783dd4

Jeetendra Sharma

कब गहराई से होगा मंथन,
इतिहास की, भूल भरी उन सीखों पर।
कब तक देश मौन रहेगा ,
खाकी की इन चीखों पर।
कब तक लोक सुरक्षा के नायक को, यूं डरना होगा।
कब तक रावण के हाथों ,यूं रामों को मारना होगा।
किस कालखंड की हो रही लेखनी,
 कोई मुझको समझा दो।
या तो कुर्सी खाली कर दो योगी जी 
या फिर जिसने उनको मारा है,
 लाश को उसकी चौराहे पर टँगवा दो।
Rip#कानपुर पुलिस शहीद #indianapp
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile