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deepakraina8689
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deepak raina

I'm a writer poet I write for my kashmir

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deepak raina

दीदार न सही ,कभी याद तो कर लिया करो
हिचकिया तुमहे भी आती होगी इकरार तो कर लिया करो
हमारी चाहत मे तो कोई कमी नही है, 
थोढा सा ही सही हमसे
कभी तुम भी पयार कर लिया करो
दीदार न सही,कभी याद तो कर लिया करो
हमने तेरे पयार मे जिनदगी गुजार दी यू ही
अपनी महोबत का तुम भी तो इज़हार कर लिया करो
वफा पे अपनी हमे यकीन तो है
मेरी वफा की तुम भी तो हामी बर लिया करो
दीदार न सही, कभी याद तो कर लिया करो
हिचकिया तुमहे भी आती होगी,इकरार तो कर लीया करो

©deepak raina #poem
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deepak raina

साथी तेरे साथ से हर खुशी मययसर है मुझे
तेरे होने से कायनात है मेरी यह शायद मालूम नही है तुझे
तेरी बेरुखी से सासे थम जाती है मेरी,तेरी एक हँसी से जिनदगी मिल जाती है मुझे
साथी तेरे साथ से हर खुशी मययसर है मुझे
तू दूर होती हो मुझसे तो जिनदगी वीरान से लगती है मुझे
हर शय दुनिया की अनजान से लगती है मुझे
तपते रेगिसतान सी सुलगती रहती है जिनदगी मेरी
तेरे पास होने से  मिलती है फिर राहत सी मुझे
तू गैर है इसका भी अहसास है दिलको
मगर न जाने कयो लगती हो तुम मेरी चाहत सी मुझे
साथी तेरै साथ से हर खुशी मययसर है मुझे
तेरे होने से कायनात है मेरी,यह शायद मालूम नही है तुझे

©deepak raina #poem

#Roses
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deepak raina

फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया
फिर एक बार हमने अपने आप को बेबस ओर लाचार पाया
फिर से आज चिनारो मे गूजती है मोत की चीखे 
फिर आज उस गुलिसतान को हमने वीरान पाया
फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया
तडपते है फिर से बचचे अपने मा बाप के खातिर
फिर से हमने मासूम बचचो को यतीम पाया
हर तरफ सुनाई देती है फिरसे मोत की चीखे
अपने हमसाये को ही हमने फिर से अपना कातिल पाया
फिर एक बार 1990 का मनज़र याद आया
फिर एक बार हमने अपने आप को बेबस ओर लाचार पाया

©deepak raina #poem on kashmir

#Roses
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deepak raina

मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है
तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है
रखता हू हर पल तुमहे महफूज़ अपनी बनद पलको मे
 मगर आखो से मेरी अशको का समनदर छलक जाता है
मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है 
तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है
तेरी हर याद को हाथ की हथेली मे बनद कर के मै रखता हू
तेरा वजूद रेत बनकर हाथो से फिसल जाता है
बन के शममा तू रोशन करती है अभी भी मेरे दिल के आशियाने को
रात डलते ही तेरा तससअवूर मोम बनकर पिगल जाता है
मेरी हर शै मे तेरा ही अकस नज़र आता है
तुजे छू ने को मगर दिल मेरा तरस जाता है....

©deepak raina #RIP_KK
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deepak raina

मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है
अकेले मे भी यू लगता है जैसे पूरी कायनात मेरे साथ होती है
तेरी याद को अकसर सीने मे दबा देता हू
तेरे अकस से हर लमहा मेरी बात होती है
दिन के ऊजाले अभ मुझे रास नही आते है
रात की गहराई मे तुमसे फुरसत मे दिल की बात होती है
मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है
तेरी जुदाई का गम अब दिल मे घर कर गया है
तुझसे खवाब मे मिलता हू तो खुश रहता हू
नीनद से जागर मेरी फिर पलके रोती है
मेरी तनहाई मे अकसर तुझसे मुलाकात होती है

©deepak raina #RIPSidhuMoosewala
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deepak raina

तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है
बहाने से ही सही मुलाकाते हो जाये तो अचछा है
ना मै कुछ कहू तुमसे ना तुम कहो कुछ मुझसे
आखो आखो मे ही बाते हो जाये तो अचछा है
तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है
न गमे जननत ही हो और न गमे दोज़ख ही हो 
सारी कायनात उस एक पल मे सिमट जाये तो अचछा है
जिसम को जिसम की छुवन महसूस न हो
रुह से रुह का मिलन हो जाये तो अचछा है
तेरे रु ब रु होकर कुछ बाते हो जाये तो अचछा है

©deepak raina #Travel
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deepak raina

subah subah ley shiv ka naam
shiv aayen gey teeray kaam

©deepak raina #Journey
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deepak raina

#genocide
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deepak raina

#gharwapsi
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deepak raina

# kashmir files

# kashmir files #प्रेरक

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