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satishagrahari6125
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Satish agrahari

engineering at heritage institute of technology, Kolkata love - music and poem follow me at Instagram..satish_agrahari33 love- friends only...

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Satish agrahari

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Satish agrahari

हर एक भाषा में
तुम्हारी प्रतीक्षा से लथपथ हू,
किसी भी सपने को मोड़ता हू अपने तरफ
मगर तुम बहुत दूर निकल जाती हो, बहुत आगे

कौन सी भाषा में तुम हो सकती हो पास (?)
कोई भी भाषा नही इस लोक में जिसके सहारे उतर सकू उस पार
जहा तुम्हारे होने की भनक है थोड़ी सी

उम्मीद पर किस भाषा में करू विश्वास,
मेरी प्रतिक्षा से ईश्वर भी थक चुके है
और प्रेम से तुम

दूर दिखती हो, भागता हू बेधड़क
मेरे और तुम्हारे बीच की दूरी 
कोई बेशुमार भूख है खत्म ही नही होती
कब तक इसके निगलने तक बचता रहूंगा (!)

याद करने पर भी मुझसे छूट रही हो
कोई भी स्मृति जहन में इतनी देर नही ठहरती
की तुम्हारी बारिश की बनी हुए आंख
मेरी तरफ देखकर, दया दिखा सके कुछ देर

याद तक में , तुम्हारे जाने की गीत बचा है
आती हुई तुम,  बहुत कम याद आती हो

तुम भाषाओं की पकड़ से बाहर हो
चुप से भरी किसी दुख की तरह,
हरेक कविता की लंबी दौड़ है
तुम्हारी छाव को छूने की।

             ✍🏼 सतीश अग्रहरि

©Satish agrahari #intimacy
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Satish agrahari

हर एक भाषा में
तुम्हारी प्रतीक्षा से लथपथ हू,
किसी भी सपने को मोड़ता हू अपने तरफ
मगर तुम बहुत दूर निकल जाती हो, बहुत आगे

कौन सी भाषा में तुम हो सकती हो पास (?)
कोई भी भाषा नही इस लोक में जिसके सहारे उतर सकू उस पार
जहा तुम्हारे होने की भनक है थोड़ी सी

उम्मीद पर किस भाषा में करू विश्वास,
मेरी प्रतिक्षा से ईश्वर भी थक चुके है
और प्रेम से तुम

दूर दिखती हो, भागता हू बेधड़क
मेरे और तुम्हारे बीच की दूरी 
कोई बेशुमार भूख है खत्म ही नही होती
कब तक इसके निगंके तक बचता रहूंगा (!)

याद करने पर भी मुझसे छूट रही हो
कोई भी स्मृति जहन में इतनी देर नही ठहरती
की तुम्हारी बारिश की बनी हुए आंख
मेरी तरफ देखकर, दया दिखा सके कुछ देर

याद तक में , तुम्हारे जाने की गीत बचा है
आती हुई तुम,  बहुत कम याद आती हो

तुम भाषाओं की पकड़ से बाहर हो
चुप से भरी किसी दुख की तरह,
हरेक कविता की लंबी दौड़ है
तुम्हारी छाव को छूने की।

             ✍🏼 सतीश अग्रहरि

©Satish agrahari love

#Love

love Love #लव

11 Love

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Satish agrahari

खुद का दायरा बढ़ा ,
मुझे सिमटने पर मजबूर कर दिया,
मैं सोचता रहा सभी के बारे में,
सबने मेरे बारे में सोचना बंद कर दिया....

घनघोर अंधेरा कभी मेरा पहचान हुआ करता था,
रोमांचक, अद्भुत, आश्चर्य मेरे लिए इस्तेमाल हुआ करता था,
यूं ही कुछ देसी– विदेशी मुझे नजरो और कैमरों में कैद किया करते थे...

बेहद खुशी होती है,
जब कोई अपना समझता है,
मानो जैसे कोई मंदिर का चौखट छूता है,
और मुझ पर आहिस्ते से कदम रखता है..

जिंदा हूं मैं क्या दिखाई नही देता,
चीखता नही हू , शायद इसीलिए सुनाई नही देता,
कभी आओगे नजदीक तो बाते केरेंगे हम,
तुम अल्फाज इस्तेमाल करना,
जवाब में तुमको मद्धम हवाओ से छू जायेंगे हम...

©Satish agrahari #sagarkinare
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Satish agrahari

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Satish agrahari

ला दिए हैं किसान सड़कों पर
  सब्र का इम्तिहान सड़कों पर
  कैद कर ली कुबेर ने संसद
      आ गया संविधान सड़कों पर 
आइए मुल्क देखिए साहब 
     पूजा,कीरत,अजान,सड़कों पर 
सच कहो क्या कचोटते ही नहीं
 मरते हलधर महान सड़कों पर 
आपकी रहजनी के कारण है
 आज हिंदुस्तान सड़कों पर  
   और कुछ दिन जो ठहर जाइए ये
 उगता दिख जाए धान सड़कों पर
  देख ली भूमि-पुत्र की ताकत
   रख दिया आसमान सड़कों पर
 रेडियो पर तो बात करते हैं  
दीजिए कुछ बयान सड़कों पर।

✍️ सतीश अग्रहरि

©Satish agrahari #farmersprotest
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Satish agrahari

#romance

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Satish agrahari

मानव-जीवन ऐसा अनमोल तोहफा है, जो हर किसी को नहीं मिलता।
इसकी महत्ता, इसकी अहमियत बहुत ख़ास होती है,
कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हे बस चंद साँसों की आस होती है।

तुमने नहीं सोचा कि, 
किसी का तुम्हारी ज़िन्दगी पर तुमसे ज़्यादा अधिकार था,
उन्हें खुद से ज़्यादा, तुमसे प्यार था।
उनके आसमान के सूरज, चाँद, सितारे तुम थे,
उनकी जवानी की कमाई, बुढ़ापे के सहारे तुम थे।

तुमने नहीं सोचा कि,
ये अन्याय होगा उन मुसाफिरों के साथ जिनका सफर तुमसे बड़ा था,
जिनकी राहों में भी मुसीबतों का ऐसा ही एक पहाड़ खड़ा था,
हो सकता है अब उनके सपने भी सो जाएंगे,
उनकी हिम्मतों को ठेस पहुँचेगी, हौंसले कमजोर हो जाएंगे।

तुम अपनी कमजोरियों को नया आधार बना सकते थे,
अपनी हार के कारणों को जीत का हथियार बना सकते थे,
जहाँ कठिनाईयाँ भी नतमस्तक हो जाए,
ऐसी सूरत, ऐसा हाल बना सकते थे,
अपनी कामयाबी को हमसफरों के लिए मिसाल बना सकते थे।

मगर तुमने तो आँख मूंदकर,
अपने दिल की उस निर्बल आवाज़ को सुन लिया,
मुसीबतों से निजात पाने का सबसे कायर रास्ता चुन लिया।
  
ऐसे रास्तों का चुनाव करने वाला, 
हमारा कोई दोस्त, भाई या रिश्तेदार हो सकता है,
जिसकी खुदकुशी का कारण भी कोई डरपोक विचार हो सकता है।
क्योंकि, लोग अक्सर लम्बे सफ़र में ऊब जाते हैं,
जहाँ से उभरना नामुमकिन हो, ऐसी गहराईओं में डूब जाते हैं।

इसलिए जब लगे कि कोई मुसाफिर, थक गया हो या उदास हो,
जिसे आत्मविश्वास की भूख हो या हौंसलों की प्यास हो,
तो एक हाथ उसकी ओर बढ़ा देना,
हो सकता है, उसे तुम्हारे सहारे की ही तलाश हो।
    
                                                                         -सतीश अग्रहरी
                                                                     -तीसरा वर्ष

©Satish agrahari #alonesoul
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Satish agrahari

"खतरा" 

आज,मानव जाति की बेबसी, बेकली के दिखते मंज़र बड़े है,
सूक्ष्म विषाणु के कफस में, कितने ही देश, गांव, शहर पड़े हैं।

समस्या विकराल, फैला महामारी का जाल, सहमा माहौल,
वीरान सड़कें, सुनसान बाजार, वो खाली स्कूल,दफ्तर पड़े हैं।

दूरियों की जोर पे, मास्क, सेनिटाइजर की सोच में, सोचा??
अस्पताल में मरीजों को बचाते, निस्वार्थ डॉक्टर पड़े हैं।

अफवाहों के तार काटे, सावधानी अपनाएं और दूसरों में बांटे,
मखौल ना उड़ाए, उनकी सोचे, जिनके ऊपर ये कहर पड़े हैं।

खतरा बढ़ा सही, एकजुट होकर, चुनौती देंगे ,डॉक्टर निपट लेंगे,
कोरोना ,जैसे कितने ध्वस्त हुए, जब इंसानों की नजर पड़े हैं ।


                                                  "सतीश अग्रहरी" Suraj kumar jha Parul Pinjal

Suraj kumar jha Parul Pinjal

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Satish agrahari

 Parul Pinjal

Parul Pinjal #nojotophoto

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