मुनीर नियाज़ी
हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में
ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो
उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
मदद करनी हो उस की यार की ढारस बंधाना हो #शायरी
#poetryunplugged
जैसी हो वैसे ही पसंद किया है तुम्हें
कोई बदलाव नहीं चाहिए अब तुममे
और बात-बात पर तुम्हारा खफा होना
तुम्हें मनाते रहना अच्छा लगता है
आखिर दुनिया में सबमें सिर्फ तुम हो
जिसके लिए हर पल दिल से लिखते हैं #कविता#_कविता_असरार_की_