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sugandhmishra3422
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Sugandh Mishra

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Sugandh Mishra

कभी दर्द कभी दीवानगी के बहाने आए 
याद फिर आज गुजरे जमाने आए ।
तुम बेसाख्ता ही कुछ कह गए 
ये लफ्ज़ हमे यूं आइना दिखाने आए ।
गैर हो तो गैर बन के ही रहो 
ये अनकहे रिश्ते हमसे न निभाने आए ।
आज इधर है , कल उधर बहेगी हवा 
जाने किश्ती किस किनारे आए ।
बिखरें है आज , सम्हलेंगे भी कभी
बहार भी आएगी जब पतझड़ पुराने आए ।
फकत सांसों तक ही नही सिमटेंगे हम 
रोएंगे वो भी जो न सुपुर्द ए खाक कराने आए ।
जो अभी है बस वही सच है 
बाकी कौन जाने वक्त क्या दिखाने आए ।
कागज़ की पट्टी अल्फाजों के मरहम 
शायरी तुझे जख्म सभी छिपाने आए ।।
~ सुगंध #sugandhamishra  #sugandhpoetry #sugandh_ankahi  #life #shayri #poem
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Sugandh Mishra

मैं ठहरा हूं जमीन पे 
मेरी आंख में ठहरा है चांद ।
छुप छुप के झांकने पे मजबूर 
तारों की चाहत पे पहरा है चांद ।
दिन भर सोए है थकन से चूर 
रात भर यहां वहां भटका है चांद ।
कभी पापा  की खनकती अठन्नी सा
कभी मां के गजरे सा महका है चांद ।
भीगी पलकों के साए में
ठंडी आग सा दहका है चांद ।
कहीं हुस्न के विसाल सा
कहीं हिज्र का रंग गहरा है चांद ।
रात रात भर जाग कर मांगी थी
उन अधूरी मन्नतों का चेहरा है चांद । 🌙
~सुगंध #sugandh_ankahi #sugandhmishra #moon #night  #moonpoetry
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Sugandh Mishra

भटक रहीं हैं रूहें , जिस्मों को लादे हर तरफ ,
फिर दुनिया में ले आए, मौत की ये रिहाई किस काम की। #sugandh_ankahi
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Sugandh Mishra

Who am I ?

Am I a memory to be recalled ,
A vague shadow of unknown time
Or a leaf of autumn fall,
Random, unsure , about to decline
Am I a rain drop ,
lost in ocean of thoughts,
Or gaze of a saint,
Vast, infinite and divine 
May be I m a unsung rhyme ,
Or forgotten melody of chime
More I search ,more I find,
I am a feeling ,yet to be expressed
Finding under the sun, a place of mine… #sugandh_ankahi #me YQbaba
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Sugandh Mishra

मैं सुन रही हूं आंखें तेरी 
धूप में छांव सी आंखें
किस्सों की किताब सी आंखें ,
जिद्दी ये उतर आती हैं सीने में 
मुआयना करती हुई 
मेरे मन के हर कोने का ,
ढूंढ निकालती हैं चुन चुन के
शिकवे शिकायतें,  मीठी सी बातें
और कुछ गुजरे हुए पल  ,
रह जाती हूं मैं ठगी सी
इनके सम्मोहन में बंधी ,
निकाल के रख देती हूं
अपने सभी तीर तश्कर ,
जी लेती हूं कुछ सांसों को 
पल भर में जाती हूं संवर, 
बस आंखों ही आंखो की है बात यहां
मैं सुन रही हूं आंखे तेरी ,ये भी भूल कर 
कि इन आंखों पे है मेरा इख्तियार कहां ~सुगंध
 #sugandh_ankahi #hindipoetry #aankhen Yqdidi Yqbaba Your quote bibi Yq hindi

#sugandh_ankahi #hindipoetry #aankhen Yqdidi Yqbaba Your quote bibi Yq hindi

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Sugandh Mishra

किसी और जन्म, किसी और संसार में 
         सुना है फल मीठे भी होते हैं इंतजार में 
चांद को यूं ही खिड़की पे सजाए रखना
         तुम मन के आंगन में दीप जलाए रखना
~ सुगंध आशादीप

प्रीत के धागों से बुनी थीं
          सुनहले सपनो से रंगी थीं
दामन में छिपी कुछ निशानियां
          अधूरी रह गई जो अनकही कहानियां 
फिर भी ख्वाहिशों के मोती हजार लिए 
          लब सिलें हैं दुआओं का अंबार लिए

आशादीप प्रीत के धागों से बुनी थीं सुनहले सपनो से रंगी थीं दामन में छिपी कुछ निशानियां अधूरी रह गई जो अनकही कहानियां फिर भी ख्वाहिशों के मोती हजार लिए लब सिलें हैं दुआओं का अंबार लिए #hindipoetry #yqdidi #yqhindi #yqhindipoetry #sugandh_ankahi #aashadeep

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Sugandh Mishra

ये जो अमावस की रात काली है ,
दिया जला दो और हो गई दिवाली है ।
गिले शिकवों का हिसाब रहने दो,
जुबां पे मोहब्बत का स्वाद रहने दो ,
दादी के मंदिर में जो मिठाई की थाली है,
चख लो उसे और हो गई दिवाली है ।
नाराजगी का तो रंग ही काला है ,
दिल से न लगाओ तो सब उजाला है ,
बहन ने जो सजाई रंगोली निराली है ,
प्यार से देखो उसे और हो गई दिवाली है ।
चिट्ठी संदेशों की बौछार सही ,
अकेले हो तो अपनों की आवाज सही ,
सच्चे रिश्तों में कहां दूरियों ने कसक डाली है,
बस फोन लगाओ और हो गई दिवाली है ।
माना तोहफे त्योहारों का रिवाज सही ,
पर खुशियां उपहारों की मोहताज नहीं ,
सच्ची हंसी जो चेहरे पे लाए लाली है ,
उसको ढूंढ के ले आओ और हो गई दिवाली है ।।
शुभ दीपावली ~ सुगंध 
 #deepawali  #diwali #sugandh_ankahi #yqhindi #yqdidi
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Sugandh Mishra


हर तरफ यूं पसरा है धुआं ,
जैसे वक्त के मुट्ठी से बिखरा है धुआं 
सीने में जमी सर्द आग है ,
सांसों में जैसे ठहरा है धुआं 
करवट लूं तो छिलता है बदन ,
दर्द का बादल गहरा है धुआं 
उजालों की अब मुलाकात नहीं होती ,
 मेरे हर चराग़ का पहरा है धुआं
जी करता है नजर भर देखूं उसे ,
आंखों में मगर चुभता है धुआं 
मैं गुलिस्तान का परिंदा था मगर ,
चमन में मेरे अब रहता है धुआं
ये चांद पे छाई बदरी कारी है ,
या रात का नया चेहरा है धुआं 
~ सुगंध
 #sugandh_ankahi #midnightpoems  #shayri #yqdidi  #pain  #raat
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Sugandh Mishra

कहीं कोई तो चराग जलाए कोई 
 स्याह रात है  तो , हथेली सूरज उगाए कोई ।
आवाजों के शोर में कहीं गुम हैं सन्नाटे
खामोशी को भी कभी गुनगुनाए कोई ।
शहद सी मीठी जुबां, नपीं तुली सी हंसी 
कारखाने से तराश के आए है कोई ।
मैं गुमशुदा , मुझे अपनी तलाश है 
जो पहेली हूं तो मुझे सुलझाए कोई ।
लफ्जों की चुभन की  परवाह नहीं 
आइना ही सही , सच मगर दिखाए कोई ।
जो था वो इंतजार में बीत गया तन्हा 
बालों की चांदी अब क्यों छुपाए कोई ।
वक्त के साथ बदल जाते हैं मिजाज भी
कैसा रूठना जब कभी न मनाए कोई ।
तेरा चांद का वादा न था, 
मुझे भी कोई इंतजार नहीं
बेमतलब से रिश्ते का नाम बताए कोई ।
~ सुगंध
 #hope  #sugandh_ankahi #midnightpoems #yqdidi
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Sugandh Mishra

In the lost city of poetry
Of a forgotten world ,
On an Enchanted road
Near a jasmine shrub

Glistening with moonlight
I found you like a shiny pearl 
No simile could compare 
Your beauty 
So I kept searching for perfect metaphor

Perhaps it was just a moment 
Or eons turning into crystal
Wind whispering sonnets 
Lake shimmering with star dust 

Was it the only truth in life 
 or was it a dream surreal
But who wants to realize
When you are near #dreams  #surreal  #us #sugandh_ankahi
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