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rishabhsdwivedi7871
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Rishabh S Dwivedi

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Rishabh S Dwivedi

जिंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान लिये जाते हैं,
हमारी किस्मत में जब भी बुरे दिन आते हैं,
राहों के कंकड़ पत्थर भी हमें ठुकराते हैं,
और हमारे अपने तक हमारा साथ छोड़ जाते हैं,
समाज के ये नकाबपोश चेहरे भी हमें आँखे दिखाते हैं,
और चरित्रहीन भी हमारा चरित्र बयाँ कर जाते हैं,
दुःखी हों गर हम तो लोग दिलासा देने आते हैं,
खुश हो जाऊँ गर तो लोग मुझसे जल जाते हैं,
भले ही जिंदगी में कुछ वक्त के लिए बुरे दिन आते हैं,
पर कुछ अपने और पराये चेहरों से पर्दा हटा जाते हैं.....

©Rishabh S Dwivedi...

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Rishabh S Dwivedi

कौन कहता है एक लड़की अच्छी दोस्त नहीं हो सकती,
कभी उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर तो देखो,
हवस की दुनियाँ से बाहर खुद को लाकर तो देखो,
साथ देगी हर वक्त और समाधान देगी हर बात का,
कभी उसको अपने दिल की बातें बताकर तो देखो,
यूँ तो तुम्हें साथ देखकर उँगलियाँ उठाएगी दुनियाँ,
दुनियाँ को नजरअंदाज कर अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाकर तो देखो,
कभी गलती होने पर हो सकता है वो डाँट भी दे तुमको,
उसकी डाँट को भुलाकर अपने गिरेबाँ में भी झाँककर देखो,
हर बुरे वक्त में काम आयेगी वो तुम्हारे,
गर नहीं है विश्वास तो कभी आजमाकर तो देखो,
एकतरफ़ा तो इश्क़ होता है दोस्ती नहीं हो सकती,
और कौन कहता है एक लड़की अच्छी दोस्त नहीं हो सकती....

©Rishabh S Dwivedi....
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Rishabh S Dwivedi

झुमका सुनो....                                                    

वो चाँद तारे तोड़कर लाना बहुत दूर की बात है,

बोलो तो झुमके ला दूँ तुम्हारे लिये मेरी इतनी ही औकात है...

©Rishabh S Dwivedi....
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Rishabh S Dwivedi

मैं यहाँ गाँव में और तुम वहाँ शहर में,

ज़िंदगी फँस गयी है इस Lockdown के भँवर में....

©Rishabh S Dwivedi.....
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Rishabh S Dwivedi

गर्मी की दोपहरी के बाद की सुकून भरी शाम हो तुम,

मेरी सदियों की तलाश का पूर्णविराम हो तुम....

©Rishabh S Dwivedi... #feather
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Rishabh S Dwivedi

पंख खोलकर आसमाँ में उड़ने की ख्वाहिश को दफन करना,

इतना आसाँ नहीं होता है एक पिंजरे में बसर करना....

©Rishabh S Dwivedi....
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Rishabh S Dwivedi

यारो घर में ही रहो घर से निकलने की जरूरत क्या है,
खूबसूरत सी जिंदगी से रुख्सत करने की जरूरत क्या है,

जहर से बुझा तीर है इस वक्त ये बाहर की हवा,
कातिल हवा के झोंकों से उलझने की जरूरत क्या है,

अनमोल जिंदगी है इसको बचाकर के रखो,
शमशानों में भटकने की जरूरत क्या है,

कम पड़ जाये फिर ताबूत और कंधे किसी रोज,
ऐसी नौबत आये इसकी जरूरत क्या है....


©Rishabh S Dwivedi
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Rishabh S Dwivedi

जबसे हमें उनसे मोहब्बत हो गयी है,
बहारों से फली फूली ये बस्ती हो गयी है,
हमारा दिल मोहब्बत के नशे में चूर है,
मगर जालिम ये दुनियाँ हमसे रुख्सत हो गयी है।1

उनकी आँखों ने हम पर इस कदर जादू किया है,
हमारे हर तरफ उनकी ही सूरत हो गयी है,
उनके कफ़स(पिंजरा) में कैद है अब दिल हमारा,
रिहा करने की इसको ना कोई ख्वाइश बची है। 2

तुम्हारे साथ हमको देखकर जलता है चंदा,
रश्क(जलन) अब चाँदनी को भी हमसे हो गयी है,
जबसे पाया है हसीं ये साथ तेरा,
मुकम्मल ये मोहब्बत अब हमारी हो गयी है। (3)

©Rishabh S Dwivedi...
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Rishabh S Dwivedi

जबसे हमें उनसे मोहब्बत हो गयी है,
बहारों से फली फूली ये बस्ती हो गयी है,
हमारा दिल मोहब्बत के नशे में चूर है,
मगर जालिम ये दुनियाँ हमसे रुख्सत हो गयी है।1

उनकी आँखों ने हम पर इस कदर जादू किया है,
हमारे हर तरफ उनकी ही सूरत हो गयी है,
उनके कफ़स(पिंजरा) में कैद है अब दिल हमारा,
रिहा करने की इसको ना कोई ख्वाइश बची है। 2

तुम्हारे साथ हमको देखकर जलता है चंदा,
रश्क(जलन) अब चाँदनी को भी हमसे हो गयी है,
जबसे पाया है हसीं ये साथ तेरा,
मुकम्मल ये मोहब्बत अब हमारी हो गयी है। (3)

©Rishabh S Dwivedi...
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Rishabh S Dwivedi

जबसे हमें उनसे मोहब्बत हो गयी है,
बहारों से फली फूली ये बस्ती हो गयी है,
हमारा दिल मोहब्बत के नशे में चूर है,
मगर जालिम ये दुनियाँ हमसे रुख्सत हो गयी है।1

उनकी आँखों ने हम पर इस कदर जादू किया है,
हमारे हर तरफ उनकी ही सूरत हो गयी है,
उनके कफ़स(पिंजरा) में कैद है अब दिल हमारा,
रिहा करने की इसको ना कोई ख्वाइश बची है। 2

तुम्हारे साथ हमको देखकर जलता है चंदा,
रश्क(जलन) अब चाँदनी को भी हमसे हो गयी है,
जबसे पाया है हसीं ये साथ तेरा,
मुकम्मल ये मोहब्बत अब हमारी हो गयी है। (3)

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