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rathore11mwriter2104
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Writer Rathore

am a writer and speaker

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Writer Rathore

मुझे बचपन याद आता है । वो बचपन की बाते वो शरारत करना कोई फिक्र नही अपनी मनमानी करte the । मा की डांट का भी असर नही होता था पूरा दिन तितलियां पकड़ा करते थे । चिंचिमाते जुगनुओं के पीछे भागा करते थे । दादी माँ की कहानिया सुना करते थे वो बचपन याद आता है । वो बारिशो me nahana बूंदो के साथ खेलते थे

मुझे बचपन याद आता है । वो बचपन की बाते वो शरारत करना कोई फिक्र नही अपनी मनमानी करte the । मा की डांट का भी असर नही होता था पूरा दिन तितलियां पकड़ा करते थे । चिंचिमाते जुगनुओं के पीछे भागा करते थे । दादी माँ की कहानिया सुना करते थे वो बचपन याद आता है । वो बारिशो me nahana बूंदो के साथ खेलते थे

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Writer Rathore

क्या तुम इंसान हो # khubsurat Naseem Khan Pthan Rajesh Kumar Suman Zaniyan swraj prem #

क्या तुम इंसान हो # khubsurat Naseem Khan Pthan Rajesh Kumar Suman Zaniyan swraj prem #

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Writer Rathore

दास्तां-ऐ मोहब्बतें

दास्तां-ऐ मोहब्बतें #nojotovideo

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Writer Rathore

तेरे अंदर भी एक ज़्याला दबा हुआ है

तेरे अंदर भी एक ज़्याला दबा हुआ है #nojotovideo

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Writer Rathore

अगर गिरा

अगर गिरा #nojotovideo

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Writer Rathore

ख्वाइशें इतनी रखो कि पूरी हो जाए. बरना आसमा कि चाहा रखने बाले ज़मीन का एक टुकड़ा भी नहीं खरीद पाते.

ख्वाइशें इतनी रखो कि पूरी हो जाए. बरना आसमा कि चाहा रखने बाले ज़मीन का एक टुकड़ा भी नहीं खरीद पाते.

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Writer Rathore

एक लड़का अपनी patni को हमेशा के लिए  छोड़ के चला जाता है 
लेकिन जब कुछ सालो बाद उसे उसकी  याद आती है तो फिर लौट आता है !
और कहता है प्रिया में तुमसे बहुत प्यार करता हु मुझे माफ़ करदो. 
तबतक वक्त बदल चूका था  हालत बदल चुके थे. 
और फिर वो लड़की अपने पति को  जवाब देती है. 
जिस बक्त मुझे तुम्हारी सबसे ज़्यादा जरुरत थी उस वक़्त तुम मुझसे दूर हो गये. 
और तुम इसे प्यार कहते हो तुम इसे प्यार कह सकते हो मेरी नज़र मे ये प्यार है ही नहीं !
जिस्म से जिस्म का मिलना प्यार नहीं होता. 
तू कहे तो तेरे लिए चाँद तारे भी तोड़ लाऊ ये कहने से भी प्यार नहीं होता. 
तुम मेरे साथ 2 कदम भी नहीं चले.
ओर कहते हो मै तुमसे प्यार करता हु. 
तुम इसे प्यार कह सकते हो 
मेरी नज़र मे ये प्यार है ही नहीं !
तुमने जाने से पेहले एक बार भी नहीं सोचा कि मेरा तुम्हारे अलाबा दुशरा कोई..है ही नहीं. 
कितनी मुश्किल हो जाएगी मेरी जिंदगी ये बात तुमने सोची ही नहीं. 
ओर तुम इसे प्यार कहते हो. 
तुम इसे प्यार के सकते हो मेरी नज़र मे ये प्यार है ही नहीं. 
कभी तुमने एक मैसेज करके भी पूछा प्रिया तुम कैसी हो तुम ठीक तो हो ना. 
खाना समय पे खा लेती हो या नहीं. 
या फिर मेरी याद मे ही रातो मे रोती रहती हो  .
खेर छोड़ो... 
तुम इसे प्यार कह सकते हो मेरी नज़र मे ये प्यार है ही नहीं.
हर दिन के जैसे उसदिन भी हमारा छोटी सी बात पे ही झगड़ा हुआ था.
तुम तो रोज ही कहते थे कि मै तुझे छोड़ दूंगा. 
लेकिन नहीं पता था कि तुम सच में छोड़ दोगे !
ओर मे पागल हर शाम के जैसे उस शाम भी तुम्हारा इंतज़ार करती रही इंतज़ार करते करते सालो बीत गए लेकिन तुम नहीं आये !
ओर अब कहते हो कि तुम मुझसे प्यार करते हो. 
तुम इसे प्यार कह सकते हो मेरी नज़र मे ये प्यात है ही नहीं!
अब मुझे ज़रूरत भी नहीं न तुम्हारी न हर उस शख्स कि जो मेरा सहारा बनना चाहता है. 
मैंने अब खुद को समालना सीख लिया है. तुम इसे प्यार कह सकते हो मेरी नज़र में ये प्यार है ही नही ।

तुम इसे प्यार कह सकते हो मेरी नज़र में ये प्यार है ही नही ।

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Writer Rathore

उन जकनबरो के बारे में सोचा है

उन जकनबरो के बारे में सोचा है #nojotovideo

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Writer Rathore

आज का इंसान इतना मतलबी हो गया है

आज का इंसान इतना मतलबी हो गया है #nojotovideo

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Writer Rathore

आज का इंसान इतना मतलबी हो गया है कि उसे किसी ओर कि फिक्र ही नहीं है ! बट गये है यहाँ लोग धर्मो में जो बचे वो जातियों में ! सभी एक ही माँ कि संतान है इस बात से भी कोई अनजान नहीं है ! रो रहा है यहाँ इंसान रोटी के लिए कोई लिबाज़ के लिए तो कोई छत के लिए ! कुछ ऐसे भी है जिन्हे महलो में रहने के बाद भी सुकून नहीं है ! शायद लोग खुद से दुखी नहीं दुशरो के सुख से दुखी है ! जरुरत सबकी पूरी होती है ख्वाइशे किसी की पूरी नहीं होती

आज का इंसान इतना मतलबी हो गया है कि उसे किसी ओर कि फिक्र ही नहीं है ! बट गये है यहाँ लोग धर्मो में जो बचे वो जातियों में ! सभी एक ही माँ कि संतान है इस बात से भी कोई अनजान नहीं है ! रो रहा है यहाँ इंसान रोटी के लिए कोई लिबाज़ के लिए तो कोई छत के लिए ! कुछ ऐसे भी है जिन्हे महलो में रहने के बाद भी सुकून नहीं है ! शायद लोग खुद से दुखी नहीं दुशरो के सुख से दुखी है ! जरुरत सबकी पूरी होती है ख्वाइशे किसी की पूरी नहीं होती

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