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rajgupta9890
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KaviRaj bhatapara

भावनाएँ कागज पे उतारता हूँ, कलम प्यार की चलाता हूँ बैर ना रखु कभी किसी से ऐसी मेरी छवी रहने दो राज कहती हैं दुनिया एक छोटा सा कवि हु मुझे कवि रहने दो

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KaviRaj bhatapara

White मिस्किन था, इसलिए नाकामयाब हो गया!
वरना मोहब्बत तो तुमसे, राइसो से ज्यादा की।

©KaviRaj bhatapara #love_shayari
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KaviRaj bhatapara

White मत सोच समझ कर दान करो
अपने मत का तुम सम्मान करो

©KaviRaj bhatapara #VoteForIndia
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KaviRaj bhatapara

चॉकलेट डे, रोज़ डे, वैलेंटाइन डे क्यों मनाते है लोग,
इस तरह से इज़हार-ए-इश्क क्यों जताते है लोग,
नजरों की छुअन को भी सच्चा प्यार कहते है।
फिर जिस्मों से क्यों खेल जाते है लोग,

©KaviRaj bhatapara #chocolateday
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KaviRaj bhatapara

White अधूरी छोड़ी हुई जो मुकम्मल वो बात हो जाए
कोई जादू कोई करिश्मा कोई करामात हो जाए

बिछड़ने वाले दोबारा मिला कहां करते है
और तुम चाहती हो मुझसे मुलाकात हो जाए

©KaviRaj bhatapara #Sad_Status
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KaviRaj bhatapara

White अपने इस दिल को बहला दूं क्या ?
तुम मुझसे मोहब्बत नहीं करती समझा दूं क्या ?

तुमसे प्यार करके मुझसे भी गुनाह हुआ है।
इस दिल को कुंभ के मेले में नहला दूं क्या ?

©KaviRaj bhatapara #GoodMorning
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KaviRaj bhatapara

Unsplash जिंदा थे तब दिलों का वो चमन ले गये।
कभी सुकुन कभी करार कभी चैन-ओ-अमन ले गये।

मरने के बाद भी तरस नहीं खा रहे है।
ठंड लग रही है कह के खींच मेरा कफ़न ले गये।

©KaviRaj bhatapara #library
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KaviRaj bhatapara

Unsplash बड़े जोर शोर से परचम लहराया था वफाओं का
धागा भी पक्का था अपनी दुआओं का
मध्यम मध्यम चिराग भी जल उठे थे मोहब्बत के
पर अचानक ही रुख बदल गया हवाओं का

©KaviRaj bhatapara #snow
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KaviRaj bhatapara

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वो कश्ती से कूद गये छोर के लिए
वो मेरे ना हुए किसी और के लिए
हिना-ए-बू आती रही समंदर से
समंदर भी रुक गया उस दौर के लिए

©KaviRaj bhatapara #SunSet
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KaviRaj bhatapara

Unsplash जिसमें लिखा था हम-तुम 
वो दरख़्त भी पुछते है कहां हो तुम

©KaviRaj bhatapara #camping
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KaviRaj bhatapara

White तेरी मोहब्बत में इतराऊं क्या
तेरी तस्वीर सीने से लगाऊं क्या
शेर है ग़ज़ल है नज़्म भी है
तू कहे तो तुझे सुनाऊं क्या

©KaviRaj bhatapara #good_night
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