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harshmalviya2760
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Harsh Malviya

किसे सुने आये हो मुझे या अपने आप को , सुनें वाला मन अच्छा होता हे या बोलने वाली ज़बान , सही बात तो ये हे इनका योग अच्छा होता हे।

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Harsh Malviya

यूं ट्रेन को देख के ये ख्याल आया
समय रूख सा गया,
जब वो सफ़र का पल याद आया
तुम थी में था,और कुछ हलचल सी हो गयी थी दिल में
पर अब आवाज़ को खत्म होते सुना तो लगा
में तो वो पल कब का पीछे छोड़ आया ट्रेन का सफर

ट्रेन का सफर

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Harsh Malviya

जिस और उठी उंगली जग की 
उस ओर मुड़ी गति भी पग की 
जग के आंचल से बंधा हुआ 
खींचता आया तो क्या आया 

जिस और गया नफरत मिली जग की 
रहता खामोश गलतियां थी रब की 
रब की किस्मतो मैं फसा में मोहरा हुआ 
शतरंज की चाल में उलझा मेरा जमाना आया 

क्या जुल्म किया मैंने क्या थी मेरी खता 
चौराहे पर खड़ा हूं नहीं मंजिल का पता 
हर शख्स ने दिल तोड़ा दी जिसके दर  पर सदा 
दुख दर्द आंसू ही मेरे नसीब में आया जिस और उठी उंगली जग की 
उस ओर मुड़ी गति भी पग की 
जग के आंचल से बंधा हुआ 
खींचता आया तो क्या आया 

जिस और गया नफरत मिली जग की 
रहता खामोश गलतियां थी रब की 
रब की किस्मतो मैं फसा में मोहरा हुआ शतरंज की चाल में उलझा मेरा

जिस और उठी उंगली जग की उस ओर मुड़ी गति भी पग की जग के आंचल से बंधा हुआ खींचता आया तो क्या आया जिस और गया नफरत मिली जग की रहता खामोश गलतियां थी रब की रब की किस्मतो मैं फसा में मोहरा हुआ शतरंज की चाल में उलझा मेरा #poem

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Harsh Malviya

मैं महकती हुई मिट्टी हूं किसी आंगन की,
मुझको दीवार बनाने पे तुली यह दुनिया ।

मैं हंसती कली हूं किसी वृक्ष की ,
मुझको माला बनाने पे तुली यह दुनिया।

मैं माटी का जलता दिया हूं किसी बाबा की , 
मुझको शहरों की रोशनी बनाने पे तुली यह दुनिया ।

मैं चहकती हुई चिड़िया हूं किसी घरीयाले की ,
मुझे क्यों चार दीवारों में कैद करने तुली यह दुनिया ।

में भी अंबर छूना चहती हूं कामियाबी की ,
क्यों मेरे हर्ष को ज़ंजीरों में बाँधने तुली यह दुनीया । मैं महकती हुई मिट्टी हूं किसी आंगन की,
मुझको दीवार बनाने पे तुली यह दुनिया ।

मैं हंसती कली हूं किसी वृक्ष की ,
मुझको माला बनाने पे तुली यह दुनिया।

मैं माटी का जलता दिया हूं किसी बाबा की , मुझको शहरों की रोशनी बनाने पे तुली यह दुनिया ।

मैं महकती हुई मिट्टी हूं किसी आंगन की, मुझको दीवार बनाने पे तुली यह दुनिया । मैं हंसती कली हूं किसी वृक्ष की , मुझको माला बनाने पे तुली यह दुनिया। मैं माटी का जलता दिया हूं किसी बाबा की , मुझको शहरों की रोशनी बनाने पे तुली यह दुनिया ।

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Harsh Malviya

दिल में जगी जो प्यास थी

दिल में जगी जो प्यास थी #Music

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Harsh Malviya

#tegsomeone  जिंदगी तू क्या  मेरी सारी है Sachika Gupta Vani Princess Lakshmi Srivastav Kusumlata Bharti Kumari

#tegsomeone जिंदगी तू क्या मेरी सारी है Sachika Gupta Vani Princess Lakshmi Srivastav Kusumlata Bharti Kumari

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Harsh Malviya

Roti ke tukde

Roti ke tukde #Shayari

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Harsh Malviya

Raato ko jagta hu

Raato ko jagta hu #Shayari


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