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#pyaar
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#pagalpan 

पागल होने को चांदना

#pagalpan पागल होने को चांदना #शायरी

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क्या तृष्णा में कान्हा भी अपनी राधा के प्रति होगा??
कैसे फिर वह स्वयं ही निर्मित अपनी अनुपम कृति होगा?
तथ्य गलत गर जगत में फैला जग भी फिर इक विकृति में होगा,
परे जगत के किसी द्वारका में कान्हा राधापति होगा।।

प्रेम जगत में निर्बंधन भी और अगर यह पूर्ण भी है,
रिक्ति क्यूँ खोजे मानव दूजा यार भी तेरा अपूर्ण ही है?
कान्हा बसता इसी प्रकृति में प्रकृति निरंतर घूर्ण सी है,
क्यूँ खोजे तू रिक्त पूर्णता प्रेम कुछ नहीं चूर्ण ही है।।।

निर्बाधित बंधन भी जब-जब,बाधित होकर टूट गया
भक्ति में शक्ति का पौरूष भी, तम के आगे फूट गया
फिर मंडराया अमर दृश्य ,और वाहन-वाहक-वाहकता
एक ध्यान की मर्यादा में ,अपना भगवन लूट गया ।।

कथनी और करनी में अंतर,कैसे आखिर प्रति होगा
मथुरा के हर रास में कान्हा ,अब से प्यारी क्षति होगा ।।
@"निर्मेय"

©purab nirmey #namobhagwatevasudevay

#DearKanha
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प्रतिध्वनि के मोल में  तुम हो विदित संसार जैसे,
 न्याय में निर्दोष हो तब चीख के पर्याय कैसे ?

एक निराशा इंगितों में नाद करके जा रही थी,
 शक्ति के संकल्प पथ पर पीर वो ही गा रही थी ।
 वर्जना सी कामनायें वो ही जो थी लूप हममें,
 युगऋचा युगबोध को युगधर्म फिर समझा रही थी ।।

अवयवों के व्यय भुलक्कड़ से समर्पण भाव में थे,
 लाख श्रोता भीड़ में बस तुम मेरे अधिकार में थे ।
गीत के हम हैं रचयिता शब्द की नक्काश में तुम,
 मंच पर मुख से जो फूटी तुम उसी ललकार में थे । 

हरण की स्याही सँभाले जो हुकुम अँगड़ा गई थी ,
सत्ता तुम्हरी फिर क्यूँ हमसे तुमको ही लिखवा रही थी ।।
@"निर्मेय"

©purab nirmey #tumkohilikhna

#shaadi
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माना ये शायद सच हो 
इतिहास छुपाया नहीं गया था ,
लेकिन बापू साथ तुम्हारे
 भगत पढ़ाया नहीं गया था ।
जांघ लहू से लथपथ थी 
गोरों को फिर भी चीर दिया,
पन्नों पर फिर क्यूं अतीत का 
शेखर गाया नहीं गया था ?
@"निर्मेय"

©purab nirmey #Lekinbapusathtumhare
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तुम वजूद हो या शहरयार हो ,
तुम पी का घर या मेरा इतवार हो,
तलाश होकर भी ईमान हो
मेरी जान,
तुम खुदा हो या महज इत्तेफाक हो ।।
@"निर्मेय"

©purab nirmey #Love

17 Love

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एक रेखा दोबारा बने हाथ पर ,
नाम शोभित हो जिस पर तुम्हारा कहीं।
फिर तुम्हें साथ लेकर संवरते रहे,
भूलकर क्या ग़लत और क्या है सही ।
तुम्हें सोच कर तुमको सोचा बहोत है,
मगर पास तुम हो कभी ना रही ।
आज लेकर तुम्हें फिर से मर जायेंगे,
आके सब हम बतायेंगे तुमको वहीं ।।

©purab nirmey #कहीं

#together
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खुदा भी अपनी रहमतों की उन पर बरसात करता है,
जो किसी जरूरतमंद की मदद के लिये आगे बढ़ता है।

©purab nirmey #ramadan
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क्या बतायें कितने नासाज हैं हालात,
गलतियों पर अब रहम नहीं मिलते ।
वो मीठी चुभन भरे गम नहीं मिलते 
सड़क पर जबसे अब तुम नहीं मिलते ।।

©purab nirmey #क्याबतायें

#holdinghands
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