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shikhavishwakarm7546
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Shikha Vishwakarma

Poet....express feelings emotions

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Shikha Vishwakarma

मेरी किताबों के दरमियाँ
एक सूखा गुलाब रहता है
कुछ पन्नो को छोड़ कर
हर पन्ना महकता रहता है
उसकी खुशबू में एक सुकून 
जाने कैसा मिलता है
रात के वक़्त भी दीया तले
कोई जुगनू जलता है
मेरी खिड़की से वो चाँद
मुझे देखता रहता है
उसकी चाँदनी में खोकर
चाँद जाने कब ढलता है
उसके पहले पन्ने पर 
मैंने अपना नाम नही लिखा
बीच के ही हिस्से में मैंने
अपना नाम शिखा लिखा
कुछ पन्नो पर जब में थमती
उन्हें मोड़ दिया करती
जब वापस कहानी पढ़ती
उन्हें खोल दिया करती
वो जाने कब मेरी जिंदगी 
में हिस्सा बन गयी
खत्म होते होते एक प्यारा
सा किस्सा बन गयी।
शिखा विश्वकर्मा #Morning #poetry❤
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Shikha Vishwakarma

एक सुहानी सी याद है उसके साथ
न होते हुए भी रह जाता है मेरे पास
जब भी ओस की बूंद ठहरती है
मुझे उसकी सदाये सुनाई देती है
जैसे वो मेरे नज़दीक बैठकर कहता है
तुम्हारी आँखों का काजल बड़ा फबता है
होंठो की लाली पर बारिश रंगीन लगती है
 ओस की बूंद तुम पर रुककर हसीन जंचती है
कानों की गोल चूड़ी जैसी बाली प्यारी है
बारिश की फ़ुहार में ये हँसी बड़ी न्यारी है
 चुप होजाता है वो पर मेरा सुनना बाकी रहता है
उसे जब पलट कर देखती हूं तो याद में रह जाता है

शिखा विश्वकर्मा #बारिश
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Shikha Vishwakarma

मुस्कुराहट तेरी कुछ बताती है मुझे
खुली आँखों से सपने दिखाती है मुझे
तेरा दीदार भी बड़ा ही भाता  है
जबसे अपने सपनों में लाती है मुझे

शिखा विश्वकर्मा #chai #मुस्कुराहट
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Shikha Vishwakarma

मैं उसकी ठंडक की छावं में रात भर जागना चाहता हूँ
तारों की रंगीन चांदनी को एक बार समेटना चाहता हूँ
मेरी सारी  कविताओं में बैठकर यहीं लिखना चाहता हूँ
मैं चाँद की रोशनी का प्रतिबिंब जल में देखना चाहता हूँ
फिर धीरे धीरे मेरी पलकों की झपक में सोना चाहता हूँ

शिखा विश्वकर्मा #Dreams #Night💝 #Chand #Pyaar❤️

#Dreams Night💝 #Chand Pyaar❤️ #बात

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Shikha Vishwakarma

सुनो, भूल मत जाना
मैं आज हूँ कल न रहूँ
बस ख़्याल रखना अपना
हमारा मिलना न हुआ तो न सही
तुमसे बातें तो जी भर के हुई है
है ना
तुम गुज़रा एक अच्छा वक्त 
मान लेना मुझे ,जिसमें तुमने मेरे साथ
बिताया है वो हर पल व्यतीत किया है जो 
सिर्फ मेरे लिए था
है ना
मुस्कुराहट से अपनी सब का दिल 
बहलाना तुम, मेरे न होते हुए भी
ख़ुदका दिल मत दुखाना तुम
मैं रहूँगी सदा साथ तेरी नज़्मों की
यादों में जो मेरा हक़ है
है ना
तुम बस ये सोचना की जितना वक़्त
 बिताया है इससे हसीन और कुछ नहीं 
मुझपे कविता लिखना जारी रखना
 तुम तुम्हे तो पसंद है मुझपे लिखना
है ना

शिखा विश्वकर्मा #alone
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Shikha Vishwakarma

सूरत पर उसकी मैं नज़्में लिखता हूँ
यूँ तो हर रोज़ कई कसमें लिखता हूँ
साँझ ढले वो जब चाँद जैसी उभरती है
उस चाँदनी को हज़ार नग़मे लिखता हूँ #river #shayri
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Shikha Vishwakarma

ये वक़्त भी कितना अजीब लगता है
शोरगुल सी जिंदगी में सुनसान लगता है
गाड़ियों की आवाज़ अब कम होगयी है
पक्षियों की ज़िंदगी जैसे बढ़ सी गयी है
हवा का वातावरण शुद्ध सा होगया है
कहानियां बड़े ही सुकून से पढ़ी जाती है
अखबार पर नज़र जुनून से गड़ी जाती है
जैसे ज़िन्दगी बड़ी बेबाक सी लगती है
अपने परिवार के सब साथ होगये है
खाने में व्यंजन ज्यादा बढ़ गए है
रामायण का लुत्फ भी साथ ही लेते है
शक्तिमान भी बच्चों संग देख लेते है
ये सबको बड़ा आश्चर्य लग रहा है
क्योंकि मेरा शहर नही देश पर ताला है
एक ही महामारी का बड़ा बोलबाला है
डरना नहीं इस बात से हमे सतर्क रहना है
सबका ख़्याल के लिए सिर्फ घर मे रहना है
यही बेजोड़ उपाय होगा नही कोई दूसरा है
साथ रहे सुरक्षित रहे और इसी का सहारा है

शिखा विश्वकर्मा #alone #lockdown #qurantine #corona
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Shikha Vishwakarma

ladki hona aam baat nai hai Bitti kanade

ladki hona aam baat nai hai Bitti kanade #कहानी

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Shikha Vishwakarma

Bad Times कुछ ठीक सा नहीं है 
बस लग रहा है ठीक है
यूँ रात गय मेरा दबे पांव
कमरे की दहलीज तक जाना
यूँ चुप्पी से खड़े रहकर 
वापस लौट आना 
कुछ ठीक सा नही है
खिड़की को ऐसे ताड़ना
जैसे मोहित हो किसी के प्रेम में
ठंडी ज़मीन को ऐसे ताकना
जैसे बर्फीली पहाड़िया हो मन में
कुछ ठीक सा नहीं है
बिस्तर पर करवटे बदलना
मेरे चादर पर सिलवटें पड़ना
नम आंखों से तकिया भिगोना
सुबह तक उसका सूख जाना
कुछ ठीक सा नही है
यूँ शांत मन से ऊपर नीचे देखना
घड़ी की आवाज़ ध्यान से सुनना
फिर उस अंधेरे में परछाई खोजना
न मिलने पर खुद को ही कोसना
कुछ ठीक सा नही है
सब को ठीक हूँ कह देना 
रोने को हँसने में बदल लेना
ज़िन्दगी को नए मोड़ पर खड़ा करना
और फिर सब भूल कर शुरुआत करना 
कुछ ठीक से नही है।


शिखा विश्वकर्मा #kuchthiksanahihai
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Shikha Vishwakarma

Kaash Tumne awaz to di hoti
Me lok laaj Sab chor kar tumhare pas Chali aati 
Kaash tumne awaz to di hoti
Zindagi bhar  tutkar chaha jise use dekhne jarur aati
Kaash tumne awaz to di hoti
Duniya wale baatein bnate h to bnane dete phir bhi me tumse Milne aati 
Kaash tumne awaz to di hoti
Khushi me na Sahi gamo ka Sahara to Kahi na Kahi ban hi jati 
Kaash tumne awaz to di hoti
Ek dafa keh dete tum ki jarurt h meri 
Me Dodd kar ajati 
Kaash tumne awaz to di hoti 
Har waqt har gadhi Rehna chahti thi par tumne to shamshan me aane se pehle hi Aag laga di 
Kaash tumne awaz to di hoti #poetry#kaashtumnewlawaz
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