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ritushrivastava3959
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Ritu shrivastava

Ek bund Sagar me....

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Ritu shrivastava

विशाल,विस्मय, न कोई प्रकाश होता है,
कभी कभी कितना विस्तृत ये मन का आकाश होता है।

©Ritu shrivastava #dusk

18 Love

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Ritu shrivastava

मिट्टी से बने, मिट्टी ही रहे, और मिट्टी में ही मिल जाना है,
तो क्यूं न शीतलता ही प्रदान की जाए।

©Ritu shrivastava #life✍✍

life✍✍ #Thoughts

17 Love

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Ritu shrivastava

बेरंग से आज के रिश्तों को
एहसास के रंगों की जरूरत है।
मैं ( अहम) के मद में चूर लोगों को
प्रेम के भांग की जरूरत है।
हरपल रंग बदलने वालो को
कभी न छूटने वाले संग की जरूरत है।
तो क्यूं न कुछ दुआ ये मांगी जाए,
कि सबका हृदय अपनेपन से सज जाए,
हरतरफ सुकून के रंगों की फुहार फैल जाए,
खुशियों से सज्जित ऐसा रंगोत्सव मनाए।

©Ritu shrivastava #Holi

11 Love

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Ritu shrivastava

रूठ कर तो रब भी मान जाता है,
बस ये एक इंसान है जो हर वक्त अपनो को रुलाता है  ।

©Ritu shrivastava #Dard_Bewajah
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Ritu shrivastava

ये ओस की बूंदे,ये बेमौसम बरसात,
दिसंबर के जाने का दर्द ही तो है।

©Ritu shrivastava #जुदाई_का_ग़म
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Ritu shrivastava

परखनें वालों ने परख कर भी हमें पत्थर ही समझा,
समझने वालों की नजर में हम हमेशा हीरा ही रहे है।

©Ritu shrivastava #नजरिया_सोच_का
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Ritu shrivastava

नज़रे गुनाह कर बैठी है,
कभी ख्वाबों में था जो एक चेहरा,
उस शख्स का दीदार कर बैठी है।

©Ritu shrivastava #दीदार_ए_यार
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Ritu shrivastava

टूट कर चाहा था ,तभी तो टूट गए।
आशिकों ने प्यार से तौबा की है क्या।
फिजाओं को महकाया ही है हमेशा,
गुलिस्तां के फूलों ने कभी टूटने की शिकायत की है क्या।

©Ritu shrivastava #प्रेम💕

प्रेम💕

17 Love

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Ritu shrivastava

नव युग नवचेतना का निर्माण हो,
धरा पर हर तरफ प्रेम का आगाज हो।
सजे धरती इंसानियत से
हर ओर खुशियों का संसार हो।
नववर्ष की शुभकामनाएं

©Ritu shrivastava #HappyNewYear
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Ritu shrivastava

खुद ही सवाल खुद जवाब बन जाती हूं,
हर खयाल पर मुस्कुराती हूं।
जब कभी गम की आंधी सताती है,
अपने जहन में कई खुशियां ले आती हु।
नही कोई साथ मजबूरियों का मुझे चाहिए,
मैं अपने लिए खुद नई दुनियां बसाती हूं।

©Ritu shrivastava #myselfline
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