मैं चोर हूं...अपने पास से गुज़रने वाली हवा तक के अहसास चुरा कर लिख देता हूं । तुम्हारी ही बात तुम्हें बता कर तुमसे ही वाह वाही ले लेता हूं । हां मैं चोर ही तो हूं 😊
धीरज झा
#ताकत
गिरे हुए इंसान को उठने के लिए
नहीं होती ताकत की ज़रूरत
उसे चाहिए सिर्फ और सिर्फ हिम्मत
नहीं चाहिए होती ताकत किसी कमज़ोर को
उसे चाहिए होता है सिर्फ प्रोत्साहन
#कविता#breeze
धीरज झा
तुम कहीं तो हो
बातों में ही सही
अहसासों में ही सही
तुम कहीं तो हो
तुम कहीं तो हो
ना साथ रहा, ना सही #कविता
धीरज झा
मां की कोख से निकल कर
पिता की गोद में समा जाना
मां की ममता में मिल कर
पिता के रौब में इठलाना
मां की मुस्कुराहटें बन कर
पिता का गुरूर बन जाना
#भिखारी_बेटा
मैंने देखा था एक रोज़
एक बेटे को भीख मांगते हुए
हट्टे-कट्टे नौजवान गबरू को
ट्रेन, बसों, मंदिर, मजारों
गुरुद्वारों की खाक छानते हुए
मैंने देखा था एक रोज़