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naveenmahajan3311
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Naveen Mahajan

लिखता तो पहले भी था मैं, पर लोगों को कब दिखता है? कविता जब कोई छप जाती है, तब कहते हैं - 'हाँ, लिखता है।'

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Naveen Mahajan

green-leaves वर्णमालिका...

"घने जञ्गल में विद्यार्थियों, ज्ञानी ऋषियों और तेज़-रफ़्तार क्षत्रपों ने आगे बढ़ते, ढीठ व उद्दण्ड शेर को भगाने के बाद सुगन्धित फल खाने बैठीं छः चञ्चल चिड़ियों को श्रम व सूझबूझ से हटाया।"

(सभी स्वरों अथवा मात्राओं के साथ क से ह तक व्यञ्जन एवं क्ष, त्र, ज्ञ, द्य, श्र, ज़, फ़, ड़ एवम् ढ़ ध्वनियां मात्र 34 शब्दों में संजोने का प्रयास, सुझाव आमंत्रित हैं।)

©Naveen Mahajan #hindipangram
#varnmalika
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Naveen Mahajan

Google रीढ़-रहित जीवों में भी होता होगा स्वाभिमान

बोन्साई में भी होती होगी चाह, जड़ें फैलाने की

परम उदासीन भी रखता होगा कोई तो प्रछन्न मत

मौन को भी रहती होगी एक आस व्यक्त हो जाने की

निर्लज्ज भी कभी तो करता होगा शोक उन परिस्थितियों पर जिन्होंने हर ली थी उसकी लज्जा

तुम मर गए थे उसी दिन
जिस दिन धरी थी चांदी की पादुकाएं अपने सिर पर

कुछ हो न हो
 रीढ़, जड़, मत, अभिव्यक्ति और शोक विहीन शरीर को ढोने का दम था तुममें अपार

सादर नमस्कार!

©Naveen Mahajan #Manmohan_Singh_Dies
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Naveen Mahajan

White चरवाहा       

बचपन में मुझे बनना था बड़ा
बस बड़ा, और कुछ नहीं
फिर टीचर और डाॅक्टर
शायद हर बच्चे की तरह
हां, बीच में जादूगर तो बनना ही था
शायद सैनिक और जासूस भी
साइंटिस्ट, अफ़सर, बैंक-कर्मी
लेक्चरर और बिज़नेस टायकून भी
पर अब बनना चाहता हूं एक चरवाहा
हां, एक अपढ़ चरवाहा - 
गीत गाता हुआ, टीले पर भेड़ॆं चराता हुआ !

©Naveen Mahajan  #charvaha
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Naveen Mahajan

वो कविताएं 
जो लिखी थीं तुम पर,
कभी नहीं थीं तुम्हारे लिए.

तुम मुक्त हो 
कवियों की रचनाकार!

©Naveen Mahajan
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Naveen Mahajan

वो कविताएं 
जो लिखी थीं तुम पर 
कभी नहीं थीं तुम्हारे लिए 
तुम मुक्त हो 
कवियों की रचनाकार!

©Naveen Mahajan #Red
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Naveen Mahajan

a-b-c-d की महफ़िल है 
अ-आ-इ भी आये हैं 
रंग-बिरंगी ओढ़ चुनरिया 
नम्बर संग इतराये हैं.

GK Moral Computers सब 
देख रहे हैं मेरी ओर 
देखो-देखो SSt भी 
पीछे-पीछे लाये हैं. 

Drawing-Craft से भरपाई की 
क्या तरकीब निकाली है! 
पूछेंगे "Exam में उनके 
कितने नम्बर पाये हैं?" 
 
सरकारी एक Pledge रटवा के 
इतनी सारी उम्मीदें?
बचपन अपना सीमित करके 
खरे उतरने आये हैं.

©Naveen Mahajan #seemit_bachpan
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Naveen Mahajan

Eid Mubarak  तुतलाती ईद 

आसमान में दिखीं सिवंइयां, आओ पकाएँ झटपट चाँद 
ईदगाह में ईदी पढ़कर, खूब नमाज़ें सबसे मांग 
नये-नये सब दोस्त पहनकर, सब कपड़ों को घर से खींच 
चलो मनाते हैं सब बच्चे, प्यारी-प्यारी, मीठी ईद।

लेतिन अम्मी बात दलत है, इछता आखिल त्या मतलब है 
इतने लोज़ों ते बदले में, हम बच्चों तो ले हलते में 
एत छाल में एत ही ईद, तिछने चलाई ऐछी लीत?

मेरे बच्चे, दांत हैं कच्चे, बात तुम्हारी बिल्कुल ठीक 
एक दिन जब तुम पल जाओगे, सांचे में जब ढल जाओगे 
सुंदर सी दुल्हन लाओगे
फिर तुम्हारे भी आंगन में, तुतलाती नाचेगी ईद।



Happy Eid from Kangrooz Playschool

©Naveen Mahajan #Eidmubarak2021
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Naveen Mahajan

Eid Mubarak तुतलाती ईद 

आसमान में दिखीं सिवंइयां, आओ पकाएँ झटपट चाँद 
ईदगाह में ईदी पढ़कर, खूब नमाज़ें सबसे मांग 
नये-नये सब दोस्त पहनकर, सब कपड़ों को घर से खींच 
चलो मनाते हैं सब बच्चे, प्यारी-प्यारी, मीठी ईद।

लेतिन अम्मी बात दलत है, इछता आखिल त्या मतलब है 
इतने लोज़ों ते बदले में, हम बच्चों तो ले हलते में 
एत छाल में एत ही ईद, तिछने चलाई ऐछी लीत?

मेरे बच्चे, दांत हैं कच्चे, बात तुम्हारी बिल्कुल ठीक 
एक दिन जब तुम पल जाओगे, सांचे में जब ढल जाओगे 
सुंदर सी दुल्हन लाओगे
फिर तुम्हारे भी आंगन में, तुतलाती नाचेगी ईद।

©Naveen Mahajan #HappyEid
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Naveen Mahajan

"बारिशें ये खास हैं" 

भाव बादल बन गये हैं, मन पे जैसे तन गये हैं 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 
बारिशों में ख्वाहिशें हैं, हैं बहुत जो आम सी 
मन मगर कहता है फिर भी, ख्वाहिशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 

मन की बातें बिजलियां बन, फिर से मन पे गिर रहीं 
मन मगर दरपन है मेरा, गिर के फिर-फिर फिर रहीं। 
गिरती-फिरती बिजलियां ये, बंदिशें स्वर-ताल की 
बारिशों संग झूमती सीं, बंदिशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 

फिर हवाएं चल रही हैं, सर्द सांसें थामकर 
ये हवाएं पहुंचें तुझ तक, कुछ दिखाएं काम कर 
सर्द सांसें और हवाएं, लायी हैं फ़रमाइशें 
बारिशों में जो हैं पहुंचीं, फ़रमाइशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं। 

बारिशों के बाद वाली, गन्ध मिट्टी से उठे 
फूल-भंवरे-तितलियां, मन की धरा पर आ मिले 
बंजरों में सावनों की, लगने लगीं नुमाइशें 
आज तक देखीं नहीं थीं, नुमाइशें ये खास हैं। 
आज फिर से मन है भीगा, बारिशें ये खास हैं।

©Naveen Mahajan बारिशें ये खास हैं 

#Flower

बारिशें ये खास हैं #Flower #शायरी

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Naveen Mahajan

बारिशें ये खास हैं

#loveNote

बारिशें ये खास हैं #loveNote #शायरी

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