Nojoto: Largest Storytelling Platform
dineshpaliwal3144
  • 14Stories
  • 12Followers
  • 978Love
    26.8KViews

Dinesh Paliwal

मेरी रूचि हिन्दी कविता लेखन और गायन में है। कोशिश करूँगा किअच्छी विषय वस्तु से ये रचनात्मक सफर यादगार बना रहे ।। Like subscribe and follow please to motivate me for doing better.🙏🙏

https://www.facebook.com/aamantranabhinandan?mibextid=ZbWKwL

  • Popular
  • Latest
  • Video
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

जिंदगी एक लतीफे सी है मेरी,
ये बस खुदबखुद गुदगुदाती है,
नहीं मिलती जो तालियां मन की,
बेवजह ये फिर भी बुदबुदाती है ।
इसकी उम्मीद और सपने ऐसे,
हो बस मुस्कान सब के लब जैसे,
आंसू गिरा खता से जो इसकी,
ये खुद पे बहुत कसमसाती है।।

©Dinesh Paliwal
  #jindagi
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

जिंदगी एक आईने सी है मेरी,
जो मुस्कुराऊं तो मुस्कुराती है,
और जो हूं जरा मायूस मै कुछ,
चेहरे की हर बैचनी दिखाती है ।
इस आईंने को धोखा न कोई ,
न इस से होता कुछ ही पर्दा है,
जो कमाता हूं नेकियां या बदी,
सब मेरे अक्स पे सजाती है ।।

©Dinesh Paliwal
  #jindagi
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

।। मेरे जीवन के जादूगर ।। 

सुना है न आपने
जादू का खेल
जिसमें होता एक जादूगर
जो विस्मय से कराता मेल।
क्या कभी सोचा है
कितने जादूगर हैं इस जीवन अपने
जिनके करतब और दृष्टिबंध से
होते पूरे हैं अपने सपने।
हम  हम हैं क्योंकि ये 
जादूगर हैं जीवन में आते
इनसे ही है जीवन की गति
जीवन का मतलब इनसे पाते।
जीवन जो कहलाता मायाजाल
जिंदगी सुख दुख की लड़ी है
इसमें होते चमत्कार का कारण
बस इन जादूगर की छड़ी है।।

आगे जारी है...

©Dinesh Paliwal
  #jadugar
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

चांद बादल मे छुपा हो
यूँही वो तमाम रात चले
बिसात तारों की बिछी
नजर की शह मात चले
दरमियां फासले न कोई
न कोई हो किस्सागोई
मिलें जो इस बार कहीं
तो बस अपनी बात चले ।।

©Dinesh Paliwal
  #Chand
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

पत्थर कितने भी हों राह पड़े ,
नदिया तो बहती ही है रहती ,
धन्यवाद देती हर पत्थर का  ,
जो इनसे वो नियंत्रण में रहती ।
दुःख ना हो जो जीवन में तो ,
कुछ सुख का मोल नहीं होता ,
जिनको सब मिलता रहा विरासत ,
उनके अनुभव का तोल नहीं होता ।

©Dinesh Paliwal
  #नदिया
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

अर्थ छांव का समझ  है आता ,
जब सघन दोपहरी  जाना हो ,
दुःख भी लगता है दुःख तब ही ,
जब तुमने उसको दुःख माना हो ।
दुःख तो  सुख की मंज़िल की ,
एक सीड़ी है जो  चढ़नी होगी ,
गर मर्म समझना हो पूरा तुमको,
फिर पुस्तक  पूरी पढ़नी होगी ।

©Dinesh Paliwal
  #manjil #मंजिल
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

रिश्तों का सौदा करके कुछ
दर्द लिए है जीवन भर अपने, 
जिन ख्वाबों को पाने दौड़ा था
 ना अब नींद रही ना वो मेरे सपने।।

©Dinesh Paliwal
  #दर्द
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

मोहब्बत और इबादत में 
फर्क़ बस इतना होता है 
जुस्तजू पाने की जो एक
दूजे में खुद को खोता है।।

©Dinesh Paliwal
  #ibadat
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

बस कुछ हुआ है कुछ दिनों से ,
कुछ बावरा मन बहका हुआ ,
देख कर छवि ये तुम्हारी ,
है बेवजह चहका हुआ ।।
प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ ,
बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग,
काग़ज़ रखूं कोरा कोई में ,
या गुलाबी उसे भी दे दूँ रंग ।।

©Dinesh Paliwal
  #बावरा #Bawra
68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

लिखना चाहता हूँ पत्र तुमको ,
क्या लिखूँ कैसे लिखूँ ना भान है ,
ये प्रेम है या बस नयन की चाह है ,
मुझको अभी किन्चित नहीं ये ज्ञान है

©Dinesh Paliwal
  #prempatra
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile