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jyswrkr3120
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The_Squibbler_Jay

इश्क़ नाम जन्नत है, जो करे वफ़ा सो खुले द्वार ।

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The_Squibbler_Jay

ये शहद रखा रखा बोर हो गया है
इसे जरा चख लो ना,
अपने अधरों को मेरे अधरों पर रख दो ना!

कब से ये प्याला-ए-जाम रीता पड़ा है
इसे जरा भर दो ना,
अपने अधरों को मेरे अधरों पर रख दो ना!

झेठ में मेरे यहां पतझड़ बहुत हुआ है
अब तुम सावन की पहली बरसात कर दो ना,
अपने अधरों को मेरे अधरों पर रख दो ना!

के मेरे होंठ पतझड़ की भांति सूख गए हैं
इन्हें अपने सुर्खोंं से लगा तृप्त कर दो ना,
अपने अधरों को मेरे अधरों पर रख दो ना!

★THE_SQUIBBLER_JAY©
लिक्खाड़ बाबू || जय स्वर्णकार 🍁 अपने अधरों को मेरे अधरों पर रख दो ना!
 #Love #Shayari #Hindi #hindishayari #hindipoetry #urdu #rahatindori #rajasthan #India #Delhi

अपने अधरों को मेरे अधरों पर रख दो ना! #Love #Shayari #Hindi #hindishayari #hindipoetry #urdu #rahatindori #rajasthan #India #Delhi

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The_Squibbler_Jay

डाल ली अंगूठी मैंने अपने कुल्हड में शाम की चाय पर,
मैने आज चाय का सुनहरा जायका चख लिया।




                      THE_SQUIBBLER_JAY©
                            लिक्खाड़ बाबू || जय स्वर्णकार🥀 सुनहरी चाय

सुनहरी चाय

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The_Squibbler_Jay

है आती बेशुमार तेरी याद
अक्सर मुझे पीने के बाद
अब नशा तेरा कहूं इसे या रम का साकी
तेरे साथ सुकून था बाद तेरे बरबाद।

THE_SQUIBBLER_JAY©
जय स्वर्णकार || लिक्खाड़ बाबू🥀 साकी ♥️😍

साकी ♥️😍

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The_Squibbler_Jay

सूरज की तपन सह अपने बच्चों को शितलाता है पिता,
अपनी खुशियों को दफन कर बच्चों को हंसाता है पिता।












The_Squibbler_Jay©✨
         जय स्वर्णकार || लिक्खाड़ बाबू🥀 happy fathers day😍😍
#fathers#day#poem#quote

happy fathers day😍😍 #fathers#day#poem#Quote #thought

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The_Squibbler_Jay

The_Squibbler_Jay🍃 खूबसूरत सुबह की खूबसूरत चाय मुबारक

खूबसूरत सुबह की खूबसूरत चाय मुबारक

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The_Squibbler_Jay

हमारे बाद तेरे इश्क़ में नए लड़के,
बदन तो चूमेंगे, ज़ुल्फ़ें नहीं संवारेंगे।

Humare baad tere ishq men naye ladke,
Badan to chumenge, zulfein nahin sanwarenge...


                     @THE_SQUIBBLER_JAY
@VVAIRAGI
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The_Squibbler_Jay

अनचाही बारिश में एक अकेला बच्चा भीग रहा था शायद कई दिनों से भूखा था।
मानो उस रात बारिश का अनुभव करते वह बच्चा ऊपर जन्नत में विराजमान अपनी मां से कह रहा हो-
" तू मत रो मां ये इंसान नामक प्राणी बहुत कठोर है,
नहीं पिघलेगा
मैं भूखा ही सो जाऊंगा।"


              













                 THE_SQUIBBLER_JAY🍁🌻
            जय स्वर्णकार || लिक्खाड़ बाबू🥀 ♥️🥀

♥️🥀 #thought

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The_Squibbler_Jay

सुलगती सिगार सी है जिंदगानी आशिकों की,
जितनी कश भरोगे उतनी धुंआ उठेगी । 





  ©THE_SQUIBBLER_JAY✍️♥️
















                                                  जय स्वर्णकार🍁 keep showing love♥️

@the_squibbler_jay

keep showing love♥️ @the_squibbler_jay #thought

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The_Squibbler_Jay

#SADFLUTE
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The_Squibbler_Jay

चली गयी वो बचपन की मस्तियां ?
जिनमें तैराया करते थे कागज की कश्तियां..
अब उन कागजों पर उकेर दिए गये हैं मेरे द्वारा शेर, नज़्म, गज़ल और कवितायें,
बारिशें भी बह निकली हैं बनकर नयनों की सिसकियां।










                  ©THE_SQUIBBLER_JAY✍️🥀
                   जय स्वर्णकार || ‛लिक्खाड़ बाबू’ अब पहले जैसी बारिश कहां होती है?
वो बचपन वाली शरारत अब कहां होती है?
पहले होती थी बेवजह बाते हरदम..
अब उनसे हमारी बात कहां होती है?
@the_squibbler_jay🌸🌱

अब पहले जैसी बारिश कहां होती है? वो बचपन वाली शरारत अब कहां होती है? पहले होती थी बेवजह बाते हरदम.. अब उनसे हमारी बात कहां होती है? @the_squibbler_jay🌸🌱

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