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pankajshah4820
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Pankaj Shah

मैं कोई लेखक तो नहीं..… पर कुछ लिखने की कोशिश में हूँ✍️

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Pankaj Shah

किस्मत की लिखावट में वो जोर कहां ।
मिटा तो दे कोई जो लिखा ही नहीं न यहां न वहां।।

©Pankaj Shah #udaan
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Pankaj Shah

कैसा अंत हुआ रिश्ते का, अंत कभी न सोचा था ।
सब कुछ ऐसे खत्म हुआ, जैसे की वो एक सपना था।।

©Pankaj Shah #brockenheart 😔😔

#brockenheart 😔😔

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Pankaj Shah

मत कर इतना जुल्म ओ जिंदगी, मां-बाप का ये खिलौना कहीं टूट न जाये।
बेहिसाब इन बिखरे टुकड़ों को समेटते-समेटते उनके हाथों से उसके जिंदगी की डोरी छूट न जाये।।

                                                  . . . . .😭😭

©Pankaj Shah
  #Broken💔Heart

Broken💔Heart #Poetry

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Pankaj Shah

समझाता रहा हर किसी को उम्मीद बहुत बुरी चीज है।
और खुद मुझे जो लगी तो उसके नकारने पे भी ना यक़ीन है।।

©Pankaj Shah #delusion
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Pankaj Shah

बदल गए आप,
और बदल दी मेरी दुनिया।
कभी दिल में दी जगह,
और आज चौखट के है पार।
क्या यही था आपका प्यार,
जिसे मैंने समझा था संसार।
कभी खुशियां थी अपार,
आज सूना है घर-बार।
मैं पूछुंगा हर बार,
क्या कमी थी मुझमें यार।
कितना बड़ा था ये संसार,
जिसे बना दिया गमों का अंबार।
टूट गए सब सपने, छूट गए सब ख्याल,
कैसे खत्म करें इस दिल से उम्मीदों का भार।
नही है मुझमें हिम्मत, टूट गया हर रिश्तों तार।
कतरा-कतरा उस पल-पल का, जैसे सिमट गया जिंदगी का सार।।

©Pankaj Shah
  💔

💔 #Love

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Pankaj Shah

ज़िन्दगी एक बाजार सी हो गयी है।
लोग अपनी जरूरत से आते हैं और चले जाते हैं।
कुछ जिंदगी में फूल ख़िलाते हैं , तो कोई जिंदगी से ही खेल जाते हैं।

जब कोई अकेला हो तो, जिंदगी गुमनाम सी लगती है,
कोई आकर चला जाये तो, जिंदगी सुनसान सी लगती है।
और इस सुनसान जिन्दगी में जब अपने ही साथ ना दें तो, वीरान सी लगती है।।

मैंने जिंदगी में किसी को रोकने के उसूल नहीं रखे।
क्योंकि देखा है उनकी खुशी जो उन्हें आकर जानें में मिलती है।।

कोई पल भर के लिए तो कोई दो पहर के लिए आता है।
और वादों का क्या, वादे तो वो उम्र भर की कर जाता है।।

लोगों का जुड़ना और बातों से मुकर जाना तो एक आम बात सी हो गई है।
और जिसने इसे दिल से जोड़ निभाने की सोंची उसके जिंदगी की बर्बादी सरेआम हो गई है।।

जिंदगी का यह मंजर बड़ा भयावह सा लगता है।
जरा नजदीक से देखा तो एक तवायफ़ सा लगता है।।

क्या बचता है जिंदगी में एक ऐसे संगदिल तूफान के बाद।
सिर्फ कुछ अच्छी यादें और, आंखों में आंसुओं का सैलाब।।

कोई यादों के सहारे जीता है,तो कोई भीड़ में आंसुओं को छिपाता फिरता है।
कोई इस बुझदिल जिंदगी को कविताओं में लिखता है, तो कोई मयखानों की राह को अपनाता है।।

देख कर लगता है मयखानों की भीड़ ऐसे बढ़ रही है।
जैसे जिंदगी हर किसी से एक जैसे ही खेल रही है।।

इस खेल के मोहरों के लिए हमारी जिंदगी एक पिसात सी बिछी है।
जरा साथ ठहर कर तो देखो,जिंदगी में अब और कौन सी तबाही बची है?

©Pankaj Shah #WritersSpecial
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Pankaj Shah

मिलते हैं कुछ लोग जिंदगी में आजमाने के लिए।
और हमें वक्त तक नहीं लगता उनसे दिल लगाने के लिए।।

©Pankaj Shah #apart
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Pankaj Shah

एक मुलाकात.......…👩

एक अजनबी मुलाकात और उसकी एक कहानी थी।
चेहरे से वो मासूम बहुत और दिल से बहुत सयानी थी।।

करती थी वो प्यार किसी से, कोई मन के उसको भाया था।
तन और मन से अपने जीवन में, उसने उसको अपनाया था।।

दोनों का संसार बड़ा था, सपनों का अंबार पड़ा था।
उसके साथ ही जीने की, ख़्वाहिशों का पहाड़ खड़ा था।।

फिर एक वक़्त का झोंका आया, सपनों को उसके बिखराया।
सामाजिक रस्मों के आड़े, उनकी राहों को अलग कराया।।

उस याद में हर पल रोती थी, ना रातों में वो सोती थी।
दिल प्यार में उसका टूटा था, शायद भाग्य ही उसका खोटा था।।

लगता था वो टूट गयी है, जिंदगी भी उससे रूठ गयी है।
पतझड़ में पत्तों के जैसे, डालों से वो छूट गयी है।।

ग़म तो उसका बहुत बड़ा था, दोस्तों का हुजूम खड़ा था।
निकल गई ग़म के जंजीरों से, जो जीने को संसार पड़ा था।।

अब लगता है वो संभल गई है, जिंदगी भी उसकी बदल गई है।
उसकी बातों और मुस्कानों में, चमक तो जैसे नई - नई है।।

अज़नबी तो अब वो नहीं रही, और ना ही रहा कोई ग़म।
दिल की बस एक यही तमन्ना, वो यूँ हंसती रहे हरदम हर कदम।।

©Pankaj Shah #Life_experience
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Pankaj Shah

इन लम्हों का क्या, लम्हें ही तो हैं गुज़र जाएँगे।
लेकिन उन लम्हों की खूबसूरती का क्या, जो मरते दम तक याद आएंगे।

ये वो लम्हें हैं जिन्हें पिरोया है, कई खूबसूरत एहसासों से।
इन एहसासों को सजाया है, कई सुनहरे लिबासों से।।

कितना कठिन है, इन यादों को दिल में रखकर खुद को संभाल पाना।
नज़रों को झुका कर उनके गलियारों से यूँ ही चुप-चाप निकल जाना।।

उनके दीदार को तरसती हैं आंखे अब भी।
आंखे भर जाती हैं और दिल बैठ जाता है याद आती है उनकी जब भी।।

बहुत मुश्किल है इन यादों को यूं ही भुला पाना।
किसने दी ये सजा किस्मत या वो ये कह पाना।।

बड़ा सहमा सा हूं और आंखे भी नम हैं।
उनसे मिल पाने की अब उम्मीदें भी कम है।।

हो जाएंगे ये लम्हें भी एक दिन दफ़न,यही तो अंजाम हर दफ़ा होता है।
हर रोज मरती हैं यादें बे मौत, जब भी किसी को किसी के लिए बफा होता है।।

©Pankaj Shah #heartbroken💔feel

heartbroken💔feel #Poetry

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Pankaj Shah

कहाँ हो, अलविदा कहने आओगी क्या?
यादें तो अब भी मेरे पास हैं, साथ इन्हें लेकर जाओगी क्या?🙁

डर है मुझे इन यादों से कि ये तुम्हें बदनाम न कर दें।
यादों में संजोए लमहों को सरेआम न कर दें।।

तो बताओ न, यूँ ही इन यादों से सताओगी क्या?
कहाँ हो, अलविदा कहने आओगी क्या?🙁

डरता हूँ कि ये यादें आंखे नम न कर दे।
आँखों में भरे आंसुओं को कम न कर दें।।

तो बताओ न, इन आंखों में भरे आंसुओं को रोक पाओगी क्या?
कहाँ हो, अलविदा कहने आओगी क्या?🙁

डर है मिलने की उम्मीदों को कम न कर दे।
रिश्तों में बचे एहसासों को खत्म न कर दे।।

तो बताओ न, इस रिश्ते में नए पर लगाओगी क्या?
कहाँ हो, अलविदा कहने आओगी क्या?🙁💔

                                                          ...✍️ पंकज #Moon
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