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vishalagnihotri7887
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Vishal bhartiya

🤫🤫🤫दास्तान- ए- जिंदगी 🤫🤫🤫. 🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲

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Vishal bhartiya

पन्प चुका है पाप जगत में
किसे तो इसे मिटाना होगा!!

नही तो झूठ फरेव की इस दुनिया में कहाँ सत्य का ठिकाना होगा !!

लोभ लालच के जहां में उठी है फिर इक  तरंग !!
ना चलेगा युग का बहाना अब प्रभू तुम्हे आना होगा !!!!!!!      🙏🚩🙏

©Vishal bhartiya
  अल्फाज

अल्फाज #Shayari

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Vishal bhartiya

क्यों सोचे इतना वक्त दिखा देगा जो इसे दिखाना होगा 

उड़ रहे हैं एक उम्र से जो आसमानों में यह परिंदे कहीं तो इनका कोई ठिकाना होगा

 आसमानों में घर नहीं बनाए जाते
 लौटकर जमीन पर आना होगा


                                     विशाल भारतीय
                                       की कलम से
                                        ✍️✍️✍️

©Vishal bhartiya # अल्फाज

# अल्फाज #शायरी

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Vishal bhartiya

उसका बिछड़ना कुछ ऐसा जैसे नींदे उड़ा के ले गया सारी मेरी

 बहुत सोचा  उसे बहुत चाहा बहुत ढूंढने की कोशिश की


 और फिर 1 दिन संभल गया मैं
 यह देखकर मैं खुद भी बहुत हैरान था 


फिर उसके बाद कुछ नहीं खोया जिंदगी में मैंने वह मेरी जिंदगी का आखरी नुकसान था




                                                     विशाल भारतीय
                                                       की कलम से
                                                         ✍️✍️✍️

©Vishal bhartiya #अल्फाज
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Vishal bhartiya

आंखें पहले से ही नम है मेरी और कितनी कोशिश करोगे मुझे रुलाने की 

आज तुम्हें सदियों के बाद देख कर हंस दिया हूं 
मैं वजह तो पूछते मेरे थोड़ा सा मुस्कुराने की

 इस अजनबी शहर में तुम्हारे सिवा किसीको ही जानता हूं मैं
 आज मुझे अपनी आंखों में रहने दो

 मुसाफिर हूं इस शहर का

 कल ना जाने कहां होगा मेरा ठिकाना
 आज अपनी आगोश में रहने दो
 कल जो होगा सो होगा कल का बोझ आज ही क्यों उठाना!!!



                                                      विशाल भारतीय
                                                      की कलम से
                                                        ✍️✍️✍️

©Vishal bhartiya #अल्फाज
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Vishal bhartiya

#अल्फाज 

#Flute
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Vishal bhartiya

किसी का साथी
  किसी का सहारा
 किसी की सर की छत
 किसी का रोव
 किसी की चूड़ी बिंदी सिंदूर
 किसी की आंखों का तारा
 किसी का हमसफर किसी का हमदर्द है

 मगर किसी को यह नहीं कहता

 कि उसके सीने में कितना दर्द है

 क्योंकि छोटी उम्र में ही मां ने प्यार से सर पर हाथ रख कर

 कहा था बेटा रोना नहीं तू तो मर्द है




                                                    विशाल भारतीय
                                                       की कलम से 
                                                      ✍️✍️✍️

©Vishal bhartiya #अल्फाज
#Time
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Vishal bhartiya

हर कोई मतलब खोर यहां अब किसकी दिल में नेकी है

आज फिर से कुछ अमीरो ने डस्टबिन में रोटियां फैकी हैं 

अरे कद्र करो नीवालों की 

क्योंकि 

मैंने भूख के लिए तरसती कई नन्ही आंखें देखी 




                                                       विशाल भारतीय
                                                        की कलम से 
                                                        ✍️✍️✍️

©Vishal bhartiya #अल्फाज
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Vishal bhartiya

जादूगरनी ही तो है मेरी मां

 मेरे सर पर हाथ रखेगी और मेरी सारी बलाऐ ले लेगी 

और 

फिर चलूंगा समंदर में मैं आजाद कश्ती सा
 
और जब कश्ती समंदर में चलेगी तो लहरों से ही तो खेलेगी






                                                        विशाल भारतीय
                                                            की कलम से  
                                                         ✍️✍️✍️

©Vishal bhartiya #अल्फाज
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Vishal bhartiya

कुछ ना होने दिया तुझे चाहे आंधियां कितनी भी गरजती रही 

आज बड़ा हो गया है तू दे रहा है दिखावे में हजारों लोगों को दावत 
और आज तेरी वही मां एक निवाले को तरसती रही

जिस समंदर ने अपने पानी से धरती की गोद को पहुंचाई 

 ठंडक 

 उसी के साहिल पर आज धूप बरसती रही




                                                          विशाल भारतीय 
                                                            की कलम से 
                                                          ✍️✍️✍️

©Vishal bhartiya #अल्फाज
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Vishal bhartiya

जानता था मैं एक ऐसे शख्स को 

आंखों में भोलापन दिल में सच्चाई 
और 
 बहुत दूर गांव था उसका 

रौशनी का कोई तालुक नहीं था उस अंधेरे गांव से फिर भी पूरा गांव जगमगाता था 

क्योंकि रौशनी नाम था उसका

©Vishal bhartiya #अल्फाज
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