Nojoto: Largest Storytelling Platform
vikeshsingh8382
  • 33Stories
  • 85Followers
  • 347Love
    118Views

Vikesh Singh

baragadpurpoetry.blogspot.com

  • Popular
  • Latest
  • Video
6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

क्या बताये उस शक्स की कहानी
खेतों से सड़क पर आ गया
जहाँ प्राकृतिक जंगलो की जगह
कंकरीट के जंगलों ने लिया
चावल डाल रोटी सब्जी की जगह
पिज्जा बर्गर फुल्की चाट ने
बैलगाड़ी की जगह मोटर गाड़ी
औ दूध की जगह विस्की ने ले लिया

©Vikesh Singh व्यथा

#City

व्यथा #City #विचार

6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

जिन्हें देख कर जीते रहे
वही मेरा कफ़न सीते रहे 
दिल की तन्हाइयों में भी
उन्हें सीने में संजोते रहे
क्या बताऐं किसी को
कि वही मेरा कफ़न सीते रहे? #weather कफ़न
6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

जिन पंछियों को गाँव की डाल पर बैठे सदियाँ गुजर गई थी
आज वो पंछी भी उस डाल पर बैठे दिखाई दे रहे है॥ #twilight गाँव
6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

वो मेरे दर्द में शामिल न थे
और कहते है हम क़ाबिल न थे #worldnotobaccoday क़ाबिल
6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

आँखे मौसम को समझ ही नहीं पा रही हैं । 
ठंडी में बरसात हो रही हैं या बरसात में ठंडी पड़ रही हैं ॥ ख्वाब

ख्वाब

6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

कहानी इतनी बदल गई हैं कि, 
दूर दूर तक वीरान दिखता हैं । 
जैसे बादलो में समंदर छिपा हो, 
और कहते हैं सारा जहान दिखता हैं । 
झरने से पानी गिरते हमनें भी देखे हैं जनाब, 
मगर किसी को ये बारिश का प्यार  दिखता हैं । 
मर भी जाओ किसी के लिये तुम  मोहब्बत में , 
तो भी यह उसके लिये सिर्फ ऐहसान दिखता हैं । 
लगता हैं वो जानते नहीं दस्तूरे  सबब , 
क्योकि कीचड़ में ही कमल का फूल बार बार दिखता हैं । 
शायद इसीलिए बची हैं दुनियाँ , 
क्योकि यहाँ आज भी हीर-रान्झे का प्यार दिखता हैं । वीरान दिखता हैं ।

वीरान दिखता हैं ।

6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

कैसे बताऊ इन आँखो को 
की सावन बीत गया 
वो अभी भी बरसे ही जा रही हैं भ्रम

भ्रम

6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

#OpenPoetry तुझे मेरे दिल का ऐहसास तो था 
फिर तेरा फैसला खिलाफ क्यो था , 
हक़ीक़त से रूबरू हुवे तो जाना 
मैं उनके लिये खास क्यो था ? त्याग

त्याग #OpenPoetry

6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

उन्हें भी हक हैं इन हवाओं का ,
बारिश की बूंदों और घटाओं का । हक़

हक़

6e776f017e770baa546ea14ed9057855

Vikesh Singh

हर मछली अपनी कहानी
 खुद बताती है 
जल है जीवन यह बताने के लियें तो मर ही जाती है 
 #NojotoQuote

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile