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randeepchoudhary9920
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Randeep choudhary

हिंदी के विशाल आसमान में उड़ता हुआ एक छोटा सा पंछी....

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Randeep choudhary

#nojoto  #bharatpuriya #aashiqui #भरतपुरिया #आशिकी #प्यार #गुलाबी #पिंकी
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Randeep choudhary

दुश्मनी हमसे भले हज़ार रक्खो
मगर अपने घर पर भी पहरेदार रक्खो

ये जो मेरी हार के,चर्चे तमाम करते हैं
मैं लौट आया हूँ, हथियार तैयार रक्खो

सारी मोहब्बत आज ही लुटा दोगी क्या
थोड़ी बहुत कल के लिए भी उधार रक्खो

इस हिंदुत्व , इस शरीयत से नफ़रत है मुझे
इंसां का खून हो, इंसां से थोड़ा प्यार रक्खो

अगर पानी में भँवर उठा है, उठने दो
तुम नज़र दरिया के बस उस पार रक्खो

इश्क़ में थोड़ा सा इनकार भी जायज़ है
तुम बस दिल को इसी कदर बेक़रार रक्खो

-रणदीप 'भरतपुरिया'




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Randeep choudhary

सुख दुख आते जाते हैं, सब दिन-दो दिन का किस्सा है
है कोई नई ये बात नहीं, ये सब जीवन का हिस्सा है

full poem in caption.... सुख दुख आते जाते हैं, 
सब दिन दो दिन का किस्सा है
है कोई नई ये बात नहीं,ये सब जीवन हिस्सा है
अंगारों पर चलने वाले, शोलों से नही डरा करते
जो ऊंची मंजिल चढ़ते हैं, गिरने से नहीं डरा करते
जिस सज़ा में आंसू ना निकले वो सज़ा ही क्या 
राहों में जबतक गिरे नहीं तो मज़ा ही क्या
सागर में चक्रवात आये तो क्या गम है

सुख दुख आते जाते हैं, सब दिन दो दिन का किस्सा है है कोई नई ये बात नहीं,ये सब जीवन हिस्सा है अंगारों पर चलने वाले, शोलों से नही डरा करते जो ऊंची मंजिल चढ़ते हैं, गिरने से नहीं डरा करते जिस सज़ा में आंसू ना निकले वो सज़ा ही क्या राहों में जबतक गिरे नहीं तो मज़ा ही क्या सागर में चक्रवात आये तो क्या गम है #Poetry #Life #bharatpuriya #भरतपुरिया

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Randeep choudhary

ये जो हाल-ए-दिल है, क्या बयाँ करूँ
दिख रहा है बेहाल है, क्या बयाँ करूँ

ज़मीन नाप दी सारी ज़ुस्तज़ु में तेरी 
अब तो कोशिश है कि नज़रों में आसमां करूँ

यहाँ कदम कदम पे साया है अंधेरों का
कहाँ कहाँ पर मैं रोशन शमा करूँ

किसी को शोहरत किसी को कामयाबी चाहिए
मेरी आरज़ू ये है कि दिल में कैद ये जहाँ करूँ

-रणदीप चौधरी 'भरतपुरिया'

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Randeep choudhary


जब अंधकार उठकर सूरज का गला दबाये
जब नभ में पापों के ही बादल मंडराए
जब झूठ भरे बाज़ार सत्य की इज़्ज़त नोंचे
जब कोई बहन बेटी सकुशल घर को ना आये
तब साहित्य संभाले अपनी बागडोर फिर
तोड़ तिमिर का दंभ, प्रजा की आंखे खोले
जन-जन में नव ऊर्जा का संचार कराए
काश मैं इन हाथों से कुछ ऐसा लिख जाऊं
काश मैं इन हाथों से कुछ ऐसा कर जाऊं 

 #nojoto #sahitya #bharatpuriya #भरतपुरिया #हिंदी #hindi
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Randeep choudhary

जिसे लोगों ने पैरों से नाक़ाबिल समझा
मैंने उस शख़्श में उड़ने की आरज़ू देखी #nojoto #arzoo #bharatpuriya
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Randeep choudhary

एक मैं था 
और एक छोटा सा घरोंदा था
बनाया करते थे उसे
मैं और अब्दुल 
हर साल गर्मी की छुट्टियों में
बना देता था अब्दुल
उसके एक कोने में मंदिर
और मैं फिर चार मीनारें लगाकर
पूरे घर को मस्ज़िद बना दिया करता
तब हमारे बीच मैं हिंदू, तू मुस्लिम
ये सब नहीं था
वो क्या था कि बचपन में मेरा 
कोई मज़हब नहीं था

 #nojoto #bachpan #childhood #majhab #bharatpuriya
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Randeep choudhary

गर्दिश में हूँ, लेकिन अभी हारा नहीं हूँ
ये कव्वे हमारी उड़ानों पर सवाल करते हैं
ज़रा जख्मी हुए हैं पंख यूँ ना मुस्कुराओ
हम चील हैं पंजों से वार करते हैं

-रणदीप चौधरी 'भरतपुरिया'
 #nojoto #hindi_urdu #bharatpuriya
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Randeep choudhary

अब जैसे तैसे खुद ही खुद में काट लिया करता हूँ दिन
मग़र चाँदनी रात हमें उस पार निमंत्रण देती है
जब गली किनारे रोज सुबह नज़रों से बातें होती थी
वो सर्दी की चाय हमें उस पार निमंत्रण देती है
जब दिनभर की उलझन सब मैं एक बार में खो देता
वो पागलपन की बात हमें उस पार निमंत्रण देती है
जिस पल मैं सुनसान जगह पर शांत,अकेला होता हूँ
उस पल तेरी याद हमें उस पार निमंत्रण देती है

-रणदीप चौधरी 'भरतपुरिया'  #nojoto #bharatpuriya #chaand
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Randeep choudhary

 #CanIBreathe #nojoto #bharatpuriya
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