आता नही था हमें इकरार करना ना जाने कैसे सीख गए प्यार करना।। रुकते नहीं थे कभी 2 पल किसी के लिए ना जाने कैसे सीख गए इंतजार करना।। सांसों में रहकर तुम हमारे मेहमान बन गए बाते ऐसी की के हमारी मुस्कान बन गए।। लोग पास रहकर भी हमारे ना बन सके और आप दूर रहकर भी हमारी जान बन गए।। तुझे दिल से जूदा कभी होने नहीं देंगे हाथ हमारा कभी करने छोड़ने नहीं देंगे।। तेरी मुस्कान ही इतनी प्यारी है के हम अगर मर भी जाय तो तुझे रोने नहीं देंगे।। परछाई तुम्हारी मेरे दिल में बसी है यादे तुम्हारी मेरी आंखो में बसी है।। कैसे भूल जाऊ में तुम्हे ए सनम मोहब्बत तो तुम्हारी मेरी सांसों में बसी है।।
Deepak Dhania
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