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swarnimabajpai8313
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SWARNIMA BAJPAI

elegant lady who believes in simple living n high thinking....

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SWARNIMA BAJPAI

प्लास्टिक हटाओ,  सरकार चाहे तो एक झटके में प्लास्टिक का उत्पादन बंद कर सकती है, जैसे नोट बंद कर दिए थे 
और जबतक उत्पादन बंद नहीं होगा,
  तबतक देश  से प्लास्टिक कैसे हटेगी??
उत्पादन बंद कर दो,
जनता प्लास्टिक का उपयोग कुछ दिन बाद अपने आप बंद कर देगी।

©SWARNIMA BAJPAI #Noplastic

26 Love

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SWARNIMA BAJPAI

College में जनवरी की ठंड में,
मैं, तुम और कैंटीन की चाय को
Miss करती हूं मैं।

तुम्हें देख के, natural आने वाली 
मेरी smile और तुम्हारे hi को
Miss करती हूं मैं।

"अच्छा ठीक है फिर मिलते है हम"
तुम्हारे इस तरह के bye को
Miss करती हूं मैं।

पढ़ते पढ़ते अचानक Chat करने लगना,
वो मेरे msgs, फिर तुम्हारे reply को
Miss करती हूं मैं।

©SWARNIMA BAJPAI #OneSeason #मैं तुम और कैंटीन की चाय

#OneSeason #मैं तुम और कैंटीन की चाय

30 Love

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SWARNIMA BAJPAI

डॉक्टर्स ये सच है कि,
 आप लोगों की जान बचाते हो, 
पर ये भी सच है,आजकल 
कुछ डॉक्टर्स ने हॉस्पिटल की आड़ में बिजनेस खोल रखा है और आम इंसान की जान तक का सौदा कर देते है। 
इसलिए एक प्रार्थना है,
 आपलोग पेशेंट को इंसान समझिए, customer नहीं।

धन्यवाद!!

©SWARNIMA BAJPAI #DearDoctors
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SWARNIMA BAJPAI

अगर धूप में तपन ना होती, 
तो छांव की कदर कौन करता,

उदासी सी दबी थी दिल में, नहीं तो
 यूं जाग कर शाम से सहर कौन करता ।

कुछ तो कसक बाकी होगी रिश्ते में, नहीं तो
अब तक तेरा इंतजार हर पहर कौन करता।

नज़रअंदाज होकर भी ढूंढती थी नज़र तुझे, 
यूंही समा में तेरी तरफ नजर कौन करता ।

कोई दोस्त नहीं था बीच में इसलिए खुद आना पड़ा, 
तू अब भी है मुझमें ज़िंदा, तुझे ये खबर कौन करता।

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords

28 Love

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SWARNIMA BAJPAI

उसका इश्क भी धूप–छांव सा है यारों,
वो ज्यादा देर तक,
मुझसे बात करे तो सुकून लगता है,
और किसी और से बात करे,
तो जलन होने लगती है।💞

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords

25 Love

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SWARNIMA BAJPAI

धीरे–धीरे मोहन की मुरली, मेरे मन को मोहत है,
मंद–मंद मुस्कान अधर पे,मस्तक पे मोरपंख जो सोहत है।

ना बनना चाहूं राधा–मीरा, ना नृत्य करन की चाहत है,
बनू यशोदा माई श्याम की, जब कृष्ण बाल्य में होवत है। 

खो जाऊं मैं पग घुंघरू में, जो छम–छम करके बाजत है,
मुंह में माखन, घुंघराली अलकें औ नयनो में भरी शरारत है।

गोदी लेके प्रेम करू मैं, जब कान्हा खेल में रोवत है,
जी भर के देखू नटखट को, जब भी झूले में सोवत है।

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords #वात्सल्य_रस
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SWARNIMA BAJPAI

किसी के रहन–सहन का स्तर तभी उच्च कहलाएगा, 

जब उनके कपड़ो के साथ सोच भी ब्रांडेड हो।
जब उनके बड़े घर के साथ दिल भी बड़े हो ।
जब घर में पुरुष की बादशाही हो तो स्त्रियों की बराबरी भी हो ।
जब घर में कुत्ता पाले, पर गाय पालने पर कभी शर्मिंदा ना हो।

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords

24 Love

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SWARNIMA BAJPAI

किसी के रहन–सहन का स्तर तभी उच्च कहलाएगा, 
जब उनके कपड़े नहीं बल्कि सोच ब्रांडेड हो।

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords

26 Love

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SWARNIMA BAJPAI

मैं जीवन की भाग–दौड़ सी, तुम मेरे ठहराव प्रिय,
मैं कल–कल बहती नदिया सी, तुम हो जीवन की नाव प्रिये।

मैं सूरज सी गुस्से वाली, तुम शीतल राकेश प्रिये,
मैं लंबी–चौड़ी हूं किताब सी, तुम छोटा संदेश प्रिये।

मैं तर्क–शास्त्र सी ज़िद्दी हूं, तुम सरल भाव पर्याय प्रिये,
मैं रात की कॉफी–मैगी सी, तुम प्रातः की चाय प्रिये।

मैं उड़ते केशो जैसी बिखरी, तुम नियमित हिय की चाल प्रिये,
मैं काव्य के कल्पित छंदों सी, तुम इन छंदों की ढाल प्रिये।

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords

28 Love

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SWARNIMA BAJPAI

जात–पात मानो सभी, जैसा हो व्यवसाय ।
और जो खाली होए, उसे नल्ला लियो बुलाए।।
पर जो नल्ला कहलाए , असल में होवे तेज।
घर में हाथ बटाएं वो, औ खर्च में करै परहेज।।
दूर रखो तुम जात को, जब होवे इनकी चाह।
खाना–पानी, नौकरी, और करने जाओ ब्याह।।
जात की धौंस में होएगी, बस खाने की पूर।
आरक्षण में नौकरियां, हो जायेगी चकनाचूर।।
सबसे ज्यादा प्रेमी डरे, उठती ऐसी पीर।
बन जाते है रांझड़ा, और कुछ बन जाते हीर।।
दिल टूटे आवे खिन्नता, होए अंधेरी रात।
क्योंकि फन फैलाए के, बैठा है जात–पात।।

©SWARNIMA BAJPAI #Twowords जातिवाद पर छोटा सा व्यंग्य .

#Twowords जातिवाद पर छोटा सा व्यंग्य .

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