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vaibhavipandey6686
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वैभवी पांडेय

आशावादी 🌸🌸 #मेरी_कलम_से....✍️

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वैभवी पांडेय

समय ने ज़िन्दगी को कविता बना दिया,
 जीवन के प्रवाह को अविरल बना लिया।
कहीं पत्थरों की चोट तो,कहीं झरनों की मिठास है,
छिटकती हुईं बूंदों ने ज़िंदगी को गुलशन बना दिया।
खुशियों ने भी हंस दिया, मुस्कुराते चेहरे को देखकर,
कि कैसे एक इंसान ने ज़िन्दगी को अपना बना लिया।।
 


                                                   वैभवी_पांडेय #worldpostday
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वैभवी पांडेय

ज़िन्दगी की कहानियां भी शायद उन नदियों सी होती है,
किसकी कहानी कब किससे जाकर मिल जाए ,
किसी को पता नहीं होता!!

                              वैभवी_पांडेय #worldpostday
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वैभवी पांडेय

तम्माओं से भरे इस शहर में,
ख्वाहिशों की बारिशें हो रही थी।
बातें तो बहुत कहना चाहा मैंने,
पर शायद मैं खुद से ही कतरा रही थी।

तुझे समझाते - समझाते मैं
खुद ही समझ चुकी थी।
शायद ज़िन्दगी की अनसुलझी पहेलियों में,
मैं खुद ही उलझ चुकी थी।
  


                                    वैभवी_पांडेय #leftalone

12 Love

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वैभवी पांडेय

हरदम तुझे भुलाने की कोशिशों में,
तेरी यादों के बुने जाल में फंसती जा रही हूं।
तेरे दिए उन प्यारे लम्हों को सहेजे थी मैं,खुद में,
पर अब तो ,मैं खुद ही थकती जा रही हूं।
शिकायतें करूं तुझसे या खुद से तेरे बेवफ़ाई के,
जब मैं तेरी शिकायतों से खुद ही कतरा रही हूं।
शायद मैं तुझे भुलाने की हर बार नाकाम कोशिशें किए जा रही हूं।।
 


               वैभवी_पांडेय #raindrops

11 Love

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वैभवी पांडेय

ये नजरें भी क्या खूब कमाल करतीं है,
चाहत की हर बात बयां करती हैं।

जवाब मांगों तो,

अपनी भींगी पलकों को उठाकर,
खुद को बदनाम किया करती हैं।

                                   वैभवी_पांडेय #HindiDiwas2020
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वैभवी पांडेय

लिखना तो बहुत कुछ चाहती हूं,
पर क्या लिखूं,  

तेरा अंदाज़ लिखूं या अपने जज़्बात लिखू
किसका सच ,और किसका झूठ लिखूं,
तुझे हर मर्तबा देखकर जो महसूस करती हूं ,
या वो एहसास लिखूं।
तेरा अंदाज़ लिखूं या अपने जज्बात लिखूं।

तुझे भुलाने की कोशिशों में 
 ,तेरे यादों में दुबारा सिमट जाना लिखूं,
तुझे तालाब के पानी सा ठहरा लिखूं 
या कल - कल करते झरनों से बहता लिखूं ,
तेरा अंदाज़ लिखूं या अपने जज़्बात लिखूं ।

हंसी वादियों में तेरा मुझपर लुटाया हुआ प्यार लिखूं ,
या तेरे लौट का आने का इंतज़ार लिखूं,
एहसासों में तेरी खुशबू लिखूं,
या तेरी चाहत बेहिसाब लिखूं ,
तेरा अंदाज़ लिखूं या मेरे जज़्बात लिखूं।

तू ही बता दे , मैं क्या लिखूं🤗 
              
                             वैभवी_पांडेय #teachersday2020
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वैभवी पांडेय

क्या मैं गलत थी,
लाखों उलझे सवालों का जवाब जानना चाहा,
तुझसे गुफ्तुगू करना चाहा,
तो क्या मैं गलत थी।
तुझे पर्दे कि आड़ से देखना चाहा,
तुझे समझना चाहा,
तो क्या मैं गलत थी।
तुझसे प्रेम चाहा ,
तुझसे अधिकार चाहा, 
तो क्या मैं गलत थी।
क्या किसने,क्यूं,कैसे,कहा बताना चाहा,
तुझे अपना सच जताना चाहा,
तो क्या मैं गलत थी।
क्यूं बिना सुने चले गए तुम,
क्या मैं सचमुच इतनी गलत थी।।।।
       
                                             वैभवी_पांडेय #reading

10 Love

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वैभवी पांडेय

💝मां 💝
मां तू कैसे समझ जाती है,
मेरी सूखी आंखों के पीछे छुपे हुए आंसू,
मेरी बोली के पीछे छुपा हुआ मौन।
मां तू कैसे समझ जाती है,
वो हर बात जो मैं तुझे बताना चाहती हूं,
बिन कुछ कहे कैसे मुझे समझा जाती है।
मां तू कैसे समझ जाती है,
जब मैं तेरे आंचल को पकड़कर मां - मां कहती हूं,
और तू मुझसे मेरे ठीक होने का सवाल करती है।
मां तू कैसे समझ जाती है,
जब तेरी गोद में लेट कर मैं अपनी नम आंखों को ,
तेरे पल्लू के कोने से छुपाती हूं,
तू कैसे मेरा चेहरा पढ़कर मुझे बहलाती है,
मां तू कैसे सब समझ जाती है।।। 
    
                                           वैभवी _पांडेय #alone

8 Love

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वैभवी पांडेय

सुना है, मैंने...
तेरी खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं,
जब तू अंधेरी रात में, टिमटिमाते तारों के बीच बैठ कर , चांदनी के चांद को निहारती है।
तब है ,अहसास मुझे...
कि जाने - अनजाने तू बस मुझे ही याद करती है।
और यूं तो,
जब तू मुझे भुलाने की कोशिशों में ...
कमरे की उन किताबों के सफहे उलटती है,
तो एक बार फिर, मेरी यादों के जाल में उलझती है।।।।
    
                                             वैभवी_पांडेय #MichaelJackson
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वैभवी पांडेय

कितना अजीब है ना,
सोचना बहुत कुछ ,
पर कह कुछ भी ना पाना,
कितना अजीब है ना,
साथ चलते - चलते ,
अचानक अज़नबी बन जाना,
कितना अज़ीब है ना,
अपनी हंसी को होंठो में दिखाकर,
दिल को रोता हुआ छोड़ जाना,
कितना अज़ीब है ना,
सामाजिक बंदिशों को तोड़ने का बीड़ा उठाना,
और उस बंदिशों को खुद ही मान जाना,
कितना अजीब है ना,
ख़ामोशी से दो पल टहलना,
फिर अचानक से ठहरना ,
कितना अजीब है ना,
मन में निराशा का लहरना,
फिर अचानक से उम्मीद से बहलना,
कितना अजीब है ना,
तेरा मेरा बिछड़ना!!!



                                             वैभवी_पांडेय #peace

10 Love

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