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akanksha1807
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Akanksha Prajapati

कुछ ख़ास नहीं ......!!🙂❤🖤

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Akanksha Prajapati

#नौसेना_दिवस 
हम भारत की नौसेना दुश्मन से कहाँ डरते हैं।
समुंदर की लहरों को पार करके आगे बढ़ते हैं।
 जीवन में आएँ चाहे जितनी तकलीफे,हम पीछे कहाँ हटते हैं।
आसमान के चप्पे-चप्पे पर सदा पहरा रखते हैं।
 हम भारत की नौसेना दुश्मन से कहाँ डरते हैं।
 धरती के विध्यांचल से लेकर हिमालय पर लगा पहरा हैं।
 छोडे़गे नहीं ये प्रण अपना हिंदुस्तान का झंडा लहराएगें।
 हम हर एक श्वास में वंदे मातरम् गाएगें।

©Akanksha Prajapati #Mic
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Akanksha Prajapati

धिक्कार रही आत्मा हृदय से,समय ये कैसा आया है। 
चुन-चुन कर कुछ बातों ने मेरे शरीर को खाया है। 
हृदय गति है मंद-मंद जीवन की रेखा क्षीण हुई।
इस मानव रूपी जीवन की समय अवधि पूर्ण हुई।

©Akanksha Prajapati #Life #Love 

#horror

Life Love #horror

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Akanksha Prajapati

क्या शिरक़त अदा करते वो बुरे वक्त में हमारे, 
हम तो खुद ही उनसे बहुत दूर जाने लगे थे।
मुर्शाद इश्क़ साथ नहीं देता जिंदगी के हर मोड़ पर ,
कमबख़्त हम ही उनसे हर रिश्ता निभाने चले थे ।।

©Akanksha Prajapati #fourlinepoetry 

#fourlinepoetry
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Akanksha Prajapati

#FourLinePoetry चाँद की रोशनी और ये मौसम बड़ा सुहाना था ,
भीनी-भीनी सी सुगंध और नदी का किनारा था।
इश्क़ की तारीखों को हर बार यूँ ही गुज़र जाना था।
रात में चाँद के बहाने उन्हें देखने छत पर जो जाना था।

©Akanksha Prajapati #fourlinepoetry 
#fourlinepoetry
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Akanksha Prajapati

शीर्षक - ईश्वर 
हैं कहीं ना कहीं पर दिखता नहीं,
मंदिरों में जब ढूँढ़ती हूँ मुझे मिलता नहीं।
हैं ईश्वर कहाँ रहते हो तुम...??
शायद तेरा घर मेरा दिल तो नहीं।
मैं हर रोज की तरह जाग जाती हूँ।
तुम हो कहीं न कहीं यह महसूस होता हैं।
शायद ईश्वर मेरी माँ के रूप में घर में रहता हैं।
महसूस होते हो मुझे जैसे मेरे दिल की धड़कन,
इन धड़कनों को तेरे होने का आभाष होता हैं।
ये दिल भी तुम्हें याद करके कभी-कभी रोता हैं,
जब तेरा ये बालक बड़ी परेशानी में होता हैं।।
हैं बहुत सी जगह तुझे पाने की ,
ना जाने क्यों ये अन्तःकरण मुझे आवाज देता हैं।
मेरा दिल मुझसे कहता हैं तेरा ईश्वर तेरे दिल में रहता हैं।।

©Akanksha Prajapati #God #Poetry 

#MessageToTheWorld
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Akanksha Prajapati

#AugustCreator 
#ईश्वर 
#कविता 
#LoveStrings

AugustCreator ईश्वर कविता LoveStrings

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Akanksha Prajapati

#FourLinePoetry चाँदनी चाँद से सरेआम कहती हैं,कि वो मोहब्बत करती हैं।
मोहब्बत का पैगाम मेरा ,उस तक कोई तो पहुँचा दो।
मैं अकेली हूँ , ख़ामोश हूँ , बड़ी परेशान सी रहती हूँ।
मैं उसे पल-पल याद करके,इन तन्हा रातों में रोती हूँ।।

©Akanksha Prajapati #fourlinepoetry 

#fourlinepoetry
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Akanksha Prajapati

#FourLinePoetry  ये रातें काली-काली हैं ,सूरज की छुपाती लाली हैं।
इन सूनी-सूनी गलियों में, दिल मेरा भी मचलता हैं।
लेकिन ये सोचकर दिल मेरा, हर बार क्यों घबराता हैं।
इन काली-काली रातों में, हैवान नज़र क्यों आता हैं।।

©Akanksha Prajapati #fourlinepoetry 
#fourlinepoetry
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Akanksha Prajapati

#FourlinePoetry यूँ तो मिल जाता हैं हर इंसान इस अंजान सी दुनिया में,
कमबख़्त उनसे मिलने की हस़रतें कभी पूरी ही ना हुई।
जल चुके हैं लाखों रिश्ते इस नफ़रत की चिंगारी में।
प्रेम,मोहब्बत सब ख़ाक हो गए स्वार्थ रूपी अंधियारी में।।

©Akanksha Prajapati #fourlinepoetry 

#fourlinepoetry
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Akanksha Prajapati

#FourLinePoetry  इन खंडहरों की भी कुछ कहानियाँ हुआ करती हैं,
कुछ राज,कुछ किस्से ,कुछ निशानियाँ हुआ करती हैं।
यूँ तो बिक जाते हैं हर मोल के पत्थर ,इस दुनियाँ के बाजार में।
लेकिन इन पत्थरों से अलग ,हीरे की पहचान हुआ करती है।।

©Akanksha Prajapati #fourlinepoetry 
#diary 

#fourlinepoetry
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