दिल की अनुभूतियों को कोशिश की है शब्दो में पिरोने की,एक चाहत है उसकी सुरभि से आपके अंतर्मन को भिगोने की। Life isn't always easy — nor do we expect it to be — but when you bring a few laughs into your day, things get a little easier. My oth expertise in Painting, writing, vaastu expert,astral experts,palmist reiki grand master and astrology its just my hobby I m official certified consultant nd retired from Govt sector as an sr. Executive.
Lalit Saxena
तुम धीरे धीरे मरने लगते हो अगर तुम यात्राएं नहीं करते अगर तुम पढते नहीं....... अगर तुम जीवन की आवाज को नहीं सुनते अगर तुम अपने से सामंजस्य बिठाकर, अपनी उचित सराहना नहीं करते | तुम धीरे धीरे मरने लगते हो, जब तुम अपने आत्म-सम्मान को मार देते हो; जब तुम दूसरों को तुम्हरी सहायता नहीं करने देते तब तुम धीरे धीरे मरने लगते हो अगर तुम अपनी आदतों के दास बन जाते हो, अगर तुम रोजाना एक ही पथ पर चलने लगते हो… अगर तुम ढर्रे पर चल रहे दैनिक जीवन में परिवर्तन नहीं लाते, अगर तुम भिन्न भिन्न रंगों के कपड़े नहीं पहनते अगर तुम उनसे बात नहीं करते जिन्हें तुम पहले से नहीं जानते| तुम धीरे धीरे मरने लगते हो अगर तुम उत्साह और जूनून के भावों को नजरंदाज करने लगते हो और उन भावनाओं के विचलन से डर जाते हो जो तुम्हारी आँखों में चमक लाती रही हैं, और तुम्हारे ह्रदय की धडकनों को बढाती रही हैं| तुम धीरे धीरे मरने लगते हो अगर तुम अपने जीवन में उस समय परिवर्तन नहीं लाते जब तुम अपनी नौकरी से पूर्णतया अ संतुष्ट हो गये हो, या तुम अपने वर्त्तमान प्रेम से ऊब गये हो, जब तुम अंजाने के भय की खातिर उसे कसौटी पर रखने का जोखिम नहीं उठाते जिसे तुम सुरक्षित मान कर जिससे चिपक गये हो, अगर तुम अपने सपने का पीछा नहीं करते, अगर तुम अपने को, जीवन में कम से कम एक बार, अच्छी लगने वाली सलाह से दूर भागने के लिए तैयार नहीं करते… तुम धीरे धीरे मरने लगते हो| मरने लगते हो, इसलिए जीवन के सही अर्थ को समझो वरना मरने से पहले मर जाओगे। मेरी अन्य रचनाओं से भिन्न है क्योंकि आध्यात्म सार है जीवन का 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 #विचार
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Lalit Saxena
हिंदी विचार व्यक्तिगत
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